अर्द्ध वार्षिक परीक्षा कक्षा 6- विषय हिंदी प्रश्न पत्र 2022/23 पठित पुस्तक खंड 1.लघुत्तरीय प्रश्न -अंक- 5 क-चिड़िया आनंदपूर्वक क्या खाती है? ख -चिड़िया के पंख के रंग कैसे हैं? ग-चिड़िया को खाने में क्या पसंद आता है? घ-नादान दोस्त’ पाठ के लेखक कौन हैं? ड.इतवार की सुबह लेखिका कौन सा काम करती थी? प्रश्न 2.विस्तृत उत्तरीय- 16अंक क-केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे? ख-अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था? ग-बरछी’ ‘कपाण’ ‘कटारी’ उस ज़माने के हथियार थे। आजकल के हथियारों के नाम पता करो। घ-पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्यों छेड़ते थे। ड.-लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं? च-चिड़िया ने स्वयं को संतोषी क्यों कहा? छ-"किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई" ,इ...
Posts
मैं धरती हूं (धरती की पुकार)
- Get link
- X
- Other Apps
सरला भारद्वाज 30/5/2022-4 pm) मैं धरती हूं सुत!हर ज़ुल्म तेरा मैं सहती हूं। सहन नहीं अब मुझसे होता, अपने हाथों जीवन खोकर , तू अपने कर्मों को रोता। भौतिकता की छोड़ चमक, सुख पायेगा, सच कहती हूं। मैं धरती हूं सुत!! सांसे फूल रहीं अब मेरी, हे सुत! तनिक लगा ना देरी। संकट बजा रहा रणभेरी। मुझे बचाकर खुद को बचा ले, आर्तनाद से कहती हूं। मैं धरती हूं सुत!!! मां हू मां सा आदर चाहूं, बंजर से हरियाली चाहूं। मात्र तेरी खुशहाली चाहूं। हरियाली की ओढ चुनरिया, मुदित सदा मैं रहती हूं। मैं धरती हूं सुत!! करुणा रूपी सूख रहा जल, जाने तेरा कैसा हो कल? करता तू खुद ही से छल -बल। तू उजाड़ करता जाता , प्रति पल मैं ज्वर को सहती हूं। मैं धरती हूं सुत। जीवन के हित नीर बचा ले। पेड़ लगा ले नीड़ बचा ले। प्यारी नदियों के तीर बचा ले। नेह नीर नयनों में ले , करूणिम गंगा बन बहती हूं। मैं धरती हूं सुत !!
आदि न अंत
- Get link
- X
- Other Apps
'अरे कन्हाई! कहाँसे आ गये तुम ?' 'क्यों सखी! मेरा आना अच्छा नहीं लगा तुझे ?" 'इस बातका क्या उत्तर दूँ ?" 'क्या बात है, बोली नहीं तू! चला जाऊँ ?' 'श्याम......' – मेरे मुखसे निकला, नयन भर आये और कंठ रुद्ध हो गया, भला इतना भोला भी कोई होता है ? 'मेरा साथ तुझे अच्छा नहीं लगता ?' मेरे समीप बैठते हुए वे बोले'— मुझसे कुछ अपराध बन गया ?" मैंने 'नहीं' में सिर हिला दिया । अरी इतना बड़ा-सा सिर हिलायेगी पर दो अंगुलकी जीभ नहीं हिला सकती ?' 'क्या कहूँ ?' 'क्या कहनेको कुछ भी नहीं रह गया है ?" 'श्याम...... ।' 'श्याम-ही- श्याम कहेगी। मैं श्याम हूँ सखी ! पर तू तो उजरी है, फिर क्या चिंता है ! यहाँ क्यों बैठी है ? ' मैं बोली-'मन खो गया है' हँस पड़े कान्ह – ‘तो इस कुंजमें ढूँढ रही है उसे ? चल मैं ढूंढ़वा दूँ । उस दिन संदेश पहुँचा दिया उसका आभारी हूँ । ‘आभारको मैं क्या करूँगी! न ओढ़नेके काम आये, न बिछानेके ।' ‘तो तेरा क्या प्रिय करूँ इला ?' ‘मेरा प्रिय ! क्या कहूँ, कुछ कहते नही...
न्यूनतम प्राथमिक पाठ्यक्रम हिंदी
- Get link
- X
- Other Apps
भाषा कौशल विकास न्यूनतम पाठ्यक्रम हिंदी कक्षा ६ ,७ ,८ ,९ हेतु १.वर्णमाला - स्वर और व्यंजन में अंतर , पहचान और प्रयोग। २.स्वर मात्रा - सही उच्चारण एवं लेखन प्रयोग। ३ सप्ताह में तीन दिन श्रुति लेख (धारा प्रवाह लेखन एवं वाचन साथ- साथ ) सप्ताह में एक दिन प्रतियोगिता। ४.पत्र लेखन- प्रार्थना पत्र और शिकायती पत्र, शुभ कामना पत्र व्यवसायिक पत्र। पोस्ट कार्ड पर भी अभ्यास करा सकते हैं। ५.नैतिक बोध के दोहे -लेखन स्मरण प्रयोग और प्रतियोगिता। (रहीम ,कबीर) शुद्ध उच्चारण और लेखन पर बल। प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय। राजा परजा जेहि रूचै, सीस देइ ले जाय।। दोहे का अर्थ: इस दोहे में कवि कहते हैं कि प्रेम खेत में नहीं पैदा होता है और न ही प्रेम बाज़ार में बिकता है। चाहे कोई राजा हो या फिर कोई साधारण आदमी सभी को प्यार आत्म बलिदान से ही मिलता है, क्योंकि त्याग और बलिदान के बिना प्रेम को नहीं पाया जा सकता है। प्रेम गहन- सघन भा...
12 हिंदी प्रथम मासिक 2022
- Get link
- X
- Other Apps
1.हिन्दी प्रथम मासिक 2022 -कक्षा- द्वादश पूर्णांक 40 . हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ ? (क) सन् 1909 में (ख) सन् 1907 में (ग) सन् 1908 में दो(घ) सन् 1909 में 2. दिन ढलने के साथ बच्चे कहाँ से झाँकने लगे होंगे ? (क) खिड़की से (ख) छत से (ग) दरवाजे से (घ) नीड़ों से 3. हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहाँ हुआ? (क) इलाहबाद (ख) हरिद्वार (ग) सूरत (घ) वाराणसी 4. हरिवंश राय बच्चन किस वाद के प्रवर्तक माने जाते हैं ? (क) समाजवाद (ख) साम्यवाद (ग) हालावाद (घ) प्रयोगवाद 5. 'मुझसे मिलने को कौन विकल ?' 'दिन जल्दी-जल्दी ढलता है', गीत का यह प्रश्न उर में क्या भरता है ? (क) शिथिलता (ख) चंचलता (ग) विह्वलता (घ) उपर्युक्त सभी 6. किसके बच्चे प्रत्याशा में होंगे ? (क) गाय के (ख) कवि के (ग) पंथी के (घ) चिड़ियाँ के 7. किसका ध्यान करके चिड़ियाँ के परों में चंचलता आ जाती है ? (क) खाने का (ख) अपने साथी का (ग) अपने बच्चों का (घ) सभी का 8 दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता हरिवंश राय बच्चन के किस काव्य संग्रह से ली गई है? (क) निशा-निमंत्रण (ख) मधुबाला (ग) मधुशाला (घ) एकांत संग...
पंच दिवसीय फाइल हिंदी 9th
- Get link
- X
- Other Apps
- कक्षा -नवम विषय हिंदी- नोट-कोई50प्रश्न हर करें- प्रश्न 1. दो बैलों की कथा नामक पाठ में जानवरों में सबसे अधिक बुद्धिहीन किसे माना गया है: – 1. गाय 2. बैल 3. लोमड़ी 4= गधा प्रश्न 2. इस पाठ के आधार पर दो बैल है उनके नाम हैं:- 1.सोना और चांदी 2.हीरा और मोती 3..चुन्नू-मुन्नू 4=इनमें से कोई नहीं प्रश्न 3. इस कहानी के लेखक हैं:- 1.प्रेमचंद 2. जाबिर हुसैन 3.राजेश जोशी 4.ओम प्रकाश प्रश्न 4. ‘दो बैलों की कथा’ हमें सीख दे रही है:- 1.शत्रु को शत्रु समझना उचित है 2.मालिक की सेवा करते रहना 3.आजादी के लिए स्वयं लड़ना 4.दूसरोंके अत्याचार सहते रहना प्रश्न 5. पाठ के अनुसार गधे के गुण हैं:- १. मेहनत २. अध्ययन ३. सीधा-पन ४. चालाक प्र०6. हीरा और मोती की गहरी ...
हिंदी विषय में पाठ्य उद्देश्य सीबीएसई पाठ्यक्रम हिंदी
- Get link
- X
- Other Apps
पाठ्यक्रम और पाठ्य उद्देश्य साहित्य समाज का दर्पण है।यह सभी जानते और मानते हैं। परन्तु मैं मानती हूं की साहित्य समाज निर्माता भी है और संस्कार रूपी झाड़ू भी है। व्यक्ति को बचपन जैसा साहित्य परोसा जाता है वैसा ही आंतरिक व्यक्तित्व और आचरण होता है। अतः पाठ्यक्रम में बालको के शारीरिक ,मानसिक, प्राणिक , बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास यानी समग्र कौशल विकास को ध्यान में रखकर देश और समाज के लिए उपयोगी नागरिक तैयार करने में पाठ्यक्रम का विशेष हाथ होता है । वास्तव में साहित्य वही है जो देश समाजोपयोगी हो, मानवोपयोगी हो। बाकी सब अनुपयोगी है। अनुपयोगी के निस्तारण का कार्य भी सद्साहित्य का ही है। अतः पाठ्यक्रम तैयार करते समय बालकों के समग्र विकास का विशेष ध्यान रखते हुए भाषा के क्षेत्र में जो पाठ संकलित किये जाते हैं ,उस प्रत्येक पाठ के कुछ पाठ्य उद्देश्य भी होते हैं। आइये जानते हैं सीबीएसई द्वारा निर्धारित एन सी ई आर टी की बसंत हिन्दी पुस्तकों के पाठ्यक्रम का क्रमशः कक्षावार पाठ्यउद्देश। कक्षा षष्ठम- पुस्तक बसंत भाग -एक पाठ -1- वह चिड़िया जो कविता-...