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संस्कृत 6th वार्षिक विषय वस्तु पाठ्यक्रम

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प्रथम पाठ अकारांत पुल्लिंग  जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में अ की ध्वनि निकलती है वह अकारांत पुल्लिंग कहलाते हैं।नीचे दी गई वीडियो को देखकर आसानी से पाठ को समझा जा सकता है। अभ्यास कार्य प्रथम पाठ द्वितीय पाठ आकारांत स्त्रीलिंग स्त्री जाति का बोध कराने वाले ऐसे शब्द जिनके अंत आ ध्वनि से होता है  ,अकारांत स्त्रीलिंग कहलाती है।  तृतीय पाठ -अकारांत नपुंसकलिंग बकस्य प्रतिकार पाठ: विमान यानं    इस प्रश्न के उत्तर में आपको पूरी कविता गाकर पढ़नी है,  याद करनी है ,शब्दों का सही उच्चारण सीखना है ,कॉपी पर लिखनी है।     प्रश्न 5.- पर्याय पदानि योजयत उत्तर- विमले- निर्मले  गगने -आकाशे सूर्य : -दिवाकर : चंद्र :  -निशाकर: अम्बुद : _जलद: संधि संधि का अर्थ दो ध्वनियों को आपस में मिलाने से, जो ध्वनि में परिवर्तन उत्पन्न होता है ,उसे संधि कहते हैं।  संधि तीन प्रकार की होती हैं                                                  ...

पापा खो गए क्लास सेवंथ हिंदी

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 पाठ सारांश(सारांश की वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को टच करके कॉपी करके चलाएं) https://youtu.be/cLkjGRPBDWo प्रश्न उत्तर अभ्यास प्रश्न१.नाटक में आप को सबसे अधिक बुद्धिमान पात्र कौन लगा है ?और क्यों ? उत्तर  नाटक में सबसे अधिक बुद्धिमान पात्र हमें कौआ लगा ,क्योंकि वही एक ऐसा पात्र है जो लड़की को बचाने और लड़की को उसके घर पहुंचाने की तकनीकी बताता है ।तरीका बताता है ।सुझाव देता है। वह खंभे से कहता है तुम जरा टेढ़े हो जाना ।मैं दौड़ दौड़ कर लोगों को इधर लाने का प्रयास करूंगा। उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करूंगा ।उनके सामान उठा उठा कर लाऊंगा। इस तरह से पुलिस को पता चल जाएगा और लड़की को उसके घर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। प्रश्न2.पेड़ और खाने में दोस्ती कैसे हुई ? उत्तर एक बार बहुत तेज आंधी और बारिश आई। तूफ़ान आया ।कड़कती हुई बिजली खंभे पर गिरी, और खम्मा गिरने ही वाला था, कि पेड़ ने उसे गिरने से बचा लिया ।उसने अपनी डालियों पर खंभे को साध लिया। जिसमें पेड़ घायल भी हो गया। उसे चोट भी लगी। पहले खम्मा और पेड़ आपस में अकड़ते थे। एक दूसरे से बात न करते थे। परंतु इस घटना के बाद...

नेताजी का चश्मा 10th Hindi

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 पाठ सारांश कहानी प्रश्न उत्तर अभ्यास प्रश्न नंबर 1  सेनानी ना होते हुए भी लोग चश्मे वाले को कैप्टन क्यों कहते थे? उत्तर  सेनानी ना होते हुए भी लोग चश्मे वाले को कैप्टन इसलिए कहते थे ,क्योंकि सेनानियों के प्रति देशभक्तों की प्रति कैप्टन के मन में देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। वह उनका बहुत सम्मान करता था। प्रतिदिन कैप्टन चौराहे पर आकर नेता जी की मूर्ति के सामने सलामी देता था, और उनका चश्मा बदलता था ।इसी कारण लोग उसे कैप्टन कहकर पुकारते थे। प्रश्न नंबर दो  हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने से मना किया पर बाद में तुरंत गाड़ी रोक वाई इसका क्या कारण है निम्नलिखित बिंदुओं के उत्तर दीजिए (क) हालदार साहब सबसे पहले मायूस क्यों हुए? (ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?  (ग)हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक क्यों हो उठे थे? उत्तर पहले हालदार साहब ने ड्राइवर को चौराहे पर गाड़ी रोकने से मना किया क्योंकि उन्हें आशा थी कि कैप्टन की मृत्यु के बाद और नेताजी की मूर्ति पर चश्मा बदलने वाला कोई नहीं बचा अतः अब उत्सुकता पूर्ण कुछ देखने को रही ...

संदेश लेखन एवं अनुच्छेद लेखन

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 प्रिय विद्यार्थियों सीबीएसई द्वारा 2020, 21 के पाठ्यक्रम में संदेश लेखन नाम का एक नया व्याकरण बिंदु शामिल किया गया है जो 5 अंक का है। संदेश लेखन का अर्थ या परिभाषा- किसी एक व्यक्ति या समूह के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति या समूह को भेजे जाने वाले संदेश जानकारी या विचार जो लिखित रूप में हो, उसे संदेश कहते हैं, यह संदेश सार्वजनिक भी हो सकते हैं और व्यक्तिगत भी ,और यही जानकारी ,यही बिंदु परीक्षा में संदेश लेखन के नाम से शामिल है।                             संदेश लेखन के प्रारूप संदेश लेखन के दो कारण है जो दर्शनीय हैं- संदेश लेखन के प्रकार- संदेश लेखन के निम्नलिखित प्रकार हैं- 1.शुभकामना संदेश -   किसी परीक्षा यात्रा प्रतियोगिता आदि के लिए                                   दिए जाने वाले संदेश, जन्म दिवस की बधाई और शुभकामनाएं। परीक्षार्थी की कापी जिसमें मिले उसे पूरे अंक   2.बधाई संदेश - पदोन्नति ,पुत्र प्राप्ति, नौ...

रक्त और हमारा शरीर

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 पाठ सारांश वीडियो देखने के लिए नीचे दी गई लिंक को कॉपी करके सर्च करें चलाएं और देखें। रक्त और हमारा शरीर . httpअs://youtu.be/SC1iLALi8Uw    प्रश्न उत्तर अभ्यास  पाठ से प्रश्न नंबर 1. रक्त के बहाव को रोकने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए? उत्तर रक्त के बहाव को रोकने के लिए हमें घाव के स्थान को साफ करके  साफ कपड़े की पट्टी बांध देनी चाहिए। जिससे खून को बहने से रोका जा सके। उसके बाद मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।  प्रश्न नंबर 2. खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा गया है ? उत्तर -खून को भानुमती का पिटारा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह विभिन्न आश्चर्यजनक जानकारियों से भरा हुआ है। जो सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखने पर पता चलता है। प्रश्न नंबर 3 .एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए ? उत्तर  एनीमिया से बचने के लिए हमें लौह पदार्थ से युक्त हरी सब्जियां जैसे मेथी, पालक, बथुआ ,चौलाई ,लेनी चाहिए। दूध, दही, मट्ठा ,दाल चावल मौसमी फल, विभिन्न तरह के अनाज आदि पौष्टिक भोजन ग्रहण करना चाहिए, तथा पेट में कीड़े नहीं होने देने चाहिए। साफ सफाई का विशेष ...

वाख,9th ( ललद्य)

1 रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव । जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार। पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे। जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।। शब्दार्थ–नाव-शरीर रूपी नाव । देव-प्रभु, ईश्वर। भवसागर-संसार रूपी सागर । कच्चे सकोरे-मिट्टी का बना छोटा पात्र जिसे पकाया नहीं गया है। हूक-तड़प, वेदना। चाह-चाहत, इच्छा।  भावार्थ : कवयित्री कहती है कि वह अपने साँसों की कच्ची रस्सी की सहायता से इस शरीर-रूपी नाव को खींच रही है। पता नहीं ईश्वर मेरी पुकार सुनकर मुझे भवसागर से कब पार करेंगे। जिस प्रकार कच्ची मिट्टी से बने पात्र से पानी टपक-टपककर कम होता रहता है, उसी तरह समय बीतता जा रहा है और प्रभु को पाने के मेरे प्रयास व्यर्थ सिद्ध हो रहे हैं। कवयित्री के मन में बार-बार एक ही पीड़ा उठती है कि कब यह नश्वर संसार छोड़कर प्रभु के पास पहुँच जाए और सांसारिक कष्टों से मुक्ति पा सके।   शब्दार्थ–अहंकारी-अभिमानी, घमंडी। सम-इंद्रियों का शमन। समभावी-समानता की भावना। साँकल-जंजीर।  भावार्थ-कवयित्री मनुष्य को मध्यम मार्ग को अपनाने की सीख देती हुई कहती है क...

लहासा की ओर 9th राहुल सांकृत्यायन

 प्रश्न 1.  थोड्ला के पहले के आखिरी गांव पहुंचने पर भिख मंगे के भेष में होने के बावजूद भी लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला ।जबकि उसे दूसरी बार भद्र वेश में भी उसे ठहरने के लिए उचित स्थान ना मिला। ऐसा क्यों? उत्तर-प्रथम यात्रा में लेखक भिख मंगे के वेश में गया था, फिर भी उसे थोड्ला के  पास के गांव में रहने के लिए उचित स्थान मिल गया था। जबकि दूसरी बार वह भद्र वेश में था, परंतु उसे रहने के लिए उचित स्थान न मिला और उसे गरीब झोपड़े में रात काटनी पड़ी। क्योंकि इतने समय के अंतराल में तिब्बती समाज के लोगों में उनके विचारों में उनकी सोच में बहुत परिवर्तन आ चुका था। हथियार कानून न होने के कारण वहां के लोग हथियारों का प्रयोग लाठी-डंडों की तरह करते थे, जिससे तिब्बती समाज में लूटपाट हत्या आदि बढ़ गए थे ।जिससे लोगों का दूसरों से विश्वास उठ गया था। अब वे किसी पर भरोसा नहीं कर सकते थे। यही कारण था कि भद्र वेश में होने पर भी लेखक को दूसरी बार ठहरने के लिए उचित स्थान ना मिला। प्रश्न 2. उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था? उत्तर-उ...