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राम चरित मानस केवट संवाद

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  केवट का प्रेम और गंगा पार जाना चौपाई : * जासु बियोग बिकल पसु ऐसें। प्रजा मातु पितु जिइहहिं कैसें॥ बरबस राम सुमंत्रु पठाए। सुरसरि तीर आपु तब आए॥1॥ भावार्थ:- जिनके वियोग में पशु इस प्रकार व्याकुल हैं, उनके वियोग में प्रजा, माता और पिता कैसे जीते रहेंगे? श्री रामचन्द्रजी ने जबर्दस्ती सुमंत्र को लौटाया। तब आप गंगाजी के तीर पर आए॥1॥ * मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥ चरन कमल रज कहुँ सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई॥2॥ भावार्थ:- श्री राम ने केवट से नाव माँगी, पर वह लाता नहीं। वह कहने लगा- मैंने तुम्हारा मर्म (भेद) जान लिया। तुम्हारे चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं कि वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है,॥2॥ * छुअत सिला भइ नारि सुहाई। पाहन तें न काठ कठिनाई॥ तरनिउ मुनि घरिनी होइ जाई। बाट परइ मोरि नाव उड़ाई॥3॥ भावार्थ:- जिसके छूते ही पत्थर की शिला सुंदरी स्त्री हो गई (मेरी नाव तो काठ की है)। काठ पत्थर से कठोर तो होता नहीं। मेरी नाव भी मुनि की स्त्री हो जाएगी और इस प्रकार मेरी नाव उड़ जाएगी, मैं लुट जाऊँगा (अथवा रास्ता रुक जाएगा, जिससे आप पार न हो सकेंगे और मेरी रोजी मा...

हिंदी विभाग क्रिया कलाप पटल

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  शुभ दिन अनंत चतुर्दशी दिन -रविवार  दिनांक १९/९/२१ समय रात्रि ८ बजे   क्रिया कलाप-1. https://sarlapathshala.blogspot.com/2021/09/blog-post_19.html क्रिया कलाप -2. https://sarlapathshala.blogspot.com/2021/09/svm.html

Svm प्नथम हिंदी क्रिया कलाप शब्द संग्रह अर्थ बोध और प्रयोग

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    क्रिया कलाप 2 -   सही सुनें, सही लिखे, सही समझें,  सही गुनें ,और सही प्रयोग  इस क्रिया कलाप में हम प्रति दिन 5नये शब्द सीखेंगे, समझें , प्रयोग करेंगे और याद रखेंगे। कक्षा  (7, 8,9हेतु) स्वच्छंदता -मनमानी  1.उदाहरण:स्वच्छंदता के विपरीत हमें निष्ठा और गंभीरता से काम करना चाहिए। 2. उग्र -तीखा उदाहरण:अध्यापक उग्र होकर राम से बोले मेरी किताब को किसने फाड़ा। 3.कुटुंब- सभी का एक साथ रहना, भरा पूरा परिवार उदाहरण:कुटुंब परिवार ही सुखी परिवार होता है।  4.भीरुता -कायरता उदाहरण:युद्ध में अकबर को देखकर अबुल माली ने अपनी भीरुता दिखाई। 5.विलक्षण -अनूठा उदाहरण:सूर्य उदय के समय हमनें एक विलक्षण दृश्य देखा। 6.निर्दिष्ट- नियत किया हुआ उदाहरण:राम गोपाल वर्मा को अध्यापक पद के लिए ने निर्दिष्ट किया गया। 7.निवारण- किसी भी प्रश्न का हल ढूंढना उदाहरण:आपके सभी प्रश्नों का निवारण करने के लिए हमेशा तैयार हैं। 8.अवयव-किसी भी वस्तु का हिस्सा,  भाग ,अंग उदाहरण:यह पिछले पाठ का अवयव है। 9.संचित- इकट्ठा करना उदाहरण:वर्षा के पानी को संचित करके उसे काम में लिया जा सकता है। ...

जीवन जीने की कला सिखाते नीति के दोहे

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  मेधा- 1.- Svm ्क्रिया कलाप -( द्वितीय)  नैतिक बोध और नीतिवचन स्मरण। इस क्रिया कलाप में कबीर ,रहीम, और तुलसी जी के नीति परक दोहे  हैं। जो जीवन की कला सिखाते हैं। रेखांकित (गहरे काली स्याही वाले दोहे ही क्रिया कलाप में चयनित/ शामिल) दोहों में ज्ञान की अनमोल धारा समाहित होती है। सुखमय जीवन जीने का संदेश छिपा रहता है और यह सफलता पाने का अचूक मंत्र होता है। यही वजह है कि हिन्दी साहित्य के महान कवियों ने अपने दोहे के माध्यम से लोगों को काफी बड़ी सीख दी है, जिस पर चलकर कई लोगों ने न सिर्फ अपने जीवन में बदलाव किया है बल्कि वे लोग सफलता के पथ पर भी अग्रसर हुए हैं। कवियों ने अपने दोहों के माध्यम से जीवन की सच्चाई को उजागर किया है और लोगों को सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है। कई बार हम अपने अहं भाव की वजह से कई चीजों को निष्पक्ष रुप से नहीं देख पाते हैं जो हमारे इन महान कवियों एवं समाज सुधारकों ने देखा हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में हिन्दी साहित्य के महान कवि कबीरदास जी, रहीम दास जी और तुलसीदास जी के नीति के दोहों – नीति के दोहे को अर्थ समेत बताएंगे जिसमें कवियों ने...

पूर्व अनुमानित परीक्षा अभ्यास कार्य

 हिन्दी - पूर्व अनुमानित अर्द्ध वार्षिक परीक्षा 2021/22 ।          कुल अंक- 50           समय -90मिनिट   विशेष-इस प्रश्न पत्र में तीन खंड हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हे निर्देश अनुसार  समस्त प्रश्नों के सही विकल्प का चयन कीजिए-   खण्ड (क) अपठित बोध प्रश्न 1.  भारतीय संस्कृति में सत्य अहिंसा दया और परोपकार को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।स्वार्थ पूर्ति  हिंसा को बढ़ावा देती है। भारतीय संस्कृति में त्याग के साथ भोग का भी उपदेश दिया गया है। अतः जीवन में समरसता बनी रहती है।  नृत्य और संगीत के क्षेत्र में भी यहां समन्वय की भावना लक्षित होती है। कुचिपुड़ी मणिपुरी कत्थक आदि सभी नृत्य शैलियों में देवी देवताओं की आराधना की भावना लक्षित होती है ।कथक नृत्य शैली में नृत्य दरबार की संस्कृति का भी सुंदर रूप देखने को मिलता है ।भारतीय संगीत की विविधता में भी हमें एकता की भावना दृष्टिगोचर होती है साहित्य और संगीत के समान भारतीय वास्तुकला और मूर्तिकला में भी विविधता में एकता दिखाई देती है ।भारत पर्व, उत्सवों क...