आपरेशन सिंदूर ,जय बजरंगबली
चली चली फिर पवन चली,
जय पवन पुत्र बजरंगबली,
सिया राम के परम दुलारे,
सिंदूरी तन , सिंदूर रखवारे,
अट्टहास करि गरजी सेना,
जला दयी आतंक पुरी।
हाहाकार मचाया दियो पल में,
जाय घेरे आतंकी घर में,
संधानों ब्रह्मोस बाण तब ,
सहम गयी आतंक पुरी,
संग तिहारे दुर्गा काली,
रण चंडी राफेलों वाली,
ध्वज केसरिया फहरा दीनों
राष्ट्र धर्म निज बतला दीनों,
हाथ मलै आतंक पुरी।
सरला भारद्वाज
6pm
जय बजरंगबली। जय जय सियाराम।
ReplyDelete