सुंदरकांड प्रश्न मंच, हनुमान जयंती



6अप्रेल 2023 हनुमान जयंती 

 *सुंदरकांड प्रश्नोत्तरी, 

1*तुलसीदास ने सुंदरकांड के मंगलाचरण में प्रथम श्लोक में वंदना की है 

1.शिव की 2.राम की 

3.हनुमान जी की4-गुरु जी की।

2*तुलसीदास ने ज्ञानियों में अग्रणी बताया है -

1.शिव को 2.स्वयं को 

3.हनुमान को4-श्री राम को।

3*किसके वचन सुनकर हनुमानजी का आत्मविश्वास और हर्ष बढ़ गया-

 1.श्रीराम के  2.जामवंत के

 3.सुग्रीव के4. अंगद के

4*सिंधु तीर का अर्थ है-

 1-बाण2- किनारा

3. समुद्र तट4.राम का बाण

5*भूधर का अर्थ है-

1. पर्वत 2.धरती को धारण करने वाला 

3.राजा4. भूमि 

6*हनुमानज की थकान मिटाने के लिए सागर के बीच उपस्थित हुआ -

1.सुमेरु2.महेन्द्र 

3.मैनाक 4.कैलाश 

7*हनुमान जी ने किससे कहा राम काज कीने बिना मोहि कहां विश्राम -

1.सुरसा से 2.लंकिनी से 

3.मैनाक से4.विभीषण से 

8*सुरसा थी राक्षसी -

1.साध्वी 2.सर्पों की माता 

3.सूर्य देव की माता 4-सती माता9

9*यह बात किसने किससे कहीं -"अहा आज देवताओं ने मेरे पेट प्रबंध के लिए भरपूर आहार दिया है "_

1.लंकिनी ने 2.सुरसा ने 3.संपाती ने 4.जटायु ने

10*हनुमान जी के बुद्धि परीक्षण के लिए देवताओं ने भेजा था- 1.मकरध्वज को2. सुरसा को

3. मैंनाक को 4.महेंद्र पर्वत को

11*मैं पहले राम का कार्य करके लौट आऊं , यह कहा था-

 1.सुग्रीव ने अंगद से 2.अंगद ने रावण से 

3.जामवंत ने हनुमान से4.हनुमान ने सुरसा से

12*सत्य कहहु मोहि जान दे माई।" कथन है-

 1.राम का2.अंगद का

3. विभीषण का 4.हनुमान का ।

13*एक योजन में होता है -

1. 3 कोस 2.4कोस

3.5कोस4.2कोस1

14*सुरसा ने अधिकतम कितने योजन मुख खोला -

 1.सौ .2तीस

3.बत्तीस4.चालीस

15*सुरसा के सत योजन मुख खोलने पर हनुमान जी ने आकार लिया-

 1.दुगना 2.चौगुना 

3.अत्यंत लघु4.अत्यंत विशाल।

16*"बुधि बल मरमु तौर मैं पावा" कहां था -

1-राम ने जामवंत से2. सुरसा ने हनुमान से

3. सीता जी ने हनुमान जी से 4.जामवंत ने हनुमान से 

17*समुद्र में रहने वाली राक्षसी अपने शिकार को पकड़ती थी- 1.परछाई से2.छल बल से

 3.जाल से4.स्वास के वेग से।

18*जल में रहने वाली राक्षसी खाती थी -

1.जलचर को2.नभचर को

3. थलचर को4.सभी को

19*निशिचारी को मारकर हनुमान पहुंचे थे -

1.लंका में 2. वन में

 3.अशोक वाटिका में 4.आकाश में।

20*जहां से हनुमान ने लंका का दुर्ग देखा था वह स्थान था- 1.पर्वत  2. दुर्ग की अट्टालिका 

3.पीपल का पेड़ 4. आकाश 

21* लंका के चारों ओर था -

1.समुद्र 2.खाई 

3.पर्वत 4-, गड्ढा।

22*लंका के वैभव का वर्णन तुलसीदास जी ने किया है

 1.दोहा में 2.सोरठा में

 3.चौपाई में4.छंद में 

23*लंका के राक्षस खाते थे -

1.गधे2. बकरे

3. भैंसे 4.सभी को

 24*पुर के चारों ओर पहरेदार देखकर हनुमान जी सोचने लगे- 1.मैं छुप कर जाऊं2. मैं अति सूक्ष्म रूप धरकर जाऊं 

3.मैं रात में जाऊं4-मैं राक्षसों को मार कर जाऊं 

25*लंका में प्रवेश करने के लिए हनुमान जी ने रूप धारण किया -

1.मच्छर का2.मच्छर के बराबर का

 3.चींटी का 4.तितली का

 26*लंका के द्वार पर पहरेदारी थी -

1.नहुष की2.मेघनाथ की 

3.लंकिनी की4.अक्षय कुमार की

 27*"अरे मूर्ख तू मुझे नहीं जानता सभी चोर मेरे आहार हैं" यह कहा था -

1.हनुमान ने कुंभकरण से 2.लंकिनी ने मेघनाद ने

3.रावण ने हनुमान से4.लंकिनी ने हनुमान से 

 28*हनुमान जी के एक मुष्ठि प्रहार से खून की उल्टी हुई थी-

 1.मेघनाथ को 2.लंकिनी को

 3.इंद्रजीत को4.अक्षय कुमार को

29* ब्रह्मा जी ने वरदान देते समय कहा था कि "बंदर द्वारा मारे जाने पर लंका का विनाश निश्चित समझ लेना, "

यह कहा -1अक्षय को 2.पहरेदार को 

3.लंकिनी को 4.मेघनाथ को

 30*लंका में प्रवेश करते समय हनुमान जी ने अपने हृदय में धारण किया था -

1.राम लक्ष्मण को 2.राम सीता को 

3.श्री राम को 4.अपने माता पिता को

 31*कौशलपुर राजा का अर्थ है -

1.राम2. रावण 

3.सुग्रीव4. केसरी

32* लंका में प्रवेश करते समय हनुमान जी ने सबसे सुंदर विचित्र आध्यात्मिक भवन देखा -

1.रावण का 2.मंदोदरी का

 3.विभीषण का 4.सुलोचना का 

33*जब हनुमान ने रावण का भवन देखा उस समय वह-

 1.खा रहा था 2.सो रहा था

 3.चिंता मग्न था4. दरबार में था 

34*जिस भवन में नारायण का मंदिर बना था वह था -

1.विभीषण का2.मंदोदरी का 

3.मयदानव का 4.त्रिजटा का 

35-हनुमान जी के अनुसार परिचय करने में हानि नहीं होती- 1.साधु से2.साधु से 

3.बेरी से4.दुष्ट से 

36*जिस प्रकार जीव दांतो के बीच रहती है उसी प्रकार हम लंका में रहते हैं 

यह कथन है -1.मंदोदरी का2.विभीषण का

 3.त्रिजटा का4.सीता जी का।

37* प्रातः काल जो बंदरों का नाम लेता है उसे दिन भर भोजन भी नहीं मिलता, फिर भी श्री राम ने हमें अपना भक्त बनाया। ऐसा कथन कहा था-

 1.अंगद ने 2.सुग्रीव ने

 3.हनुमान ने 4.बाली ने 

38*रावण ने सीता जी का निवास स्थान बनाया था -

1.सुंदरवन में2.अशोक वन में

 3.अशोक वाटिका में4.मधुबन के आनंदवन में

39*शरीर दुबला है सिर पर जटाओं की एक वेणी ( चोटी) है आंखों और हृदय में आराध्य श्री राम की छवि है। तुलसीदास के अनुसार यह चित्र है-

 1.भरत का 2.माता सीता का

 3.लक्ष्मण का 4.त्रिजटा का।

40* जब रावण अशोक वाटिका में पहुंचा तब हनुमान छिपे हुए थे -1.मां जानकी के पीछे 2.विभीषण के घर में 

3.पेड़ों की पत्तियों4.में छत पर

41* सीता जी ने जिस  पर्दे की ओट से रावण को देखा वह था- 1.पेड़ 2.तिनका 

3.पत्ता4. घूंघट,

42*सीता जी ने रावण की तुलना की है-

 1.खद्योत से 2.दीपक से

3.सूर्य से4.प्रकाश से

43..खद्योत  का अर्थ होता है-

 1.गधा  2. तारा  3.जुगनू 4.दीपक

44*सीता जी ने राम की तुलना की है -

1.कमल से .2.सूर्य से 3.दीपक से 4.तारों से .

45*"अधम निलज्ज लाज नहीं तोही "कथन है-

 1.सीता का 2.हनुमान का

3. विभीषण का4.रावण का 

46*मयदानव की पुत्री का नाम था-

1. सुलोचना2.लंकिनी 

3.मंदोदरी 4.त्रिजटा 

47*रावण ने सीता जी को अपनी बात मनवाने के लिए समय दिया था-

 1.  15 दिन का 2.  1 महीना 

3. सप्ताह4. एक घंटा 

48*लंका में सीता जी को धैर्य दिलाने वाली थी-

1.  मंदोदरी 2.लंकिनी 

3.त्रिजटा 4.सुलोचना 

49*अपनी चिता बनाने के लिए सीता जी ने आग की मांग  की थी-

1.मंदोदरी से 2.त्रिजटा से

 3.विभीषण से4.हनुमान से

50*मुद्रिका पर नाम अंकित था-

 1.श्री राम का2.दशरथ का

 3.रावण का 4.राजा जनक का 

51*राक्षसों का समूह पतंगों के समान है और रघुनायक के बाण अग्नि के समान ,समझो निशाचर मरने वाले हैं "यह बात कही थी -

1.सीता ने 2.हनुमान ने

 3.विभीषण ने4.त्रिजटा ने 

52* हनुमान को देखकर सीता जी को संदेह था - 

1.रावण अधिक बलवान है और वानर कमजोर 

2.श्री राम युद्ध जीत पाएंगे या नहीं    3.क्या सभी वानर हनुमान के समान हैं      4.मैं तब तक जीवित रहूंगा या नहीं

53* सोने के पर्वत  (सुमेरु के समान)   अत्यंत बलवान ,शत्रुओं के मन में भय उत्पन्न करने वाला शरीर था ,(कनक भूधराधार शरीर था)

1.कुंभकरण का2.रावण का

 3.हनुमान का 4.श्री राम का

54* प्रभु के प्रताप से छोटा सा सर्प भी खा सकता है- 

1.चूहे को 2.बाज को 

3.गरुण को4.मेंढक को 

55*हनुमान जी को अजर अमर होने का वरदान दिया था-

 1.शिव ने 2.श्री राम ने 

3.सीता जी ने 4.सूर्य ने

56*हनुमान जी से प्रथम बार दल बल के साथ युद्ध करने रावण ने भेजा/भेजे-

  1.मेघनाथ 2.अक्षय कुमार

 3.कुंभकरण 4.विविध महा भट

57*हनुमान जी को पकड़ने के लिए रावण को करने पड़े थे -

1.तीन प्रयास 2.दो प्रयास

 3.एक प्रयास 4.चार प्रयास

58*अक्षय कुमार को देखते ही हनुमान जी ने हाथ में उठा लिया-

1. गदा2.पेड़ 

3.पत्थर 4.पहाड़

59*पुत्र वध का बुरा समाचार सुन रावण ने भेजा था -

1.अक्षय2. मेघनाथ

 3.मंत्री4- सेना

60*मेघनाथ ने जो अस्त्र चलाया था वह था-

 1.नागपाश 2.ब्रह्मास्त्र 

3.अग्निबाण 4.माया बाण

61*मेघनाथ हनुमान जी को बांधकर ले गया था 

-1लोह श्रंखलासे2.नागपाश से 

3.रस्सी से4 जनेऊ से 

62*खर दूषण त्रिसिरा और बाली को मारा था -

-1.विष्णु ने 2.शिव ने

 3.श्रीराम ने4.हनुमान जी ने

63*सीता को लौटा दो और राम की शरण में चले जाओ यह कहा था -

1.मंदोदरी ने 2.हनुमान ने 

3.विभीषण ने4. सभी ने 

64* मेरा नहीं तेरा काल आया है ,उल्टा ही होगा तुझे मतिभ्रम है, विनाश निश्चित है।, यह बात कही थी-

 1.हनुमान ने 2.विभीषण ने

 3.अंगद ने 4.रावण ने 

65*रावण के अनुसार बंदर का सबसे अधिक प्रेम होता है 1.भोजन से 2.पूछ से 

3.पेड़ से 4.किसी से भी नहीं

66* दूत को मारना नीति के विरुद्ध है यह कहा था -

-1.विभीषण ने 2.मय दानव ने

3. अक्षय ने4.सभी ने 

67*रावण के वचन सुनते ही राक्षस करने लगे -

1.पूछ में आग लगाने की तैयारी 2.हनुमान को मारने की तैयारी 

3.हनुमान को भगाने की तैयारी 4.हनुमान को बांधने की तैयारी

68*पूछ में आग लगाने के आदेश को सुनकर हनुमान जी सोचने लगे कि -"आज सहायक हो गई हैं"- 

1.मां सरस्वती 2.मां दुर्गा 

3.मां पार्वती 4.मां काली 

69*रावण के नगर में नहीं बचा था 

-1.घी तेल2.ईंधन 

3.भोजन4-घी तेल कपड़ा

70*जिस समय पूछ में आग लगाई गई थी उस समय पवन चल रहे थे-

   1.50 प्रकार के 2.9 प्रकार के 

3.49 प्रकार के 4.59 प्रकार के

71*साधु अवज्ञा के कारण, लंका अनाथों की भांति  जल रही थी , फिर भी एक घर नहीं जला था, वह था-

 1.विभीषण का 2.रावण का 

3.मेघनाथ का 4.त्रिज्या का 

72*लंका जलाकर हनुमान कूद पड़े -

1.अशोक वाटिका में 2.समुद्र में

3. गंगा में4.जमीन पर 

73*हनुमान जी को विदा करते समय मां जानकी ने दी थी- 1.चूडामणि2. जूड़ा मणि 

3.मुंदरी 4.नथनी 

74*प्रसिद्ध चौपाई "दीन दयाल विरदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।

 कथन है-1विभीषण का2.मां सीता का

 3.हनुमान का 4.अंगद का

75*लंका से जाते समय हनुमान जी की महाध्वनि गर्जना से गिर पड़े थे-

 1.पेड़ 2.राक्षस

3 फल 4.राक्षसियों के गर्भ।

76*यदि सीता की खोज ना हुई होती, तो मधुबन के फल न खाते।

 यह कथन है -1.सुग्रीव का 2.अंगद का3. जामवंत का

4.राम का 

77*जब सीता की खोज का समाचार लेकर सभी लौटे थे तो राम लक्ष्मण बैठे थे -

1.गुफा में 2.पर्वत पर

 3.स्फटिक शिला पर4.कुशा के आसन पर 

78*तेरे सामान कोई उपकारी नहीं, अब मैं तेरा प्रतिउपकार कैसे करूं? यह कथन है- 

1.सुग्रीव का 2.अंगद का 

3.राम का 4.जामवंत का

79*समुद्र की आग को कहा जाता है -

1.अनल 2.दावानल3. बड़वाग्नि 4.स्वाहा 

80*राजीव लोचन या राजीव नयन पर्यायवाची है-

 1.हनुमान का2.राम का3.लक्ष्मण का4.अंगद का

81*  सीता जी को राम आगमन के शुभ संकेत  का आभास हुआ -

1.दीपक जलाकर 2.बाएं अंग फड़कने से

3.दायें अंग फड़कना से4.कोयल की बोली से 

82*सीता हमारे लिए शीत निशा के समान है -

.यह कहा था--1.विभीषण ने2.मयंत्र ने

 3.मंदोदरी ने 4.त्रिजटा ने

83* जिन तीनों के चापलूसी करने से राज्य शरीर नीति धर्म का नाश होता है ,वह  हैं -

1.गुरु बालक पत्नी 2.मंत्री वैद्य गुरु,

 3.गुरु पत्नी मित्र4. कोई नहीं

84*विभीषण के द्वारा रावण तक सीता को लौटाने का संदेश भेजा था -

1.ऋषि अगस्त ने 2.ऋषि  सुतीक्ष्ण ने 

3.ऋषि दुर्वासा ने 4.ऋषि अत्री ने 

85*रावण की सभा में सबसे अधिक समझदार सचिव था-

1. मय 2.माल्यवंत 3.विभीषण 4.विसर्वा

86*रावण ने चरण का प्रहार किया था 

1.माल्यवंत पर 2.विभीषण पर 3.कुंभकरण पर 4.खर दूषण पर 

87* अपमानित होकर जब साधु विभीषण ने लंका को त्यागा था तभी से लंका हो गई थी -

-1.अभागी 2.आयु हीन 

3.श्री हीन 4.बल हीन 

88*भरत जी का मन लगा था-

 1.अयोध्या में 2.पंचवटी में 

3.चित्रकूट में 4.राम की पादुका में 

89*विभीषण के शरण में आते ही राम ने  विभीषण का तिलक किया था -

1.रज से2. सिंधु जल से, 

3.रोली से, 4.चंदन से,

90*ऐसे लोगों को देखने मात्र से पाप लगता है,-

 1.जो शरणागत की रक्षा नहीं करते 2.झूठ बोलते हैं 

3.अधर्मी होते हैं 4.लोभी होते हैं 

91*अपने 10 शीश अर्पित करने पर रावण को शिव ने दी थी- 1.शक्ति2. मंदोदरी 

3.तीनों लोगों का राज्य4.स्वर्णमई लंका

92*रामचरितमानस के सुंदरकांड का क्रम है-

 1.तीसरा 2.चौथा.3. पांचवा 4.छठवां

93*सुंदरकांड में कथा है -

1.बाली मर्दन से सीता खोज 2.सीता खोज से पुल निर्माण 

3.पुल निर्माण से राम रावण युद्ध4.युद्ध और राम विजय

94*"भाग्य के भरोसे बैठना बेकार है-"

 अग्निबाण से सागर के जल को सुखा दीजिए ,यह कथन है-

 1.हनुमान जी का 2.लक्ष्मण जी का 

3.विभीषण का 4.जामवंत का

95*भाग्य के भरोसे रहते हैं -

1.परिश्रमी 2.आलसी 

3.कंजूस 4.बलहीन 

96*वानरों का वेश धारण करके आए थे-

 1.इंद्र 2.राक्षस

3. देवता 4.कोई नहीं

97*राम की सेना में नहीं थे-

 1.द्विविद,  मयंद ,2.नल, नील ,अंगद,

 3.दधि मुख, केसरी 4.त्रिसिरा, मय, 

98*पानी में पत्थर तेराने की कला का वरदान था-

1. नल नील को2.अंगद हनुमान को

 3.सठनिसठ को  4.केसरी जामवंत को 

99*वानरों द्वारा पकड़े गए राक्षस रावण के दूत को  पूर्व जन्म में राक्षस का होने का श्राप दिया था 

-1.अगस्त्य ऋषि ने2.दुर्वासा ऋषि ने 

3.विश्वामित्र ने 4.वशिष्ठ ने

100*विभीषण के अनुसार समुद्र राम का है -

1.कुल गुरु2.कुलदेवता

 3.परिजन 4.सेवक


 

















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