सरस्वती विद्या मंदिर हिंदी टीजीटी प्रश्न पत्र

हिंदी टीजीटी प्रश्न पत्र    पूर्णांक -50

(प्रश्न संख्या 1 से 40 1 -1अंक ,तथा41 से 42 पांच- पांच अंक।)


1.. ‘वीणापाणि’ में समास है-

कर्मधारय

तत्पुरुष

बहुव्रीहि

द्विगु

Ans (3): ‘वीणापाणि’ में बहुव्रीहि समास है। जिस समास में किसी अन्य पद की प्रधानता हो, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है; जैसे- वीणापाणि = वीणा है जिसके पाणि (हाथ) में अर्थात सरस्वती।

2. ‘नम:’ शब्द के योग में ‘विभक्ति’ होती है-

प्रथमा

द्वितीया

तृतीया

चतुर्थी

Ans (4): ‘नम:’ शब्द के योग में चतुर्थी‘विभक्ति’ होती है।

3.जिस समस्त पद में पूर्व या उत्तर पद की बजाय किसी अन्य अर्थ की प्रधानता होती है, उसमें होता है-

बहुव्रीहि समास

तत्पुरुष समास

अव्ययीभाव समास

द्वंद्व समास

Ans (1): जिस समस्त पद में पूर्व या उत्तर पद की बजाय किसी अन्य अर्थ की प्रधानता होती है, उसमें बहुव्रीहि समास होता है; जैसे- अन्यमनस्क = अन्य में है मन जिसका वह।

4. ‘नदी कोश भर टेढ़ी है’- का संस्कृत अनुवाद होगा?

नदी क्रोशेण कुटिला।

नदी क्रोशाय कुटिला।

नदी क्रोशं कुटिला।

नदी क्रोशात्‌ कुटिला।

Ans (3): ‘नदी कोश भर टेढ़ी है’ का संस्कृत अनुवाद- ‘नदी क्रोशं कुटिला।’ होगा।

.5.. निम्नलिखित में महाकाव्य के लक्षणों के विषय में एक कथन असत्य है-

इसमें सभी नाटक संधियाँ होती हैं

इसमें सभी रस प्रधान रस के रूप में होते हैं

यह सर्गों में विभक्त होता है

इसके आरम्भ में देवादि को नमस्कार, आशीर्वाद या वस्तुनिर्देश होता है

Ans (2): महाकाव्य में सभी रस प्रधान नहीं होते, शृंगार, वीर, शांत एवं करुण में से कोई एक रस अंगी रूप में और अन्य रस अंग रूप में रहते हैं।

6.. ‘युष्मद्’ शब्द के चतुर्थी विभक्ति एकवचन के रूप हैं-

‘तुभ्यम्’ तथा ‘तव’

‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘ते’

‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘तौ’

‘त्वया’ तथा ‘त्वाम्‌’

Ans (2): ‘युष्मद्’ शब्द के चतुर्थी विभक्ति एकवचन के रूप- ‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘ते’ हैं।

7.सभी स्वर होते हैं-

दीर्घ

अघोष

महाप्राण

अल्पप्राण

Ans (4): सभी स्वर अल्पप्राण होते हैं।

8. ‘अंतड़ियों में बल पड़ना’ मुहावरे का अर्थ है?

आँतों की बीमारी हो जाना

हँसते-हँसते पेट में पीड़ा हो जाना

पेट में आँतों का न होना

मन में किसी प्रकार की शंका होना

Ans (2): ‘अंतड़ियों में बल पड़ना’ मुहावरे का अर्थ- ‘हँसते-हँसते पेट में पीड़ा हो जाना’ है।

9.. निम्नलिखित में ‘तद्भव’ शब्द नहीं है?

राजा

खेत

किसान

दाहिना

Ans (1): ‘राजा’ तत्सम शब्द है, इसका तद्भव शब्द राय होगा। जबकि खेत, किसान और दाहिना तद्भव शब्द इनका तत्सम शब्द क्रमश: क्षेत्र, कृषक और दक्षिण होगा।

10. गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा ‘अष्टछाप’ की स्थापना का वर्ष है-

1555 ई.

1558 ई.

1560 ई.

1565 ई.

Ans (4): गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा ‘अष्टछाप’ की स्थापना का वर्ष 1565 ई. है। जिसमें 4 बल्लभाचार्य और 4 विट्ठलनाथ के शिष्य थे।

11. अखिल भुवन चर-अचर जग हरिमुख में लखि मातु।

    चकित भयी, गदगद वचन, विकसित दृग पुलकातु॥

निम्न पंक्तियों में निहित रस है?

अद्भुत रस

भयानक रस

वीभत्स रस

वात्सल्य रस

Ans (1): उपरोक्त पंक्तियों में अद्भुत रस है। किसी विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तु को देखकर मन में जो विस्मय आदि का भाव उत्पन्न होता है, उसे अद्भुत रस कहते हैं।

12.. ‘द्रक्ष्यति’ शब्द ‘दृश्’ धातु के किस लकार, वचन एवं पुरुष का रूप है?


लट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन

लोट्‌ लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन

लङ् लकार, प्रथम पुष्प, बहुवचन

लृट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन

Ans (4): लृट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन


13.. ‘पार्वती’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है-

गिरिजा

अर्पणा

शैलजा

वैष्णवी 

Ans (4): ‘पार्वती’ का पर्यायवाची शब्द- गिरिजा, अपर्णा, शैलजा, शैलसुता, अंबिका, आर्या, उमा, गौरी, भवानी, रुद्राणी, शिवा, दुर्गा, गिरिराज कुमारी, सती, ईश्वरी, अभया, सर्वमंगला, मैनसुता, हेमवती। वैष्णवी नहीं।

14. ‘जहाँ वक्रता-सर्प के चाल में थी।

    प्रजा में नहीं थी, न भूपाल में थी॥’

-उपर्युक्त पंक्तियाँ किस अलंकार की उदाहरण हैं?

अर्थान्तरन्यास

परिसंख्या

विभावना

अपह्नुति

Ans (2): उपर्युक्त पंक्तियाँ परिसंख्या अलंकार की उदाहरण हैं। जहाँ किसी वस्तु का दूसरे स्थानों में निषेध कर किसी एक स्थान पर वर्णन किया जाता है, वहाँ परिसंख्या अलंकार होता है; यहाँ पर वक्रता को सिर्फ सर्प तक सीमित कर दिया गया है, इसलिए यहाँ परिसंख्या अलंकार है।

15.. अवधि शिला का उस पर, था गुरु भार।

    तिल तिल काट रही थी, दृग जल धार॥

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है?

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है?


दोहा

बरवै

सोरठा

रोला

Ans (2): प्रस्तुत पंक्तियों में बरवै छंद है। अर्द्धसम मात्रिक छ्ंद बरवै के पहले और तीसरे चरण में 12-12 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं। सम चरणों के अन्त में ‘जगण’ (।S।) होता है।


16.. निम्न में से वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्द कौन-सा है?

अभ्यन्तरिक

अभ्यान्तरिकि

आभ्यन्तरिक

आभ्यान्तरिकि

Ans (3): शुद्ध शब्द- आभ्यन्तरिक

17. विलोम की दृष्टि से असंगत युग्म है-

अज्ञ – विज्ञ

अद्यतन – पुरातन

अजय – विजय

अर्वाचीन – नवीन

Ans (*): विलोम शब्द-

अज्ञ- विज्ञ, प्रज्ञ

अद्यतन- पूर्वतन, अनद्यतन, पुरातन

अजय- विजय

अर्वाचीन- प्राचीन

18 निम्नलिखित में एक ओष्ठ्य ध्वनि नहीं है?





Ans (3): ‘ध’ दंत्य ध्वनि है क्योंकि यह दाँत और जीभ के स्पर्श से बोला जाता है। वहीं उ, ऊ और प वर्ग ओष्ठ्य ध्वनि हैं क्योंकि ये दोनों ओठों के स्पर्श से बोले जाते हैं।


19. अर्थ निर्दिष्ट करने की दृष्टि से निम्नलिखित में से कौन-सा उपसर्ग अन्य तीन से भिन्न है?

अव

अप

परि

दुर्

Ans (3):

अव, अप और दुर उपसर्ग हीनता बोधक उपसर्ग हैं जबकि परि उपसर्ग हीनता बोधक नहीं है।

उपसर्गों के अर्थ-

‘अव’- हीनता, अनादर, पतन

‘अप’- लघुता, हीनता, अभाव, विरुद्ध

‘दुर’- बुरा, कठिन, दुष्ट

‘परि’- आसपास, चारों ओर, पूर्ण, अतिशय, 

20. तुलसीदास ने कौन-सी रचना अपनी शारीरिक पीड़ा के निवारणार्थ की थी?

विनयपत्रिका

हनुमान बाहुक

रामचरित मानस

जानकी मंगल

Ans (2): तुलसीदास ने ‘हनुमान बाहुक’ की रचना अपनी शारीरिक पीड़ा के निवारणार्थ की थी।

21. निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा स्त्रीलिंग नहीं है?

वायु

रेणु

सेतु

रज्जु

Ans (3): वायु, रेणु और रज्जु स्त्रीलिंग शब्द हैं जबकि सेतु पुंल्लिंग शब्द है।


22. ‘जहँ राधा आनन उदित, निसि बासर आनंद।

     तहाँ कहा अरविन्द है, कहा बापुरो चंद॥’

पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

रूपक

प्रतीप

अनन्वय

दीपक


Ans (2): उपरोक्त पंक्ति में प्रतीप अलंकार है। जब उपमेय को उपमान और उपमान को उपमेय बताया जाता है तब उसे प्रतीप अलंकार कहते हैं।

23. लकार और उसके कालवाचक अर्थ का कौन-सा युग्म सही नहीं है?

लोट् लकार- सम्भाव्य काल

लट् लकार- वर्तमान काल

लृट् लकार- भविष्य काल

लङ् लकार- भूतकाल

Ans (1): लोट् लकार- सम्भाव्य काल

Ans (1): लोट् लकार- सम्भाव्य काल युग्म सुमेलित नहीं है।

24.. ‘हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती

    स्वयं प्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती’

-प्रस्तुत पंक्तियों में काव्य का कौन-सा गुण मौजूद है?

माधुर्य

ओज

प्रसाद

इनमें से कोई नहीं

Ans (2): प्रस्तुत पंक्तियों में काव्य का ‘ओज’ गुण मौजूद है।

25.. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण घोष-महाप्राण है?

Ans (4): ‘ह’ वर्ण घोष-महाप्राण है। प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पाँचवाँ वर्ण, सारे स्वर वर्ण, य, र, ल, व और ह घोष वर्ण हैं। वहीं वर्गों के द्वितीय तथा चतुर्थ व्यंजन, ढ़, और श, ष, स, ह महाप्राण वर्ण हैं। इसलिए दिये गए विकल्पों में ‘ह’ वर्ण ही घोष और महाप्राण दोनों है।

26. ‘पक्षी’ का पर्यायवाची नहीं है-

खग

शकुनि

शकुंद

शकुन्त


Ans (3): ‘पक्षी’ का पर्यायवाची शब्द- खग, शकुनि, शकुन्त, द्विज, अंडज, विहग, विहंग, पतंग, पखेरू, परिंद, चिड़िया आदि हैं। शकुंद नहीं।

 27. निम्नलिखित में ‘तद्भव’ शब्द है-

रात्रि

पंख

कार्य

दैव

Ans (2): ‘पंख’ तद्भव शब्दहै, जबकि रात्री, कार्य और दैव तत्सम शब्द हैं।

28.. ‘ऊटपटांग’ शब्द में समास होता है?

बहुव्रीहि

द्वंद्व

द्विगु

तत्पुरुष

Ans (4): ‘ऊटपटांग’ शब्द में तत्पुरुष समास होता है। जिसका प्रथम पद गौण और उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

29.निम्नलिखित में से कौन तद्धित प्रत्यय वाला शब्द नहीं है?

शिक्षक

पौरुषेय

मायावी

सजावट

Ans (4): ‘सहावट’ तद्धित प्रत्यय वाला शब्द नहीं है जबकि शिक्षक, मायावी तद्धतिप्रतय है।

30. ‘गुरवे’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा-

गुरु + वे

गुरु + ए

गुर + वे

गुरो + ए

Ans (4): ‘गुरवे’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा- ‘गुरो + ए’।

31. ‘बीती विभावरी जाग री।

अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा घट ऊषा नागरी।’

-उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है?

रूपक

उत्प्रेक्षा

श्लेष

यमक

Ans (1): उपर्युक्त पंक्तियों में रूपक अलंकार है। अत्यधिक समानता के कारण जब उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है।

. 32.‘तवल्कार:’ का सही संधि-विच्छेद है-

  1. तव + लकार:
  2. तव + लृकार:
  3. तव + ऋकार:
  4. तवल्  + कार

Ans (2): ‘तवल्कार:’ का सही संधि-विच्छेद ‘तव + लृकार:’ और

 

33.‘पितृ’ शब्द के सप्तमी विभक्ति के तीनों वचनों के रूप हैं क्रमशः

पितरि, पितरो, पितृषु

पितरि, पित्रो:, पितृषु

पिते, पित्रो:, पितृषु

पितरि, पितरो, पितेषु

Ans (2): ‘पितृ’ शब्द के सप्तमी विभक्ति के तीनों वचनों के रूप हैं क्रमश: पितरि, पित्रो:, पितृषु है। संधि है।.

 ‘34.कूलंकषा’ किसका पर्यायवाची है?

नौका

नदी

बिजली

रात्रि

Ans (2): ‘कूलंकषा’ नदी का पर्यायवाची है। नदी के अन्य पर्यायवाची शब्द- सरिता, निर्झरणी, तरंगिनी, पयस्विनी, तरनी, स्रोतस्विनी, लहरी, अपगा, सरि, तरंगवती, निग्नगा, लरमाला, नदिया, टटिया ।

 ‘35.समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला’ के लिए एक शब्द होगा-

सार्वकालिक

सार्वदैशिक

सार्वभौमिक

सार्वजनीन

Ans (3): ‘समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला’ के लिए एक शब्द ‘सार्वभौमिक’ होगा।

36.. निम्नलिखित में स्त्रीलिंग शब्द है–

जबाब

गुलाब

हिसाब

शराब

Ans (4): उपर्युक्त विकल्पों में स्त्रीलिंग शब्द ‘शराब’ है जबकि जबाब, गुलाब और हिसाब पुल्लिंग शब्द हैं।

37. कोई व्यक्ति या वस्तु जिस आधार से अलग होती है या दूर जाती है, उस आधार में कौन-सा कारक प्रयुक्त होता है?

सम्प्रदान कारक

अपादान कारक

संबंध कारक 

करण कारक 

Ans (2): कोई व्यक्ति या वस्तु जिस आधार से अलग होती है या दूर जाती है, उस आधार में ‘अपादान कारक’ प्रयुक्त होता है। अपादान कारक का विभक्ति चिह्न ‘से’ (अलग होने के अर्थ में) है; जैसे- पेड़ से पत्ते गिरते हैं।


38.साखी सबद रमैनी रचना है-

 तुलसी की 

कबीर की 

मीरा की

 ,सूर की 

उत्तर=कबीर

39. चौपाई में होते हैं-

 चार चरण 

2 चरण

 छह चरण

 10 चरण 

आठ चरण 

उत्तर=चार चरण।

40-प्रेमचंद का उपन्यास नहीं -

गोदान 

गोदान 

कंकाल 

निर्मला 

नोट-निम्नलिखित प्रश्न  5-5अंक के हैं उचित उत्तर लिखिए।

 

. 21दोहा और सोरठा छंद में अंतर स्पष्ट कीजिए ( 5)

22. विद्या मंदिर में रिक्त हिंदी स्नातकोत्तर पद हेतु स्ववृत्त प्रस्तुत कीजिए।(5)

23. प्रबंध काव्य और खंडकाव्य अथवा नाटक एवं एकांकी में अंतर स्पष्ट करें (5)

24.सूरदास वात्सल्य रस का कोना कोना झांक आए हैं , आचार्य रामचंद्र शुक्ल के इस कथन की पुष्टि करते हुए अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।(5)

अथवा 

 . देश निर्माण और चरित्र निर्माण में रामचरितमानस की उपादेयता पर निबंध लिखिए।(5)

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