हिंदी टी जी टी2021

 टीजीटी हिंदी- 2021

1. ‘ब्रजभाषा’ का विकास किस अपभ्रंश से हुआ?


शौरसेनी अपभ्रंश से

मागधी अपभ्रंश से

अर्द्ध मागधी अपभ्रंश से

ब्राचड़ अपभ्रंश से

Ans (1): ‘ब्रजभाषा’ का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है। शौरसेनी अपभ्रंश से पश्चिमी हिंदी, राजस्थानी और गुजरती का विकास हुआ। पश्चिमी हिंदी उपभाषा से खड़ी बोली, हरियाणवी, ब्रजभाषा, बुंदेली, कन्नौजी बोलियों का विकास हुआ।


2. एक ही कथानायक ‘चेतन’ उपेन्द्रनाथ के कई उपन्यासों का केन्द्रीय पात्र है। उनके किस उपन्यास का नायक ‘चेतन’ नहीं है?


गिरती दीवारें

शहर में घूमता एालरश्रा

गर्म राख

एक नन्‍हीं कंदील

Ans (3): उपेन्द्रनाथ अश्क के ‘गर्म राख’ उपन्यास का नायक ‘चेतन’ नहीं है।


3. ‘प्रसन्‍न पद-नव्यार्थ युक्‍त्युदूबोध विधायिनी।


    स्फुरन्ती सत्कवेुर्बुद्धि: प्रतिभा सर्वतोमुखी॥’


-उक्त कथन किसका है?


मम्मट

वाग्भट

रुद्रट

विश्वनाथ

Ans (2): उक्त कथन ‘वाग्भट’ का है।


4. ‘शिवराज भूषण’ में कितने अलंकारों का निरूपण हुआ है?


15

51

99

105

Ans (4): ‘शिवराज भूषण’ में 105 अलंकारों का निरूपण हुआ है।


5. निम्न में से कौन-सा सात्विक अनुभाव नहीं है?


रोमांच

कंप

विषाद

प्रलय

Ans (3): ‘विषाद’ सात्विक अनुभाव नहीं है। आश्रय की शरीर से बिना किसी बाहरी प्रयत्न के स्वत: उत्पन्न होने वाली चेष्टाएँ ‘सात्विक अनुभाव’ कहलाती है। सात्विक अनुभाव 8 हैं- रोमांस, वेपथु (कम्प), प्रलय, स्तम्भ, स्वेद, स्वरभंग, वैवर्ण्य और अश्रुपात।


6. ‘वीणापाणि’ में समास है-


कर्मधारय

तत्पुरुष

बहुव्रीहि

द्विगु

Ans (3): ‘वीणापाणि’ में बहुव्रीहि समास है। जिस समास में किसी अन्य पद की प्रधानता हो, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है; जैसे- वीणापाणि = वीणा है जिसके पाणि (हाथ) में अर्थात सरस्वती।


7. ‘नम:’ शब्द के योग में ‘विभक्ति’ होती है-


प्रथमा

द्वितीया

तृतीया

चतुर्थी

Ans (4): ‘नम:’ शब्द के योग में चतुर्थी‘विभक्ति’ होती है।


8. जिस समस्त पद में पूर्व या उत्तर पद की बजाय किसी अन्य अर्थ की प्रधानता होती है, उसमें होता है-


बहुव्रीहि समास

तत्पुरुष समास

अव्ययीभाव समास

द्वंद्व समास

Ans (1): जिस समस्त पद में पूर्व या उत्तर पद की बजाय किसी अन्य अर्थ की प्रधानता होती है, उसमें बहुव्रीहि समास होता है; जैसे- अन्यमनस्क = अन्य में है मन जिसका वह।


9. ‘नदी कोश भर टेढ़ी है’- का संस्कृत अनुवाद होगा?


नदी क्रोशेण कुटिला।

नदी क्रोशाय कुटिला।

नदी क्रोशं कुटिला।

नदी क्रोशात्‌ कुटिला।

Ans (3): ‘नदी कोश भर टेढ़ी है’ का संस्कृत अनुवाद- ‘नदी क्रोशं कुटिला।’ होगा।


10. ‘आँखों का सपना’ यात्रावृत्त के लेखक है-


मरुधर मृदुल

हरीसुमन विष्ट

सीतेश आलोक

वलल्‍लभ डोभाल

Ans (1): ‘आँखों का सपना’ यात्रावृत्त के लेखक ‘मरुधर मृदुल’ हैं। शब्दों का घूँघट, आहट, आस-पास (कविता-संग्रह), खुली आँखों का सपना, यात्रा के बहाने (यात्रा संस्मरण), तुष्टिकरण का सच (निबंध संग्रह), शब्दों की न्यायिक परिक्रमा और अधिवक्ता का आत्मवृत्त (संस्मरण) आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं। मरुधर मृदुल ने प्रतिश्रुति त्रैमासिक संपादन भी किया है।


11. निम्नलिखित में महाकाव्य के लक्षणों के विषय में एक कथन असत्य है-


इसमें सभी नाटक संधियाँ होती हैं

इसमें सभी रस प्रधान रस के रूप में होते हैं

यह सर्गों में विभक्त होता है

इसके आरम्भ में देवादि को नमस्कार, आशीर्वाद या वस्तुनिर्देश होता है

Ans (2): महाकाव्य में सभी रस प्रधान नहीं होते, शृंगार, वीर, शांत एवं करुण में से कोई एक रस अंगी रूप में और अन्य रस अंग रूप में रहते हैं।


12. ‘वध-स्थल से छलाँग’ किस लेखक की कहानी है?


ऋषिकेश सुलभ

प्रदीप जायसवाल

सत्यकेतु विद्यालंकार

डॉ. धर्मवीर

Ans (1): ‘वध-स्थल से छलाँग’ ऋषिकेश सुलभ की कहानी है। वसंत के हत्यारे, तूती की आवाज़, बँधा है काल और पत्थरकट इनके अन्य कहानी संग्रह हैं। अमली, बटोही और धरती आबा आपके मौलिक नाटक और शूद्रक रचित मृच्छकटिकम् की पुनर्रचना माटीगाड़ी और फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास का नाट्यांतर मैला आँचल प्रकाशित हैं। इसके अलावा रंगचिन्तन की पुस्तक रंगमंच का जनतंत्र और रंग-अरंग है।


13. ‘युष्मद्’ शब्द के चतुर्थी विभक्ति एकवचन के रूप हैं-


‘तुभ्यम्’ तथा ‘तव’

‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘ते’

‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘तौ’

‘त्वया’ तथा ‘त्वाम्‌’

Ans (2): ‘युष्मद्’ शब्द के चतुर्थी विभक्ति एकवचन के रूप- ‘तुभ्यम्‌’ तथा ‘ते’ हैं।


14. सभी स्वर होते हैं-


दीर्घ

अघोष

महाप्राण

अल्पप्राण

Ans (4): सभी स्वर अल्पप्राण होते हैं।


15. ‘पद्मावत’ का ‘बँगला’ अनुवाद किसने किया था?


मगन ठाकुर

आलोउजाला

नसरुददीन हुसैन

शुजाउद्दौला

Ans (2): ‘पद्मावत’ का ‘बँगला’ अनुवाद ‘आलोउजाला’ ने किया था।


16. निम्न में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?


प्रभा खेतान– अपने-अपने चेहरे

नासिरा शर्मा- ठीकरे की मँगनी

सूर्यबाला- अग्निपंखी

मृदुला गर्ग- एक जमीन अपनी

Ans (4): ‘एक जमीन अपनी’ उपन्यास चित्रा मुदगल का है। आवां, गिली-गडु, एक ज़मीन अपनी, और पोस्ट बॉक्स न. 203- नाला सोपारा आदि उनके अन्य उपन्यास हैं। इस हमाम में, चेहरे, लपटें, आदि-अनादि (तीन खंडों में), जगदम्बा बाबू गाँव आ रहे हैं, भूख, ज़हर ठहरा हुआ, लाक्षागृह, अपनी वापसी, जिनावर, मामला आगे बढ़ेगा अभी, केंचुल आदि चित्रा मुदगल की कहानियाँ हैं।


17. हिंदी के विकास के संबंध में निम्नांकित कथनों में एक असत्य है-


हिंदी का विकास संयोगात्मक भाषा के रूप में हुआ।

हिंदी का विकास लगभग 1000 ई. से माना जाता है।

हिंदी अपभ्रंश के बाद की भाषा है।

हिंदी एक वियोगात्मक भाषा है।

Ans (1): हिंदी का विकास वियोगात्मक भाषा के रूप में हुआ है न की संयोगात्मक।


18. लिपि के विकास का क्रमिक सोपान है-


सूत्र लिपि, चित्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, भावमूलक लिपि

भावमूलक लिपि, सूत्र लिपि, चित्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि

चित्र लिपि, सूत्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, भावमूलक लिपि

सूत्र लिपि, भावमूलक लिपि, चित्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि

Ans (3): लिपि के विकास का क्रमिक सोपान है- चित्र लिपि, सूत्र लिपि, प्रतीकात्मक लिपि, भावमूलक लिपि।


19. निम्नलिखित कृतियों को उनके प्रकाशनवर्ष के अनुसार आरोही क्रम में व्यक्त करने वाली श्रेणी है-


जयभारत, साकेत, भारत-भारती, यशोधरा

भारत-भारती, साकेत, यशोधरा, जयभारत

भारत-भारती, जयभारत, साकेत, यशोधरा

यशोधरा, साकेत, भारत-भारती, जयभारत

Ans (2): प्रकाशनवर्ष के अनुसार आरोही क्रम- भारत-भारती (1912), साकेत (1931), यशोधरा (1932), जयभारत (1952)


20. ‘वे दिन वे लोग’ शीर्षक संस्मरणात्मक रचना के लेखक कौन है?


निर्मल वर्मा

शिवपूजन सहाय

रामविलास शर्मा

रघुवीर सहाय

Ans (2): ‘वे दिन वे लोग’ शीर्षक संस्मरणात्मक रचना के लेखक ‘शिवपूजन सहाय हैं।


21. कलचुरि राजवंश की सात नायिकाओं के नखशिख वर्णन से संबंधित ग्रंथ है?


उक्ति व्यक्ति प्रकरण

राउर बेलि

कुबलय माला कथा

वर्णरत्नाकर

Ans (2): कलचुरि राजवंश की सात नायिकाओं के नखशिख वर्णन से संबंधित ग्रंथ राउर बेलि है।


22. गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा ‘अष्टछाप’ की स्थापना का वर्ष है-


1555 ई.

1558 ई.

1560 ई.

1565 ई.

Ans (4): गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा ‘अष्टछाप’ की स्थापना का वर्ष 1565 ई. है। जिसमें 4 बल्लभाचार्य और 4 विट्ठलनाथ के शिष्य थे।


23. ‘सूरदास का प्रेमपक्ष लोक से न्‍यारा है’ यह कथन किस विद्वान का है?


आचार्य रामचंद्र शुक्ल

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

डॉ. रामकुमार वर्मा

डॉ. बच्चन सिंह

Ans (1): ‘सूरदास का प्रेमपक्ष लोक से न्‍यारा है’ यह कथन आचार्य रामचंद्र शुक्ल का है।


24. गुरु नानकदेव की माता का नाम था?


लक्ष्मी

वितस्ता

रूपना

तृप्ता

Ans (4): गुरु नानकदेव की माता का नाम ‘तृप्ता’ था। नानक का जन्म ‘तलवंडी’ में हुआ था।


25. विधा की दृष्टि से कौन-सी रचना अन्य तीन से भिन्न है?


मुर्दहिया

मणिकर्णिका

कितनी धूप में कितनी बार

वटवृक्ष की छाया में

Ans (4): ‘मुर्दहिया’ और ‘मणिकर्णिका’ तुलसी राम की तथा ‘कितनी धूप में कितनी बार’ महीप सिंह की आत्मकथा हैं जबकि ‘बटवृक्ष को छाया में’ अमृत लाल नागर (कुमुद नागर) की जीवनी है।


26. ‘अंतड़ियों में बल पड़ना’ मुहावरे का अर्थ है?


आँतों की बीमारी हो जाना

हँसते-हँसते पेट में पीड़ा हो जाना

पेट में आँतों का न होना

मन में किसी प्रकार की शंका होना

Ans (2): ‘अंतड़ियों में बल पड़ना’ मुहावरे का अर्थ- ‘हँसते-हँसते पेट में पीड़ा हो जाना’ है।


27. निम्नलिखित में ‘तद्भव’ शब्द नहीं है?


राजा

खेत

किसान

दाहिना

Ans (1): ‘राजा’ तत्सम शब्द है, इसका तद्भव शब्द राय होगा। जबकि खेत, किसान और दाहिना तद्भव शब्द इनका तत्सम शब्द क्रमश: क्षेत्र, कृषक और दक्षिण होगा।


28. कालिदास ने ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम’ में कितने प्रकार के छंदों का प्रयोग किया है?


15

18

20.

24

Ans (4): कालिदास ने ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम’ में 24 प्रकार के छंदों का प्रयोग किया है। इनका सबसे प्रिय छंद मन्दाक्रान्ता है।


29. गणनावाचक शब्द ‘अयुतम्‌’ किसके लिए प्रयुक्त होता है?


द्स लाख

एक लाख

पाँच हजार

दस हजार

Ans (4): गणनावाचक शब्द ‘अयुतम्‌’ 10 हजार के लिए प्रयुक्त होता है।


30. कबीर और तुलसी भाषा में एक मिशन के तहत लिख रहे थे।’ यह कथन किसका है?


रामचंद्र शुक्ल

हजारी प्रसाद द्विवेदी

रामविलास शर्मा

बच्चन सिंह

Ans (4): यह कथन बच्चन सिंह का है।


31. आचार्य भरतमुनि ने नाटक में ‘अभिनय’ को किस वेद से लिया गया माना है?


ऋग्वेद

सामवेद

यजुर्वेद

अथर्ववेद

Ans (3): आचार्य भरतमुनि ने नाटक में ‘अभिनय’ को ‘यजुर्वेद’ से लिया गया माना है।


32. ‘भाषा योग वाशिष्ठ’ का रचनाकाल है-


1730 ई.

1741 ई.

1750 ई.

1761 ई.

Ans (2): ‘भाषा योग वाशिष्ठ’ का रचनाकाल 1741 ई. है।


33. ज्ञानचंद्र जैन कृत ‘कथाशेष’

32. ‘भाषा योग वाशिष्ठ’ का रचनाकाल है-


1730 ई.

1741 ई.

1750 ई.

1761 ई.

Ans (2): ‘भाषा योग वाशिष्ठ’ का रचनाकाल 1741 ई. है।


33. ज्ञानचंद्र जैन कृत ‘कथाशेष’ शीर्षक जीवनी किससे संबंधित है?


जैनेन्द्र कुमार

अमृतलाल नागर

यशपाल

उषा प्रियंवदा

Ans (2): ज्ञानचंद्र जैन कृत ‘कथाशेष’ शीर्षक जीवनी अमृतलाल नागर से संबंधित है।


34. अखिल भुवन चर-अचर जग हरिमुख में लखि मातु।


    चकित भयी, गदगद वचन, विकसित दृग पुलकातु॥


निम्न पंक्तियों में निहित रस है?


अद्भुत रस

भयानक रस

वीभत्स रस

वात्सल्य रस

Ans (1): उपरोक्त पंक्तियों में अद्भुत रस है। किसी विचित्र अथवा आश्चर्यजनक वस्तु को देखकर मन में जो विस्मय आदि का भाव उत्पन्न होता है, उसे अद्भुत रस कहते हैं।


35. ‘झोपड़ी से राजभवन’ किस साहित्यकार की आत्मकथा है?


श्योराज सिंह बेचैन

माताप्रसाद

सोहनपाल सुमनाक्षर

हरपाल सिंह अरुष

Ans (2): ‘झोपड़ी से राजभवन’ माताप्रसाद की आत्मकथा है। उन्होंने एकलव्य खंडकाव्य, भीम शतक प्रबंध काव्य, राजनीत की अर्थ सतसई, परिचय सतसई, दिग्विजयी रावण जैसे काव्य और अछूत का बेटा, धर्म के नाम पर धोखा, वीरांगना झलकारी बाई, वीरांगना उदा देवी पासी, तड़प मुक्ति की, धर्म परिवर्तन प्रतिशोध, जातियों का जंजाल, अंतहीन बेड़ियां, दिल्ली की गद्दी पर खुसरो भंगी जैसी रचनाएँ भी लिखा है।


36. ‘न धर्मवृद्वेषु वय: समीक्ष्यते’- यह सक्ति किस कवि की है?


कालिदास

भारवि

माघ

श्रीहर्ष

Ans (1): यह सक्ति कवि कालिदास की है।


37. संत काव्य परंपरा का कौन-सा कवि अपनी विद्वता (सर्वाधिक शिक्षित होने) के कारण प्रसिद्ध है?


धर्मदास

रविदास

सुंदरदास

रज्जब

Ans (3): संत काव्य परंपरा के कवि सुंदरदास अपनी विद्वता (सर्वाधिक शिक्षित होने) के कारण प्रसिद्ध है। ज्ञान समुद्र, सुंदर विलास, सर्वांगयोगप्रदीपिका, पंचेंद्रिय चरित्र, सुख समाधि, अद्भुत उपदेश, स्वप्न प्रबोध, वेद विचार, उक्त अनूप, ज्ञन झूलना, पंच प्रभाव आदि उनकी रचनाएँ हैं।


38. भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना ‘हिंदी भाषा’ का प्रकाशन वर्ष है-


1865 ई.

1890 ई.

1885 ई.

1850 ई.

Ans (1): भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना ‘हिंदी भाषा’ का प्रकाशन वर्ष 1865 ई. है।


39. ‘ए डिक्शनरी ऑफ इंग्लिश एण्ड हिन्दुस्तानी’ के लेखक हैं?


जार्ज ग्रियर्सन

विलियम ग्राउस

जॉर्ज गिलक्राइस्ट

फ्रेडरिक पिंकाट

Ans (3): ‘ए डिक्शनरी ऑफ इंग्लिश एण्ड हिन्दुस्तानी’ के लेखक जॉर्ज गिलक्राइस्ट हैं।


40. ‘तुम्हें सौंपता हूँ’ किसकी काव्य रचना है?


नागार्जुन

शमशेर

केदारनाथ अग्रवाल

त्रिलोचन

Ans (4): ‘तुम्हें सौंपता हूँ’ त्रिलोचन की काव्य रचना है। धरती, गुलाब और बुलबुल, दिगंत, ताप के ताए हुए दिन, शब्द, उस जनपद का कवि हूँ, अरधान, मेरा घर, चैती, अनकहनी भी कुछ कहनी है, जीने की कला आदि इनके अन्य काव्य संग्रह हैं। ‘अमोला’ इनके अवधी कविताओं का संग्रह है।


41. ‘पार्श्वनाथ चरित’ के लेखक हैं?


वीरनन्दी

धनंजय

मुनिजिनविजय

वादिराज

Ans (4): ‘पार्श्वनाथ चरित’ के लेखक वादिराज हैं। जैन कवि वादिराज का समय दसवीं शताब्दी माना जाता है। एकीभाव, काकुत्थचरित्र, यशोधरचरित्र, यशोधरचरित्र, न्यायविनिश्चय विवरण, प्रमाणन्याय इनकी अन्य रचनाएँ हैं।


42. ‘द्रक्ष्यति’ शब्द ‘दृश्’ धातु के किस लकार, वचन एवं पुरुष का रूप है?


लट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन

लोट्‌ लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन

लङ् लकार, प्रथम पुष्प, बहुवचन

लृट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन

Ans (4): लृट्‌ लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन


43. ‘निबंध वह गद्य रचना है जिसमें लेखक किसी भी विषय पर स्वछंदतापूर्वक परन्तु एक विशेष सौष्ठव, संहिति और वैयक्तिकता के साथ अपने भावों, विचारों और अनुभवों को व्यक्त करता है।’


-यह परिभाषा किस विद्वान की है?


श्यामसुंदर दास

भगीरथ मिश्र

भारतेंदु

डॉ. नगेंद्र

Ans (2): यह परिभाषा भगीरथ मिश्र की है। काव्यशास्त्र, हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास, तुलसी रसायन आदि इनकी रचनाएँ हैं।


44. शयन में संधि है-


अयादि स्वर संधि

यण स्वर संधि

गुण स्वर संधि

वृद्धि स्वर संधि

Ans (1): शयन में आयादि स्वर संधि है। ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, और औ का आव हो जाता है जिसे अयादि संधि कहते हैं।


45. संस्कृत के किस कवि ने अपने लिए ‘पद वाक्य प्रमाणज्ञ’ विशेषण का प्रयोग किया है?


कालिदास

भारवि

भवभूति

बाणभट्ट

Ans (3): संस्कृत के कवि भवभूति ने अपने लिए ‘पद वाक्य प्रमाणज्ञ’ विशेषण का प्रयोग किया है।


46. ‘पार्वती’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है-


गिरिजा

अर्पणा

शैलजा

शिवानी

Ans (4): ‘पार्वती’ का पर्यायवाची शब्द- गिरिजा, अपर्णा, शैलजा, शैलसुता, अंबिका, आर्या, उमा, गौरी, भवानी, रुद्राणी, शिवा, दुर्गा, गिरिराज कुमारी, सती, ईश्वरी, अभया, सर्वमंगला, मैनसुता, हेमवती।


47. ‘जहाँ वक्रता-सर्प के चाल में थी।


    प्रजा में नहीं थी, न भूपाल में थी॥’


-उपर्युक्त पंक्तियाँ किस अलंकार की उदाहरण हैं?


अर्थान्तरन्यास

परिसंख्या

विभावना

अपह्नुति

Ans (2): उपर्युक्त पंक्तियाँ परिसंख्या अलंकार की उदाहरण हैं। जहाँ किसी वस्तु का दूसरे स्थानों में निषेध कर किसी एक स्थान पर वर्णन किया जाता है, वहाँ परिसंख्या अलंकार होता है; यहाँ पर वक्रता को सिर्फ सर्प तक सीमित कर दिया गया है, इसलिए यहाँ परिसंख्या अलंकार है।


48. निम्नलिखित में रचना और रचनाकारों के असंगत युग्म का चयन कीजिए-


हे मेरी तुम – केदारनाथ अग्रवाल

फूल नाम है एक – त्रिलोचन

नीली रेखा तक – भवानीप्रसाद मिश्र

लोग भूल गये हैं – शमशेर बहादुर सिंह

Ans (4): ‘लोग भूल गए हैं’ रघुवीर सहाय का काव्य संग्रह है। सीढ़ियों पर धूप में, आत्महत्या के विरुद्ध, हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता संग्रह); रास्ता इधर से है (कहानी संग्रह); दिल्ली मेरा परदेश और लिखने का कारण (निबंध संग्रह) आदि उनकी अन्य रचनाएँ हैं।


49. अवधि शिला का उस पर, था गुरु भार।


    तिल तिल काट रही थी, दृग जल धार॥


प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है?

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है?


दोहा

बरवै

सोरठा

रोला

Ans (2): प्रस्तुत पंक्तियों में बरवै छंद है। अर्द्धसम मात्रिक छ्ंद बरवै के पहले और तीसरे चरण में 12-12 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में 7-7 मात्राएँ होती हैं। सम चरणों के अन्त में ‘जगण’ (।S।) होता है।


50. निम्न में से वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्द कौन-सा है?


अभ्यन्तरिक

अभ्यान्तरिकि

आभ्यन्तरिक

आभ्यान्तरिकि

Ans (3): शुद्ध शब्द- आभ्यन्तरिक


51. संस्कृत के किस ग्रंथ का आरम्भ ‘श्री’ शब्द से तथा समापन ‘लक्ष्मी’ शब्द से हुआ है?


रघुवंशम्‌

शिशुपालवधम्‌

किराताजुनीयम्‌

कुमारसंभवम्‌

Ans (3): भारवि के ‘किरातार्जुनीयम्’ महाकाव्य का आरम्भ ‘श्री’ शब्द से तथा समापन ‘लक्ष्मी’ शब्द से हुआ है।यह बृहत्रयी का प्रथम ग्रंथ है, इसमें कुल 18 सर्ग और 1040 श्लोक हैं।


52. विलोम की दृष्टि से असंगत युग्म है-


अज्ञ – विज्ञ

अद्यतन – पुरातन

अजय – विजय

अर्वाचीन – नवीन

Ans (*): विलोम शब्द-


अज्ञ- विज्ञ, प्रज्ञ

अद्यतन- पूर्वतन, अनद्यतन, पुरातन

अजय- विजय

अर्वाचीन- प्राचीन

53. निम्नलिखित में एक ओष्ठ्य ध्वनि नहीं है?


Ans (3): ‘ध’ दंत्य ध्वनि है क्योंकि यह दाँत और जीभ के स्पर्श से बोला जाता है। वहीं उ, ऊ और प वर्ग ओष्ठ्य ध्वनि हैं क्योंकि ये दोनों ओठों के स्पर्श से बोले जाते हैं।


54. अर्थ निर्दिष्ट करने की दृष्टि से निम्नलिखित में से कौन-सा उपसर्ग अन्य तीन से भिन्न है?


अव

अप

परि

दुर्

Ans (3):


अव, अप और दुर उपसर्ग हीनता बोधक उपसर्ग हैं जबकि परि उपसर्ग हीनता बोधक नहीं है।


उपसर्गों के अर्थ-


‘अव’- हीनता, अनादर, पतन

‘अप’- लघुता, हीनता, अभाव, विरुद्ध

‘दुर’- बुरा, कठिन, दुष्ट

‘परि’- आसपास, चारों ओर, पूर्ण, अतिशय, त्याग

55. ‘हम तौ भगति मुकति मैं आया।


     गुरु परसाद राम गुन गाया।’


पंक्तियाँ किस ग्रंथ से ली गई है?


पद्मावत

रामचरित मानस

कबीर की परिचई

बीजक

Ans (3): उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘कबीर की परिचई’ की चौपाई है। कबीर की परिचई में आध्यात्मिक चमत्कारों का भी उल्लेख है।


56. तुलसीदास ने कौन-सी रचना अपनी शारीरिक पीड़ा के निवारणार्थ की थी?


विनयपत्रिका

हनुमान बाहुक

रामचरित मानस

जानकी मंगल

Ans (2): तुलसीदास ने ‘हनुमान बाहुक’ की रचना अपनी शारीरिक पीड़ा के निवारणार्थ की थी।


57. प्रेम कहानी में उठने वाले सामाजिक अवरोधों की पृष्ठभूमि पर लिखा गया उपन्यास है?


नीलू नीलिमा नीलोफर- भीष्म साहनी

जुलूस- फणीश्वरनाथ रेणु

खुदा सही सलामत- रवींद्र कालिया

मुझे चाँद चाहिए- सुरेन्द्र वर्मा

Ans (1): प्रेम कहानी में उठने वाले सामाजिक अवरोधों की पृष्ठभूमि पर लिखा गया उपन्यास भीष्म साहनी का ‘नीलू नीलिमा नीलोफर’ है जिसका प्रकाशन वर्ष 2000 है।


58. निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा स्त्रीलिंग नहीं है?


वायु

रेणु

सेतु

रज्जु

Ans (3): वायु, रेणु और रज्जु स्त्रीलिंग शब्द हैं जबकि सेतु पुंल्लिंग शब्द है।


59. ‘उनकी आलोचना की प्रमुख विशेषता है- उनकी अनाविल दृष्टि और निर्मल विवेचन’- यह कथन किस आलोचक के प्रति है?


रामचंद्र शुक्ल

विश्वनाथ प्रसाद मिश्र

महावीर प्रसाद द्विवेदी

नामवर सिंह

Ans (2): ‘उनकी आलोचना की प्रमुख विशेषता है- ‘उनकी अनाविल दृष्टि और निर्मल विवेचन’- यह कथन आलोचक विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रति बच्चन सिंह ने ‘हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास’ में लिखा है।


60. संस्कृत के प्रथम नाटककार है–


कालिदास

शूद्रक

विशाखदत्त

भास

Ans (4): संस्कृत के प्रथम नाटककार भास हैं जो कालिदास से पूर्ववर्ती हैं। स्वप्नवासवदत्तम्, प्रतिज्ञ यौगंधनारायण, पंचरात्रम्, बालचरितम्, प्रतिमानाटकम्, अभिषेक नाटकम्, अविमारक, चारुदत्त आदि इनके नाटक हैं। भास ने ही सर्वप्रथम संस्कृत में एकांकी नाटक भी लिखा है।


61. ‘खड़ी बोली’ का एक अन्य नाम है-


अन्तर्वेदी

प्राची

कौरवी

हरियाणवी

Ans (3): पश्चिमी हिंदी से उत्पन्न ‘खड़ी बोली’ का एक अन्य नाम ‘कौरवी’ है।


62. ‘ब्रह्मसंप्रदाय’ के संस्थापक कौन है?


श्री निम्बार्काचार्य

शंकराचार्य

श्री मध्वाचार्य

श्री रामानुजाचार्य

Ans (3): ‘ब्रह्मसंप्रदाय’ के संस्थापक ‘श्री मध्वाचार्य’ हैं जबकि रामानुजाचार्य ने विशिष्टाद्वैतवाद, निम्बार्काचार्य ने द्वैताद्वैतवाद और शंकराचार्य ने अद्वैतवाद की स्थापना किया था।


63.  द्रुतविलंबित छंद का लक्षण है कि इसके प्रत्येक में होते हैं-


दो तगण, एक जगण तथा दो गुर के क्रम में 11 वर्ण

एक जगण, एक तगण, एक जगण तथा एक रगण के क्रम में 12 वर्ण

एक तगण, एक भगण, दो जगण तथा दो गुरु के क्रम में 14 वर्ण

एक नगण, दो भगण तथा एक रगण के क्रम में 12 वर्ण

Ans (4): द्रुतविलंबित छंद में एक नगण, दो भगण तथा एक रगण के क्रम में 12 वर्ण होते हैं।


64. टीकाकार मल्लिनाथ ने कालिदास कृत ‘कुमारसम्भवम्’ के कितने सर्गों पर संजीवनी लिखी है?


4

6

8

10

Ans (3): टीकाकार मल्लिनाथ ने कालिदास कृत ‘कुमारसम्भवम्’ के 8 सर्गों पर संजीवनी लिखी है।


65. रामचंद्र शुक्ल का ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ पहले किस ग्रंथ की भूमिका के रूप में छपा था?


हिंदी शब्द सागर

हिंदी साहित्य कोश

हिंदी साहित्य सागर

हिंदी सरित्सागर

Ans (1): रामचंद्र शुक्ल का ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ पहले ‘हिंदी शब्द सागर’ की भूमिका के रूप में प्रकाशित हुआ था।


66. ‘हिंदवी’ शब्द का प्रथम प्रयोग किस इतिहासकार ने किया है?


रामचंद्र शुक्ल

इब्न बतूता

अबू सईद

बदायूँनी

Ans (3): ‘हिंदवी’ शब्द का प्रथम प्रयोग इतिहासकार अबू सईद ने किया है।


67. ‘जहँ राधा आनन उदित, निसि बासर आनंद।


     तहाँ कहा अरविन्द है, कहा बापुरो चंद॥’


पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?


रूपक

प्रतीप

अनन्वय

दीपक

Ans (2): उपरोक्त पंक्ति में प्रतीप अलंकार है। जब उपमेय को उपमान और उपमान को उपमेय बताया जाता है तब उसे प्रतीप अलंकार कहते हैं।


68. ‘उपन्यास-रहस्य’ शीर्षक से किसका निबंध संग्रह है?


महावीर प्रसाद द्विवेदी

बालकृष्ण भट्ट

प्रतापनारायण मिश्र

बालमुकुन्द गुप्त

Ans (1): ‘उपन्यास-रहस्य’ शीर्षक से महावीर प्रसाद द्विवेदी का निबंध संग्रह है। नाट्यशास्त्र, हिंदी भाषा की उत्पत्ति, संपत्तिशास्त्र, कौटिल्य कुठार, कालिदास की निरकुंशता, वनिता-विलाप, रसज्ञ रंजन, कालिदास और उनकी कविता, सुकवि संकीर्तन, अतीत-स्मृति, साहित्यालाप, विज्ञ विनोद, कोविद कीर्तन, प्राचीन चिह्न, चरित चर्या, पुरातत्त्व प्रसंग, साहित्य सीकर, ज्ञान वार्ता, वाग्विलास, विचार-विमर्श, तरुणोपदेश आदि अन्य गद्य हैं।


69. ‘किन्तु, उस दिन यह सिद्ध हुआ


जब कोई भी मनुष्य


अनासक्त होकर चुनौती देता है इतिहास को


उस दिन नक्षत्रों की दिशा बदल जाती है।’


इन पंक्तियों के सृजेता तथा कृति का नाम बताइये–


अंधा युग – धर्मवीर भारती

एक कंठ विषपायी – दुष्यंत कुमार

एक आत्म वक्तव्य – मुक्तिबोध

आत्महत्या के विरुद्ध – रघुवीर सहाय

Ans (1): उपरोक्त पंक्तियों के सृजेता ‘धर्मवीर भारती’ और कृति का नाम ‘अंधा युग’ है।


70. लकार और उसके कालवाचक अर्थ का कौन-सा युग्म सही नहीं है?


लोट् लकार- सम्भाव्य काल

लट् लकार- वर्तमान काल

लृट् लकार- भविष्य काल

लङ् लकार- भूतकाल

Ans (1): लोट् लकार- सम्भाव्य काल

Ans (1): लोट् लकार- सम्भाव्य काल युग्म सुमेलित नहीं है।


71. ‘पौन मया करि घूँघट टारै, दया करी दामिनी दीप देखावै’


-काव्य पंक्ति किस कवि की है?


नेही नागरिदास

पद्माकर

देव

ग्वाल

Ans (1): उपरोक्त काव्य पंक्ति ‘नेही नागरिदास’ की है।


72. ‘हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती


    स्वयं प्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती’


-प्रस्तुत पंक्तियों में काव्य का कौन-सा गुण मौजूद है?


माधुर्य

ओज

प्रसाद

इनमें से कोई नहीं

Ans (2): प्रस्तुत पंक्तियों में काव्य का ‘ओज’ गुण मौजूद है।


73. ‘अन्तःकरण की वृत्तियों के चित्र का नाम कविता है’


-यह काव्य लक्षण किसने प्रस्तुत किया है?


रामचंद्र शुक्ल

श्यामसुंदर दास

महावीर प्रसाद द्विवेदी

हजारी प्रसाद द्विवेदी

Ans (3): यह काव्य लक्षण महावीर प्रसाद द्विवेदी ने प्रस्तुत किया है।


74. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ण घोष-महाप्राण है?


Ans (4): ‘ह’ वर्ण घोष-महाप्राण है। प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पाँचवाँ वर्ण, सारे स्वर वर्ण, य, र, ल, व और ह घोष वर्ण हैं। वहीं वर्गों के द्वितीय तथा चतुर्थ व्यंजन, ढ़, और श, ष, स, ह महाप्राण वर्ण हैं। इसलिए दिये गए विकल्पों में ‘ह’ वर्ण ही घोष और महाप्राण दोनों है।


75. विधा की दृष्टि से सुमेलित युग्म नहीं है–


अत्र कुशलं तत्रास्तु- पत्र साहित्य

अपनी धरती अपने लोग- आत्मकथा

व्यक्तित्व की झाँकियाँ- रेखाचित्र

शान्तिनिकेतन से शिवालिक- यात्रावृत्त

Ans (4): व्याख्या-


‘अत्र कुशलं तत्रास्तु’ ‘रामविलास शर्मा’ तथा ‘अमृत लाल नागर’ का पत्र साहित्य है, जिसका संपादन रामविलास शर्मा के पुत्र डॉ. विजय मोहन शर्मा और अमृतलाल नागर जी के पुत्र डॉ. शरद नागर ने वर्ष 2000 में किया।

‘अपनी धरती अपने लोग’ रामविलास शर्मा की आत्मकथा है जो तीन खण्डों में वर्ष 1996 में प्रकाशित हुई थी।

‘व्यक्तित्व की झाँकियाँ’ लक्ष्मीनारायण सुधांशु का संस्मरण है। परंतु रेखाचित्र से संस्मरण की सर्वाधिक समानता है।

‘शांतिनिकेतन से शिवालिक’ शिव प्रसाद सिंह द्वारा संपादित निबंध संग्रह है जो हजारी प्रसाद द्विवेदी पर केंद्रित है।

76. ‘निर्भय-भीम-व्यायोग’ के लेखक हैं-


धनपाल

राजशेखर

धर्मप्रभ सूरि

रामचंद्र सूरि

Ans (4): ‘निर्भय-भीम-व्यायोग’ के लेखक रामचंद्र सूरि हैं। यह रूपक ग्रंथ है जिसमें भीम द्वारा वनवास में बकासुर को मारने की कथा है। त्यहरिश्चन्द्र नाटक, नलविलास नाटक, रघुविलास नाटक, राघवाभ्युदय नाटक, यादवाभ्युदय नाटक, यदुविलास नाटक, कौमुदीमित्रानंद प्रकरण, रौहिणीमृगांक प्रकरण, मल्लिकामकरंद प्रकरण, वनमाला नाटिका आदि उनके अन्य रूपक ग्रंथ हैं।


77. निम्नलिखित में एक मार्कण्डेय की कहानी नहीं है–


महुए का पेड़

रामलीला

पानफूल

हंसा जाई अकेला

Ans (2): रामलीला कहानी के लेखक प्रेमचंद हैं। वहीं महुए का पेड़, पनफूल, हंसा जाई अकेला, भूदान, माही, सहज और सुलभ, बीच के लोग आदि कहानी और कहानी संग्रह मार्कण्डेय की हैं। सेमल का फूल इनका लघु उपन्यास है।


78. ‘पक्षी’ का पर्यायवाची नहीं है-


खग

शकुनि

शकुंद

शकुन्त

Ans (3): ‘पक्षी’ का पर्यायवाची शब्द- खग, शकुनि, शकुन्त, द्विज, अंडज, विहग, विहंग, पतंग, पखेरू, परिंद, चिड़िया आदि हैं।


79. हिंदी काव्यशास्त्र में ‘बौद्धिक रस’ की स्थापना कल वाले विद्वान हैं-


माता प्रसाद गुप्त

भगीरथ मिश्र

भिखारीदास

गणपतिचंद्र गुप्त

Ans (4): हिंदी काव्यशास्त्र में ‘बौद्धिक रस’ की स्थापना कल वाले विद्वान गणपतिचंद्र गुप्त हैं।


80. हिंदी ‘नई चाल में ढली, सन्‌ 1873 ई.।’ भारतेंदु हरिश्चंद्र ने इसे किस पुस्तक में अंकित किया था?


कालचक्र

विद्यासुंदर

नीलदेवी

भारतदुर्दशा

Ans (1): भारतेंदु हरिश्चंद्र ने ‘कालचक्र’ पुस्तक में हिंदी ‘नई चाल में ढली, सन्‌ 1873 ई.।’ निबंध संग्रहित है।


81. ‘काम-भाव और शरीर का सौंदर्य उनके यहाँ उत्सव-रूप में है।’


विद्यापति के संदर्भ में यह कथन किसका है?


रामस्वरूप चतुर्वेदी

डॉ. नगेंद्र

बच्चन सिंह

रामचंद्र शुक्ल

Ans (4): विद्यापति के संदर्भ में यह कथन रामचंद्र शुक्ल का है।


82. ‘चेहरे अनेक’ किसकी आत्मकथा है?


नेमिचंद्र जैन

धर्मवीर भारती

इलाचंद्र जोशी

उपेंद्रनाथ अश्क

Ans (4): ‘चेहरे अनेक’ ‘चेहरे अनेक’ उपेंद्रनाथ अश्क की आत्मकथा है। इसका पहला भाग नीलाभ प्रकाशन से वर्ष 1977 में प्रकाशित हुआ था। हालाँकि इसमे संस्मरण और साहित्य से संबंधी लेखकों की जीवनी भी है।


83. प्रगतिवाद आंदोलन के ‘सैनिक रूप’ का उल्लेख किस साहित्यकार ने किया है?


प्रेमचंद

मुक्तिबोध

अज्ञेय

नागार्जुन

Ans (2): प्रगतिवाद आंदोलन के ‘सैनिक रूप’ का उल्लेख मुक्तिबोध ने किया है।


84. निम्नलिखित में से भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना नहीं है-


अषाढ महात्म्य

अपवर्ग पंचक

भक्ति सर्वस्व

हिंदी भाषा

Ans (1): ‘आषाढ़ महात्म्य’ भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचना नहीं है।


85. ‘प्रज्ञा नवनवोन्मेषशालिनी प्रतिभा मता’ किसकी उक्ति है?


कुन्तक

मम्मट

भट्टलोल्लट

श्री भट्टतौत

Ans (4): आचार्य भट्टतौत ने ‘साहित्यदर्पण’ में प्रतिभा को ‘प्रज्ञा नवनवोन्मेषशालिनी प्रतिभा मता’ कहा है।


86. ‘सब कोऊ जानत तुम्हें सारे जगत जहान’– इस वाक्य में कौन-सा काव्य-दोष है?


न्यून पदत्व

पुनरुक्ति

क्लिष्टत्व

अक्रमत्व

Ans (2): इस वाक्य में पुनरुक्ति काव्य-दोष है। एक ही अर्थ को प्रकट करने वाले शब्द या वाक्य का दो या दो से अधिक बार प्रयोग करना, पुनरुक्ति दोष कहलाता है।


87. निम्नलिखित में ‘तद्भव’ शब्द है-


रात्रि

पंख

कार्य

दैव

Ans (2): ‘पंख’ तद्भव शब्दहै, जबकि रात्री, कार्य और दैव तत्सम शब्द हैं।


88. ‘उपन्यास का मोटापा उसके स्वास्थ्य पर वैसा ही असर डालता है, जैसे मनुष्यों का मोटापा।’


-यह कथन किस इतिहासकार का है?


बाबू गुलाब राय

डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त

डॉ. नगेंद्र

डॉ. बच्चन सिंह

Ans (4): उपन्यास के संदर्भ में यह कथन बच्चन सिंह का है।


89. ‘ऊटपटांग’ शब्द में समास होता है?


बहुव्रीहि

द्वंद्व

द्विगु

तत्पुरुष

Ans (4): ‘ऊटपटांग’ शब्द में तत्पुरुष समास होता है। जिसका प्रथम पद गौण और उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।


90. निम्नलिखित में से कौन तद्धित प्रत्यय वाला शब्द नहीं है?


शिक्षक

पौरुषेय

मायावी

सजावट

Ans (4): ‘सहावट’ तद्धित प्रत्यय वाला शब्द नहीं है जबकि शिक्षक, मायावी तद्धतिप्रतय है।


91. निम्नलिखित में से किस रचना का रचनाकार फोर्ट विलियम कालेज से संबद्ध नहीं था?


प्रेम सागर

लालचन्द्रिका

रानी केतकी की कहानी

नासिकेतोपाख्यान

Ans (3): रानी केतकी की कहानी के लेखक इंशा अल्ला खाँ है जो सीधे फोर्ट विलियम कालेज से संबद्ध नहीं थे।


92. ‘लीक पर वे चलें जिनके


चरण दुर्बल और हारे हैं,


हमें तो जो हमारी यात्रा से बने


ऐसे अनिर्मित पंथ प्यारे हैं’


इन पंक्तियों के सृजेता हैं-


भारत भूषण अग्रवाल

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

चंद्रकांत देवताले

भवानी प्रसाद मिश्र

Ans (2): इन पंक्तियों के सृजेता ‘सर्वेश्वर दयाल सक्सेना’ हैं।


93. ‘गुरवे’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा-


गुरु + वे

गुरु + ए

गुर + वे

गुरो + ए

Ans (4): ‘गुरवे’ शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा- ‘गुरो + ए’।


94. ‘बीती विभावरी जाग री।


अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा घट ऊषा नागरी।’


-उपर्युक्त पंक्तियों में अलंकार है?


रूपक

उत्प्रेक्षा

श्लेष

यमक

Ans (1): उपर्युक्त पंक्तियों में रूपक अलंकार है। अत्यधिक समानता के कारण जब उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए, तो वहाँ रूपक अलंकार होता है।


95. ‘कविता की नई तारीख’ किसकी कहानी है?


ज्ञान रंजन

काशीनाथ सिंह

श्रीकान्त वर्मा

उदय प्रकाश

Ans (2): ‘कविता की नई तारीख’ कहानी काशीनाथ सिंह की है। लोग बिस्तरों पर, सुबह का डर, आदमीनामा, नयी तारीख, कल की फटेहाल कहानियाँ, सदी का सबसे बड़ा आदमी, कहनी उपखान, खरोंच आदि उनके अन्य कहानी संग्रह हैं।


96. ‘मर गया दीपनाथ’ नामक चर्चित कहानी के लेखक हैं?


चंद्रकिशोर जायसवाल

रमाकान्त श्रीवास्तव

रमणिका गुप्ता

सजीव

Ans (1): ‘मर गया दीपनाथ’ नामक चर्चित कहानी के लेखक ‘चंद्रकिशोर जायसवाल’ हैं। मैं नहिं माखन खायो, मर गया दीपनाथ, हिंगवा घाट में पानी रे, जंग, दुखिया दास कबीर, नकबेसर कागा ले भागा, तर्पण, आघातपुष्प, जमीन आदि उनके अन्य कहानी संग्रह हैं।


97. ‘विखण्डनवाद’ का जनक माना जाता है-


रूसो को

देरीदा को

सस्युर को

रिचर्ड को

Ans (2): ‘विखण्डनवाद’ का जनक देरीदा को माना जाता है।


98. ‘बैलगाड़ी’ में समास है-


द्वंद्व

द्विगु

कर्मधारय

तत्पुरुष

Ans (4): ‘बैलगाड़ी’ में तत्पुरुष समास है। जिसका अंतिम या उत्तरपद पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।


99. अपभ्रंश में दोहा-काव्य की परम्परा का आरंभ किस कवि ने किया?


हेमचंद्र

जोइन्दु

धनपाल

सोमनाथ

Ans (2): अपभ्रंश में दोहा-काव्य की परम्परा का आरंभ ‘जोइन्दु’ ने किया था। परमात्माप्रकाश और योगसार इनके ग्रंथ हैं।


100. नाटकों और नाटककारों का कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?


रघुकुल रीति- जगदीशचंद्र माथुर

मिस्टर अभिमन्यु- लक्ष्मीनारायण लाल

एक सत्य हरिश्चंद्र – लक्ष्मीनारायण मिश्र

गोपा का दान – विनोद रस्तोगी

Ans (3): ‘एक सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक के नाटककार ‘लक्ष्मीनारायण लाल’ हैं न की लक्ष्मीनारायण मिश्र। अन्धा कुआँ, मादा कैक्टस, सुंदर रस, सूखा सरोवर, नाटक तोता मैना, रातरानी, दर्पण, सूर्यमुख, कलंकी, मिस्टर अभिमन्यु, कर्फ्यू, दूसरा दरवाजा, अब्दुल्ला दीवाना, यक्ष प्रश्न, व्यक्तिगत, सगुन पंछी, सब रंग मोहभंग, राम की लड़ाई, पंच पुरुष, लंका कांड, गंगा माटी, नरसिंह कथा, चन्द्रमा आदि उनके अन्य नाटक हैं।


101. कोई व्यक्ति या वस्तु जिस आधार से अलग होती है या दूर जाती है, उस आधार में कौन-सा कारक प्रयुक्त होता है?


सम्प्रदान कारक

अपादान कारक

संबंध कारक

करण कारक

Ans (2): कोई व्यक्ति या वस्तु जिस आधार से अलग होती है या दूर जाती है, उस आधार में ‘अपादान कारक’ प्रयुक्त होता है। अपादान कारक का विभक्ति चिह्न ‘से’ (अलग होने के अर्थ में) है; जैसे- पेड़ से पत्ते गिरते हैं।


102. निम्नलिखित में से कौन-सा नाम सिद्ध-परम्परा की योगिनी का नहीं बल्कि योगी का है?


पुतलिपा

मणिभद्रपा

कनखलापा

लक्ष्मीकरा

Ans (1): ‘पुतलिपा’ 84 सिद्धों की परंपरा के योगी हैं, न की योगिनी।


103 ‘विनय और सोफिया’ किस प्रसिद्ध उपन्यास के पात्र हैं?


सेवासदन

रंगभूमि

कर्मभूमि

कायाकल्प

Ans (2): ‘विनय और सोफिया’ रंगभूमि उपन्यास के पात्र हैं जिसके लेखक उपन्यास सम्राट प्रेमचंद हैं। रंगभूमि उपन्यास में विनय और सोफिया के अलावा सूरदास, जॉन सेवक, प्रभु सेवक अन्य प्रमुख पात्र हैं।


104. निम्नलिखित में स्त्रीलिंग शब्द है–


जबाब

गुलाब

हिसाब

शराब

Ans (4): उपर्युक्त विकल्पों में स्त्रीलिंग शब्द ‘शराब’ है जबकि जबाब, गुलाब और हिसाब पुल्लिंग शब्द हैं।


105. उर्दू को यामिनी भाषा कहने का श्रेय किसको है?


सदल मिश्र

लल्लू लाल

इंशा अल्लाखाँ

सदासुखलाल नियाज

Ans (2): उर्दू को यामिनी भाषा कहने का श्रेय ‘लल्लू लाल’ को है। इनका ग्रंथ ‘प्रेमसागर’ है।


106. ‘वह उस शाखा का वन-विहंग


      उड़ गया मुक्त नभ निरस्तरंग’


पंक्तियाँ किस छायावादी कवि की है?


जयशंकर प्रसाद

सुमित्रानंदन पंत

महादेवी वर्मा

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Ans (4): उपर्युक्त पंक्तियाँ छायावादी कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की हैं।


107. ‘लौटकर आया हुआ’ के लिए उपयुक्त एक शब्द होगा-


आगत

विगत

तथागत

प्रत्यागत

Ans (4): ‘लौटकर आया हुआ’ के लिए एक शब्द ‘प्रत्यागत’ है।


108. ‘एक दिन बोलेगे पेड़’ काव्यकृति के रचनाकार हैं-


अरुण कमल

मंगलेश डबराल

राजेश जोशी

उदय प्रकाश

Ans (3): ‘एक दिन बोलेगे पेड़’ काव्यकृति के रचनाकार ‘राजेश जोशी’ हैं। मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी, दो पंक्तियों के बीच उनके अन्य काव्य संग्रह हैं।


109. ‘समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला’ के लिए एक शब्द होगा-


सार्वकालिक

सार्वदैशिक

सार्वभौमिक

सार्वजनीन

Ans (3): ‘समस्त पृथ्वी से संबंध रखने वाला’ के लिए एक शब्द ‘सार्वभौमिक’ होगा।


110. ‘तुलसी गंग दुवौ भये सुकबिन के सरदार’– यह प्रसिद्ध कथन किसका है?


भिखारीदास

ब्रजनाथ

रामचंद्र शुक्ल

रामकुमार वर्मा

Ans (1): ‘तुलसी गंग दुवौ भये सुकबिन के सरदार’– यह प्रसिद्ध कथन ‘भिखारीदास’ का है।


111. निम्नलिखित में से कौन-सा काव्यसंग्रह नरेन्द्र शर्मा का नहीं है?


कर्णफूल

शूलफूल

प्रवासी के गीत

अपराजिता

Ans (4): शूल-फूल, कर्ण-फूल, प्रभात-फेरी, प्रवासी के गीत, कामिनी, मिट्टी और फूल, पलाश-वन, हंस माला, रक्तचंदन, अग्निशस्य, कदली-वन, प्यासा-निर्झर, बहुत रात गये, सुवीरा आदि नरेन्द्र शर्मा के काव्य संग्रह हैं।


वहीं ‘अपराजिता’ सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का गीत है जो अनामिका में संग्रहीत है और इसी नाम से रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ का प्रबंध काव्य भी है जो वर्ष 1983 में प्रकाशित हुआ था।


112. गार्सा द तासी के इतिहास ग्रंथ ‘द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ए ऐन्दुस्तानी’ का दूसरा संस्करण कब प्रकाशित हुआ था?


1848 ई.

1868 ई.

1871 ई.

1888 ई.

Ans (3): गार्सा द तासी के इतिहास ग्रंथ ‘द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ए ऐन्दुस्तानी’ का दूसरा संस्करण 1871 ई. प्रकाशित हुआ था।


113. ‘प्रसंग गर्भत्व इनके गद्य की निजी विशेषता है। इनकी भाषा सरल और व्यंजना पूर्ण है। बीच-बीच में हास्य और व्यंग्य भी है।’


–यह कथन किसके प्रति है?


बाबू श्याम सुंदर दास

चंद्रधर शर्मा

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

अध्यापक पूर्णसिंह

Ans (4): यह कथन अध्यापक पूर्णसिंह के प्रति, रामचंद्र शुक्ल का कथन है।


114. ‘कूलंकषा’ किसका पर्यायवाची है?


नौका

नदी

बिजली

रात्रि

Ans (2): ‘कूलंकषा’ नदी का पर्यायवाची है। नदी के अन्य पर्यायवाची शब्द- सरिता, निर्झरणी, तरंगिनी, पयस्विनी, तरनी, स्रोतस्विनी, लहरी, अपगा, सरि, तरंगवती, निग्नगा, लरमाला, नदिया, टटिया आदि।


115. निम्नलिखित में से असत्य कथन है–


रामचंद्र शुक्ल ने प्रेमचंद को हिंदी का सर्वश्रेष्ठ उपन्यासकार कहा है।

‘दुलाई वाली’ कहानी ‘ग्यारह वर्ष का समय’ के बाद लिखी गयी।

‘उसने कहा था’ कहानी ‘सरस्वती’ में 1915 ई. में प्रकाशित हुई थी।

‘रक्षाबंधन’ कहानी हरिकृष्ण प्रेमी ने लिखी थी।

Ans (4): रक्षाबंधन हरिकृष्ण प्रेमी का नाटक है जो 1939 ई. में प्रकाशित हुआ था।


116. ‘शुद्ध कला के पारखी, कहते हैं उस पार की।’


पंक्ति के रचयिता कौन है?


पंक्ति के रचयिता कौन है?

  1. रामधारी सिंह ‘दिनकर’
  2. नागार्जुन
  3. रामविलास शर्मा
  4. मुक्तिबोध

Ans (3): ‘शुद्ध कला के पारखी, कहते हैं उस पार की।’ पंक्ति के रचयिता रामविलास शर्मा हैं। यह पंक्ति उनकी कविता ‘सत्यं शिवं सुंदरम्’ की है।

117. ‘पितृ’ शब्द के सप्तमी विभक्ति के तीनों वचनों के रूप हैं क्रमशः

  1. पितरि, पितरो, पितृषु
  2. पितरि, पित्रो:, पितृषु
  3. पिते, पित्रो:, पितृषु
  4. पितरि, पितरो, पितेषु

Ans (2): ‘पितृ’ शब्द के सप्तमी विभक्ति के तीनों वचनों के रूप हैं क्रमश: पितरि, पित्रो:, पितृषु है।

118. ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ उपन्यास में ‘सर्वोच्च देवलोक’ किसे कहा गया है?

  1. लंदन
  2. पेरिस
  3. न्यूयार्क
  4. दिल्‍ली

Ans (1): ‘ग्लोबल गाँव के देवता’ उपन्यास में ‘सर्वोच्च देवलोक’ लंदन को कहा गया है। यह उपन्यास रणेन्द्र (2006) का है। ग्लोबल गाँव के देवता के माध्यम से रणेन्द्र ने असुरों के राजनीतिक और सांस्कृतिक पराभव की त्रासद गाथा लिखी है। ‘गायब होता देश’ और ‘गूँगी रुलाई का कोरस’ भी उनके उपन्यास हैं।

119. साखी सबदी दोहरा, कहि कहनी उपखान।

भमति निरूपहिं भगत कलि, निंदहिं बेद पुरान॥

-उपर्युक्त पंक्तियों के रचनाकार हैं

  1. तुलसीदास
  2. कबीर
  3. मलिक मुहम्मद जायसी
  4. कुतुबन

Ans (1): उपर्युक्त पंक्तियों के रचनाकार तुलसीदास हैं जो दोहावली में संग्रहीत है।

120. सनि कज्जल चख झख-लगन उपज्यौ सुदिन सनेहु।

क्यौं न नृपति ह्वै भोगवै लहि सुदेसु सबु देहु॥

-बिहारी के उपर्युक्त दोहे में उनकी बहुज्ञता का कौन-सा पक्ष प्रकट हुआ है?

  1. वैद्यक ज्ञान
  2. राजनीति
  3. देशाटन
  4. ज्योतिष ज्ञान

Ans (1): बिहारी के उपर्युक्त दोहे में उनकी बहुज्ञता का ‘वैद्यक ज्ञान’ प्रकट हुआ है।

121. ‘तवल्कार:’ का सही संधि-विच्छेद है-

  1. तव + लकार:
  2. तव + लृकार:
  3. तव + ऋकार:
  4. तवल्  + कार

Ans (2): ‘तवल्कार:’ का सही संधि-विच्छेद ‘तव + लृकार:’ और इसमें गुण संधि है।

122. ‘सोभा सरसाने न बखाने जात कैहूँ भाँति

      आने हैं पहार मानो काजर के ढोय कै॥’

-यह काव्य पंक्ति किसकी है?

  1. देव
  2. सेनापति
  3. मतिराम
  4. चिन्तामणि

Ans (2): यह काव्य पंक्ति सेनापति की है।

123. ‘उदधि आइ तेइ बन्धन कीन्हा।

      इति दसमाथ अमर पद दीन्हा॥’

-पंक्तियों के रचनाकार हैं:

  1. कुतुबन
  2. तुलसी
  3. जायसी
  4. सूरदास

Ans (3): उपर्युक्त पंक्तियों के रचनाकार जायसी हैं। यह पंक्ति पद्मावत के ‘लक्ष्मी समुद्र खंड’ से लिया गया है।

124. ‘भारतेंदु नाटक मण्डली’ द्वारा अभिनीत पहला नाटक था-

  1. सत्य हरिश्चंद्र
  2. विद्यासुंदर
  3. भारत दुर्दशा
  4. सतीप्रताप

Ans (1): ‘भारतेंदु नाटक मण्डली’ द्वारा अभिनीत पहला नाटक ‘सत्य हरिश्चंद्र’ था।यह भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित चार अंकों का नाटक है।

125 ‘अंग्रेज’ किस भाषा का शब्द है?

  1. अंग्रेजी
  2. फ्रेंच
  3. पुर्तगाली
  4. डच

Ans (2): ‘अंग्रेज’ फ्रेंच भाषा का शब्द है।

Comments

Popular posts from this blog

कैदी और कोकिला

नेताजी का चश्मा 10th Hindi

class 7th 8th and 9thसमास अर्थ परिभाषा प्रकार और उदाहरण ,पहचान