दो बैलों की कथा मुंशी प्रेमचंद एनसीईआरटी नाइंथ हिंदी प्रश्न उत्तर अभ्यास एवं सारांश
पाठ सारांश
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https://youtu.be/l_f21C0OWvY
प्रश्न उत्तर अभ्यास
प्रश्न1
काजी हॉर्स में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती थी?
उत्तर
कभी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती थी क्योंकि काजी हाउस की दीवारें कच्ची थी। वहां के मालिक को लगता था कि शायद कच्ची दीवारें तोड़कर कोई पशु का भाग गया हो। दूसरी तरफ उन पशुओं को उतना ही चारा डाला जाता था जिससे वह जिंदा रह सके। सांसे ले सकें। इस वजह से कोई पशु मर तो नहीं गया है या कोई पशु भाग तो नहीं गया है यह देखने के लिए प्रतिदिन काजी होंस में कैद पशुओं की हाजिरी ली जाती ।
प्रश्न2.
छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उम्र आया?
उत्तर
छोटी बच्ची को लगता था कि उसका दुख और बैलों का दुख एक जैसा है ।क्योंकि छोटी बच्ची की सौतेली मां उस पर अत्याचार करती थी। उसे लगता था कि बैलों पर भी अत्याचार हो रहा है। इसी आत्मीयता के भाव के कारण उसको बैलों पर दया आ जाती थी और वह बैलों को छुपकर एक-एक रोटी खिला ती थी।
प्रश्न 3.
कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर
कहानी में बैलों के माध्यम से अनेक नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं जैसे
बैल कहता है औरत जात पर सींग चलाना मना है इस कथन के माध्यम से कहानी में संदेश दिया गया है की औरतों का सम्मान करना चाहिए ।नारी सम्मान की बात का मूल्य उभर कर आया है। इसके अलावा एकता में बल है विपत्ति में मित्र का साथ ना छोड़ना विपत्ति के समय मिलकर उसका डटकर मुकाबला करना अत्याचारी का विरोध करना। स्वतंत्रता के लिए लड़ना ।पशु पक्षियों पर दया करना ।आज नीति विषयक मूल्य उभर कर आए ।
प्रश्न 4.
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभाव का विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ और मूर्ख अर्थ का प्रयोग न करके किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे को रुढ़ अर्थ में न लेकर नए अर्थ में प्रस्तुत किया है उसकी स्वभाव की विशेषताओं के कारण उसे एक विशेष पदवी प्रदान कर दी है। गधे के सीधे पन उसके संतो षी स्वभाव जैसा मिल जाए वैसा खा लेना ।क्रोध न करना। लाभ हानि की चिंता ना करना समान रहना। उसका सीधा पन जो मूर्खता का प्रतीक माना जाता है ,का लेखक ने उसे विशेष अर्थ में लिया है । इन्हीं विशेषताओं के कारण लेखक ने गधे को सन्यासी की उपमा दे दी है ।साधु की उपमा दे दी है।
प्रश्नप्र5.
घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी मित्रता थी?
उत्तर
विभिन्न घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी मित्रता थी ।जैसे
जब वे दोनों हल चलाते थे तो एक दूसरे के श्रम को या भार को कम करने का प्रयास करते थे। दोनों एक ही साथ ना द में मुह डालते और एक साथ नाद से मुंह निकालते। एक दूसरे की बात को मुक भाषा में ही समझ जाते। विपत्ति में एक दूसरे का साथ न छोड़ते विपत्ति आने पर दोनों मिलकर डटकर मुकाबला करते ।काजी होंस में एक दूसरे को छोड़कर नहीं भाग ते है। मटर के खेत में भी वह एक दूसरे को छोड़कर नहीं जाते । साड के आने पर वह दोनों मिलकर मुकाबला करते हैं। और सांड को मार गिरा देते हैं ।इन सब घटनाओं से सिद्ध होता है कि हीरा और मोती में सच्ची मित्रता थी।
प्रश्न 6.
", लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है "यह भूल जाते हो हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
हीरा के इस कथन से स्पष्ट होता है कि स्त्रियों के प्रति प्रेमचंद जी का दृष्टिकोण सम्मान को पूर्ण है ।उस समय स्त्रियों के प्रति जो दुर्व्यवहार किया जाता था ,उस दुर्व्यवहार का विरोध किया है। इस कथन के माध्यम से पुरुष समाज ने जो स्त्रियों के लिए नियम बनाए थे उनमें एक नियम था उन्हें शारीरिक दंड न दे ना अर्थात मनुस्मृति के यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता का, यहां पर प्रेमचंद जी ने समर्थन किया है।
प्रश्न 7
जीवन वाले समाज में पशुओं और मनुष्यों के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर
प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक संबंधों का चित्रण प्रस्तुत किया है ।हीरा और मोती दोनों ही झूरी के बैल थे लेकिन झूरी उन्हें अपनी संतान की तरह उन्हें प्रेम करता था।अपने मालिक को छोड़कर वह हीरा और मोती दोनों कहीं भी जाना नहीं चाहते थे ।इससे यह स्पष्ट होता है कि पशु भी स्नेहा का भूखा होता है। प्रेम पाने से वह तृप्ति महसूस करता है। वह अपने प्रेम को व्यक्त नहीं कर पाता
भारतीय किसान समाज की भोली-भाली और सरल तस्वीर को प्रेमचंद ने यहां चित्रित किया है।
प्रश्न 8.
इतना तो हो ही गया कि 9 10 प्राणियों की जान बच गई वह सब तो आशीर्वाद देंगे ।मोदी के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर
मोदी के इस कथन से स्पष्ट होता है कि वह आशावादी है। उसे अभी यह विश्वास है कि वह कैद से मुक्त हो जाएगा ।वह स्वार्थी नहीं है। परोपकारी है। दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है। उसके लिए चाहे उसे अपने प्राण गंवाने पड़े या जान का खतरा उठाना पड़े ।वह मौके की तलाश में रहता है और दूसरे लोगों को निकालने का प्रयास करता है।
प्रश्न 9.
आशय स्पष्ट कीजिए
(क)अवश्य उनमें कोई गुप्त सकती थी ,जिससे जीवन में दावा करनेवाला मनुष्य वंचित है।
(ख) उस एक रोटी से उनकी मुंह तो क्या शांत होती पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर
(क)हीरा और मोती बिना बिना कुछ कहे ही एक दूसरे की बात को समझ लेते थे मूक भाषा में ही अपने मन की बात वह समझते थे ।प्राय वे एक-दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे यद्यपि मनुष्य स्वयं को प्राणियों में श्रेष्ठ मानता है ,परंतु यह शक्ति उसके पास नहीं है जो हीरा मोटी के पास थी।अर्थात बिना कुछ कहे समझना और समझाने की शक्ति मनुष्य के पास नहीं है।
(ख ) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि वह छोटी लड़की जो उन दोनों बैलों को एक-एक रोटी ला कर खिलाती थी। उस एक रोटी से उनका पेट तो नहीं भरता था, परंतु उनकी आत्मा को शांति जरूर मिलती थी, क्योंकि उस रोटी में उन्हें प्रेम और स्नेह की गंध आती थी ।यहां यह कहने का प्रयास किया गया है कि अपमान के व्यंजनों से सम्मान की सूखी रोटी भली।
प्रश्न उत्तर अभ्यास
प्रश्न1
काजी हॉर्स में कैद पशुओं की हाजिरी क्यों ली जाती थी?
उत्तर
कभी हाउस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती थी क्योंकि काजी हाउस की दीवारें कच्ची थी। वहां के मालिक को लगता था कि शायद कच्ची दीवारें तोड़कर कोई पशु का भाग गया हो। दूसरी तरफ उन पशुओं को उतना ही चारा डाला जाता था जिससे वह जिंदा रह सके। सांसे ले सकें। इस वजह से कोई पशु मर तो नहीं गया है या कोई पशु भाग तो नहीं गया है यह देखने के लिए प्रतिदिन काजी होंस में कैद पशुओं की हाजिरी ली जाती ।
प्रश्न2.
छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उम्र आया?
उत्तर
छोटी बच्ची को लगता था कि उसका दुख और बैलों का दुख एक जैसा है ।क्योंकि छोटी बच्ची की सौतेली मां उस पर अत्याचार करती थी। उसे लगता था कि बैलों पर भी अत्याचार हो रहा है। इसी आत्मीयता के भाव के कारण उसको बैलों पर दया आ जाती थी और वह बैलों को छुपकर एक-एक रोटी खिला ती थी।
प्रश्न 3.
कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?
उत्तर
कहानी में बैलों के माध्यम से अनेक नीति विषयक मूल्य उभर कर आए हैं जैसे
बैल कहता है औरत जात पर सींग चलाना मना है इस कथन के माध्यम से कहानी में संदेश दिया गया है की औरतों का सम्मान करना चाहिए ।नारी सम्मान की बात का मूल्य उभर कर आया है। इसके अलावा एकता में बल है विपत्ति में मित्र का साथ ना छोड़ना विपत्ति के समय मिलकर उसका डटकर मुकाबला करना अत्याचारी का विरोध करना। स्वतंत्रता के लिए लड़ना ।पशु पक्षियों पर दया करना ।आज नीति विषयक मूल्य उभर कर आए ।
प्रश्न 4.
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभाव का विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ और मूर्ख अर्थ का प्रयोग न करके किसी नए अर्थ की ओर संकेत किया है?
उत्तर
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे को रुढ़ अर्थ में न लेकर नए अर्थ में प्रस्तुत किया है उसकी स्वभाव की विशेषताओं के कारण उसे एक विशेष पदवी प्रदान कर दी है। गधे के सीधे पन उसके संतो षी स्वभाव जैसा मिल जाए वैसा खा लेना ।क्रोध न करना। लाभ हानि की चिंता ना करना समान रहना। उसका सीधा पन जो मूर्खता का प्रतीक माना जाता है ,का लेखक ने उसे विशेष अर्थ में लिया है । इन्हीं विशेषताओं के कारण लेखक ने गधे को सन्यासी की उपमा दे दी है ।साधु की उपमा दे दी है।
प्रश्नप्र5.
घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी मित्रता थी?
उत्तर
विभिन्न घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी मित्रता थी ।जैसे
जब वे दोनों हल चलाते थे तो एक दूसरे के श्रम को या भार को कम करने का प्रयास करते थे। दोनों एक ही साथ ना द में मुह डालते और एक साथ नाद से मुंह निकालते। एक दूसरे की बात को मुक भाषा में ही समझ जाते। विपत्ति में एक दूसरे का साथ न छोड़ते विपत्ति आने पर दोनों मिलकर डटकर मुकाबला करते ।काजी होंस में एक दूसरे को छोड़कर नहीं भाग ते है। मटर के खेत में भी वह एक दूसरे को छोड़कर नहीं जाते । साड के आने पर वह दोनों मिलकर मुकाबला करते हैं। और सांड को मार गिरा देते हैं ।इन सब घटनाओं से सिद्ध होता है कि हीरा और मोती में सच्ची मित्रता थी।
प्रश्न 6.
", लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है "यह भूल जाते हो हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
हीरा के इस कथन से स्पष्ट होता है कि स्त्रियों के प्रति प्रेमचंद जी का दृष्टिकोण सम्मान को पूर्ण है ।उस समय स्त्रियों के प्रति जो दुर्व्यवहार किया जाता था ,उस दुर्व्यवहार का विरोध किया है। इस कथन के माध्यम से पुरुष समाज ने जो स्त्रियों के लिए नियम बनाए थे उनमें एक नियम था उन्हें शारीरिक दंड न दे ना अर्थात मनुस्मृति के यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता का, यहां पर प्रेमचंद जी ने समर्थन किया है।
प्रश्न 7
जीवन वाले समाज में पशुओं और मनुष्यों के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर
प्रेमचंद ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक संबंधों का चित्रण प्रस्तुत किया है ।हीरा और मोती दोनों ही झूरी के बैल थे लेकिन झूरी उन्हें अपनी संतान की तरह उन्हें प्रेम करता था।अपने मालिक को छोड़कर वह हीरा और मोती दोनों कहीं भी जाना नहीं चाहते थे ।इससे यह स्पष्ट होता है कि पशु भी स्नेहा का भूखा होता है। प्रेम पाने से वह तृप्ति महसूस करता है। वह अपने प्रेम को व्यक्त नहीं कर पाता
भारतीय किसान समाज की भोली-भाली और सरल तस्वीर को प्रेमचंद ने यहां चित्रित किया है।
प्रश्न 8.
इतना तो हो ही गया कि 9 10 प्राणियों की जान बच गई वह सब तो आशीर्वाद देंगे ।मोदी के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएं बताइए।
उत्तर
मोदी के इस कथन से स्पष्ट होता है कि वह आशावादी है। उसे अभी यह विश्वास है कि वह कैद से मुक्त हो जाएगा ।वह स्वार्थी नहीं है। परोपकारी है। दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है। उसके लिए चाहे उसे अपने प्राण गंवाने पड़े या जान का खतरा उठाना पड़े ।वह मौके की तलाश में रहता है और दूसरे लोगों को निकालने का प्रयास करता है।
प्रश्न 9.
आशय स्पष्ट कीजिए
(क)अवश्य उनमें कोई गुप्त सकती थी ,जिससे जीवन में दावा करनेवाला मनुष्य वंचित है।
(ख) उस एक रोटी से उनकी मुंह तो क्या शांत होती पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।
उत्तर
(क)हीरा और मोती बिना बिना कुछ कहे ही एक दूसरे की बात को समझ लेते थे मूक भाषा में ही अपने मन की बात वह समझते थे ।प्राय वे एक-दूसरे से स्नेह की बातें सोचते थे यद्यपि मनुष्य स्वयं को प्राणियों में श्रेष्ठ मानता है ,परंतु यह शक्ति उसके पास नहीं है जो हीरा मोटी के पास थी।अर्थात बिना कुछ कहे समझना और समझाने की शक्ति मनुष्य के पास नहीं है।
(ख ) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि वह छोटी लड़की जो उन दोनों बैलों को एक-एक रोटी ला कर खिलाती थी। उस एक रोटी से उनका पेट तो नहीं भरता था, परंतु उनकी आत्मा को शांति जरूर मिलती थी, क्योंकि उस रोटी में उन्हें प्रेम और स्नेह की गंध आती थी ।यहां यह कहने का प्रयास किया गया है कि अपमान के व्यंजनों से सम्मान की सूखी रोटी भली।
Thank you mam
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