नेहा राठौर को जबाब
काबा काबा मति कर छोरी,यूपी के इतिहास तैं।
तब न पढी तौ अब पढि लै तू , थोड़ो ध्यान लगाइ कें।
यूपी की उर्वर माटी में , गंगा जमुना बहती है,
राम कृष्ण की पावन गाथा ,पूरी दुनिया कहती है।
तोय काबा ,में कहा मिलेगौ, पढि लै वेद पुरान तैं।
तब न पढी तौ अब पढि लै तू ,थोडो ध्यान लगाइ कैं।
संगम तट ये समझावत है , समरसता में है शांति।
सत्तावन में फन को कुचलने ,मेरठ ते उठी क्रांति।
यूपी से झांसी की रानी , लड़ गयी अपनी आन पै।
केशरिया रंग बालौ बाबा, ठन गयौ अपनी ठान पै।
जा माटी ने वीर दिये हैं,गरव ते सीना तान कैं।
तब न पढी तौ अब पढि लै तू , थोड़ो ध्यान लगाइ कैं।
वाराणसी की छटा है न्यारी,दुलहिन सी अयोध्या प्यारी,
यूपी में अनुशासन है, बडौ भलौ प्रशासन है।
हम हैं ऊंचे रिश्ते वाले, तुम तौ बिहारी साली साले।
भूलि गयी का? सीता मैयाा, ब्याही अपने राम तैं।
तब न पढी तौ अब पढि लै तू , थोड़ो ध्यान लगाइ कैं।
जो तू होती राम राज में ,दहेज केस लगाती तू।
कौशल्या और दशरथ को ही ,उल्टा वन भिजवाती तू।
बन के मंथरा राज कुंवर को आपस में लड़वाती तू।
एक क्षत्र वा राम राज के , टुकडे ही करवाती तू।
यूपी तौ संतुष्ट है, लाली!! , वर्तमान सरकार तैं।
तब न पढी तौ अब पढि लै तू, थोड़ो ध्यान लगाइ कैं।
कृतिउत्तरा-
सरला भारद्वाज
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