ब्लैक फंगस!!! डरिये नहीं बस करिये




 



"ब्लैक फंगस!!! "  क्या आप सब को डर सता रहा है?🤔मुझे भी लग रहा था ,पर अब नहीं। पता है क्यों? क्यों कि आज मैंने आम का अचार देखा। आप सोचे रहे होंगे 🤔यह कैसा बेवकूफी भरा तर्क है😖 हां जी यह तर्क ही है🙃 और पूरी तरह व्यवहारिक तर्क है। याद करिए विचार करिए बिना तेल के अचार में फंगस कितनी तेजी से आता है ।घर के सारे मसालों में फंगस आ जाता है ,पर नमक और तेल में कभी फंगस नहीं आता ।इसलिए तो अचारों को सुरक्षित रखने के लिए नमक और तेल का इस्तेमाल किया जाता है ,क्योंकि वह परजीवी उसमें जीवित नहीं रह पाता प्रवेश ही नहीं कर पाता ।तो आप अब मुझ पर खीज रहे होंगे।😡 सोच रहे होंगे तो क्या हमें अपना अचार डालना चाहिए , नहीं बिल्कुल नहीं।बस सदियों से चले आ रहे दादी नानी के नुस्खे का ध्यान रखना चाहिए ।जिनको भी डर सता रहा है तीन चीजें घर पर है। वे तीन चीजों से सुरक्षा की दीवार पहले ही वना लें।
१.नमक
२ .सरसों का शुद्ध तेल 
३.नीम के पत्ते 
तीनों ही एंटीफंगल है।



1.तो नाक के  नथुनों (दोनों छिद्रों) में तेल लगाएं। 
2.नमक और तेल का मंजन करें ।
3.आंखों  सरसों के तेल से बना ताजा गरम गरम काजल जिस पर 
4  भुनी फिटकरी के पानी से भी कुल्ला कर सकते है,ये तो सभी तरह की गंदगी को  बर्तन की तली में ला देती है हम सब जानते हैं ।


हल्की तेल की बूंद डालकर ,  काजल लगाएं।उसी दीपक की लों पर हथेली गर्म करके सिकाई करें। बचपन में जैसे मां करती थी। नाक आंख मुंह, यही तो  तीन द्वार हैं जहां से परजीवी प्रवेश कर सकता है।  फंगल इंफेक्शन वाले पेशेंट को किसी अन्य भागों में क्यों नहीं हो रहा ?आंख नाक और मुंह में ही क्यों हो रहा है ? विचार करें। तो यहां उसे चिपकने और जिंदा ही ना  रहने दें। तुरंत उपचार बीमारी बढ़ने से पहले ही सावधान और सचेत हो जाएं ।
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर ठंडा करके आंखों में  छींटें।लगाएं ।कुल्ला करें ।नाक से पानी  सूंत कर (खींचकर)बाहर निकाले ।इसे  नीम के पानी की जलनेति कहते हैं ।फिर डर काहे का ।😊😀स्वस्थ रहिए आबाद रहिए। घर में रहिए और रसोई में रखें उपचारों का ध्यान रखें। एक साल में सीखे सभी सफाई के नियमों का ध्यान रखें। मेरी बात में दम लगे तो जानकारी अधिक से अधिक लोगो को पहुंचा कर  सब को तनाव से दूर रखें। कोरोना से जूझने के बाद  मेरी आंखें प्राब्लम कर रहीं थी , मुझे तो बहुत फायदा हुआ,  आप सब भी आजमाएं। सदियों से होता रहा है भारत में ये प्रयोग।कोई नुकसान तो है नहीं। हर कोई कर सकता है ये । साथ में दूध में आधा चुटकी काली मिर्च पाउडर और एक चुटकी हल्दी पाउडर ले ये भी एंटीफंगल है , अंदरुनी सफाई और इम्युनिटी के लिए। शुगर और जीभ के स्वाद पर कंट्रोल रखें। थोड़े से भी सडे गले फल सब्जी प्रयोग न करें । ठीक से नमक से धोकर ही इनका प्रयोग करें।  जो सावधानियां पिछले साल से रख रहे हैं ,कायम रखें।  यदि बहुत  ज्यादा इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण दुर्भाग्य से कुछ लक्षण  दिखें तो तुरंत अपने डाक्टर से सम्पर्क करें। बस पैनिक न हों।सब सामान्य होने की सुबह जल्दी ही आयेगी।
सरला भारद्वाज।
🙏राधे राधे।

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