7th class mcq question hindi
1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ पाठ के रचयिता हैं
(a) भवानी प्रसाद मिश्र
(b) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(c) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(d) महादेवी वर्मा
2.पक्षी कहाँ का जल पीना पसंद करते हैं?
(a) नल का जल
(b) वर्षा का जल
(c) नदी-झरनों का जल
(d) पिंजरे में रखी कटोरी का जल
3.बंधन किसका है?
(a) स्वर्ण का
(b) श्रृंखला का
(c) स्वर्ण श्रृंखला का
(d) मनुष्य
4.लंबी उड़ान में क्या-क्या संभावनाएँ हो सकती थीं?
(a) क्षितिज की सीमा मिल जाती
(b) साँसों की डोरी तन जाती
(c) ये दोनों बातें हो सकती थीं
(d) कुछ नहीं होता
5.पक्षी क्यों व्यथित हैं?
(a) क्योंकि वे बंधन में हैं
(b) क्योंकि वे आसमान की ऊँचाइयाँ छूने में असमर्थ हैं
(c) क्योंकि वे अनार के दानों रूपी तारों को चुगने में असमर्थ हैं
(d) उपर्युक्त सभी
.6.हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे,
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएँगे।
हम बहता जल पीनेवाले
मर जाएँगे भूखे-प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबौरी
कनक-कटोरी की मैदा से।
6.पक्षी किस रूप में रहना चाहते हैं?
(a) व्याकुल
(b) पिंजरे में बंद
(c) उन्मुक्त
(d) पुलकित
7.पिंजरे में रहकर पक्षी क्या नहीं कर पाएंगे?
(a) गा नहीं पाएँगे
(b) उड़ नहीं पाएंगे
(c) कुछ खा नहीं पाएँगे
(d) उपर्युक्त सभी
8.सोने का पिंजरा भी पक्षियों को क्यों नहीं पसंद आता है?
(a) वे तो खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं
(b) क्योंकि उनकी आज़ादी छिन जाती है
(c) क्योंकि वे कैदी के रूप में नहीं रहते
(d) उपर्युक्त सभी
9.कनक-तीलियों से टकरा-टकराकर क्या हो गया?
(a) वे आसमान में उड़ने लगेंगे
(b) पिंजरा टूट जाएगा
(c) उनके पंख टूट जाएँगे
(d) उपर्युक्त सभी
11.‘कनक’ शब्द का अर्थ है-
(a) चाँदी
(b) पीतल
(c) सोना
(d) ताँबा
Question 1.
इस पाठ के लेखक का नाम बताएँ-
(a) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(b) शिवप्रसाद सिंह
(c) यतीश अग्रवाल
(d) नागार्जुन
पाठ 2.दादी मां
लेखक की कमज़ोरी क्या थी?
(a) घर न जाने की
(b) घर में लड़ाई-झगड़े करने की
(c) घर की याद सताने की
(d) घर पर सोते रहने की
दादी माँ का व्यक्तित्व कैसा था?
(a) स्नेह और ममता भरा
(b) क्रोधपूर्ण
(c) झगड़ालु
(d) चिढ़चिढ़ा
दादी माँ क्यों उदास रहती थी?
(a) पड़ोसियों से झगड़ा होने के कारण
(b) अपने पुत्र द्वारा अपमानित करने के कारण
(c) दादा जी की मृत्यु हो जाने के कारण
(d) पुत्र की मृत्यु हो जाने के कारण
पाठ में बच्चे किस महीने में झागदार पानी में नहाते थे?
(a) आषाढ़
(b) माघ
(c) क्वार
(d) भादो
विवाह से चार-पाँच दिन पहले औरतें क्या करती थीं?
(a) भजन
(b) भोजन
(c) अभिनय
(d) रात भर गीत गाती थी
कौआ पहले कहाँ बैठा था?
(a) आम के पेड़ पर
(b) खिड़की पर
(c) छत पर
(d) दरवाज़े पर
नहाकर लौटने पर दादी माँ लेखक के लिए क्या लेकर आई थी?
(a) मिठाई
(b) फल
(c) चबूतरे की मिट्टी
(d) नए कपड़े
,कमज़ोरी ही है अपनी, पर सच तो यह है कि ज़रा-सी कठिनाई पड़ते; बीसों गरमी, बरसात और वसंत देखने के बाद भी, मेरा मन सदा नहीं तो प्रायः अनमना-सा हो जाता है। मेरे शुभचिंतक मित्र मुँह पर मुझे प्रसन्न करने के लिए आनेवाली छुट्टियों की सूचना देते हैं और पीठ पीछे मुझे कमज़ोर और ज़रा-सी प्रतिकूलता से घबरानेवाला कहकर मेरा मज़ाक उड़ाते हैं।
उपरोक्त गद्यांश के पाठ का नाम एवं लेखक हैं-
(a) माँ-नागार्जुन
(b) दादी माँ-शिवप्रसाद सिंह
(c) नानी माँ-शिवमंगल सिंह
(d) नानी माँ-शिवप्रसाद सिंह
लेखक की कमज़ोरी थी-
(a) खाने की
(b) घर जाने की
(c) घर की याद सताने की
(d) घर को भूल जाने की
बीसों गरमी, बरसात और वसंत का अभिप्राय है-
(a) बीस साल का मौसम
(b) बीस वर्ष का होना
(c) लेखक की उम्र बीस साल होना
(d) एक लंबा समय का व्यतीत होना
शुभचिंतक शब्द का अभिप्राय है
(a) आनंददायक
(b) भला सोचने वाले
(c) चिंतन करने वाले
(d) अशुभ सोचने वाले
लेखक को खुश करने के लिए उनके मित्र क्या करते थे-
(a) उनकी बातें सुनते थे
(b) उनको हँसाते थे
(c) छुट्टियों के बारे में बातें करते थे
(d) छुट्टियों में घूमने जाते थे
प्रतिकूलता का विलोम होता है-
(a) अनुकूलता
(b) विकलता
(c) व्याकुलता
(d) विपरीत स्थिति
दिन में मैं चादर लपेटे सोया था। दादी माँ आईं, शायद नहाकर आई थीं, उसी झागवाले जल में। पतले-दुबले स्नेह-सने शरीर पर सफ़ेद किनारीहीन धोती, सन-से सफ़ेद बालों के सिरों पर सद्यः टपके हुए जल की शीतलता। आते ही उन्होंने सर, पेट छुए। आँचल की गाँठ खोल किसी अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी मुँह में डाली, माथे पर लगाई। दिन-रात चारपाई के पास बैठी रहतीं, कभी पंखा झलतीं, कभी जलते हुए हाथ-पैर कपड़े से सहलाती, सर पर दालचीनी का लेप करतीं और बीसों बार छू-छूकर ज्वर का अनुमान करतीं।
दिन में बाहर चादर लपेटे कौन सोया था?
(a) दादी माँ
(b) लेखक का मित्र
(c) लेखक
(d) लेखक का बड़ा भाई किशन
दादी माँ कैसे पानी में नहा कर आई थी?
(a) गरम पानी से
(b) ठंडा पानी से
(c) झाग वाले पानी से
(d) गुनगुना पानी से
दादी माँ की धोती कैसी थी?
(a) सफ़ेद
(b) बिना किनारी की
(c) नीला
(d) दोनों तरह की
दादी माँ के बाल किसके समान थे?
(a) सन के
(b) कपड़े के
(c) धूप के
(d) साबुन के
दादी माँ की क्रियाकलापों से उसका क्या भाव झलकता था?
(a) क्रूरता का
(b) चिंता का भाव
(c) स्नेह का भाव
(d) पाखंडी का भाव
किशन के विवाह के दिनों की बात है। विवाह के चार-पाँच रोज़ पहले से ही औरतें रात-रातभर गीत गाती हैं। विवाह की रात को
अभिनय भी होता है। यह प्रायः एक ही कथा का हुआ करता है, उसमें विवाह से लेकर पुत्रोत्पत्ति तक के सभी दृश्य दिखाए जाते हैं-सभी पार्ट औरतें ही करती हैं। मैं बीमार होने के कारण बारात में न जा सका।
के विवाह के दिनों की बात है?
(a) लेखक मित्र के
(b) लेखक के भाई के
(c) लेखक के बड़े भाई किशन के
(d) लेखक के
विवाह से चार-पाँच दिन पहले औरतें क्या करती हैं?
(a) मिठाई बनाती हैं
(b) मेहँदी लगाती हैं
(c) रातभर गीत गाती हैं
(d) खाना पकाती हैं
विवाह की रात को औरतें क्या करती हैं?
(a) पेंटिंग करती हैं
(b) मेहँदी लगाती हैं
(c) अभिनय करती हैं
(d) सजावट करती हैं
“पुत्रोत्पत्ति’ शब्द का सही संधि-विच्छेद है
(a) पुत्र + उत्पति
(b) पुत्रो + उत्तपत्ति
(c) पुत्रो + त्पति
(d) पुत्र + उत्पत्ति
स्नेह और ममता की मूर्ति दादी माँ की एक-एक बात आज कैसी-कैसी मालूम होती है। परिस्थितियों का वात्याचक्र जीवन को सूखे पत्ते-सा कैसा नचाता है, इसे दादी माँ खूब जानती थीं। दादा की मृत्यु के बाद से ही वे बहुत उदास रहतीं। संसार उन्हें धोखे की टट्टी मालूम होता। दादा ने उन्हें स्वयं जो धोखा दिया। वे सदा उन्हें आगे भेजकर अपने पीछे जाने की झूठी बात कहा करते थे।
माँ किसकी मूर्ति प्रतीत होती थीं?
(a) स्नेह की
(b) दया की
(c) स्नेह-ममता की
(d) शांति की
‘परिस्थितियों का वात्याचक्र जीवन को सूखे पत्ते-सा नचाता है’-का अभिप्राय है।
(a) सूखे पत्ते नाचते हैं
(b) जीवन सूखे पत्ते जैसा है
(c) परिस्थितियाँ सूखे पत्ते-सी होती हैं
(d) जीवन में अच्छी और बुरी परिस्थितियाँ आती-जाती रहती हैं
दादी माँ क्यों उदास रहती थी?
(a) गरीबी के कारण
(b) आपसी लड़ाई-झगड़े के कारण
(c) बीमारी होने के कारण
(d) दादा जी की मृत्यु हो जाने के कारण
दादा ने दादी को क्या धोखा दिया?
(a) दादी माँ को बेघर करके
(b) दादी को कर्जा में डुबाकर
(c) दादी से पहले मरकर
(d) इनमें कोई नहीं
लेखक को किस बात का यकीन नहीं हो रहा था?
(a) अपनी बड़े भाई की शादी पर
(b) उनकी नौकरी जाने पर
(c) अपने दादी माँ की मृत्यु पर
(d) दादी का कंगन बिक जाने पर
मझे लगता है जैसे क्वार के दिन आ गए हैं। मेरे गाँव के चारों ओर पानी ही पानी हिलोरें ले रहा है। दर के सिवान से बहकर आए हुए मोथा और साईं की अधगली घासें, घेऊर और बनप्याज की जड़ें तथा नाना प्रकार की बरसाती घासों के बीज, सूरज की गरमी में खौलते हुए पानी में सड़कर एक विचित्र गंध छोड़ रहे हैं। रास्तों में कीचड़ सूख गया है और गाँव के लड़के किनारों पर झागभरे जलाशयों में धमाके से कूद रहे हैं। अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं। आषाढ़ में आम और जामुन न मिलें, चिंता नहीं, अगहन में चिउड़ा और गुड़ न मिले दुख नहीं, चैत के दिनों में लाई के साथ गुड़ की पट्टी न मिले, अफ़सोस नहीं, पर क्वार के दिनों में इस गंधपूर्ण झागभरे जल में कूदना न हो तो बड़ा बुरा मालूम होता है।
Question 1.
इस गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
Question 2.
क्वार के दिन आते ही लेखक को क्या लगने लगता है ?
Question 3.
गाँव में क्वार के दिनों की क्या विशेषता होती है ?
Question 4.
क्वार के दिनों में सिवान (नाले) के पानी में क्या-क्या बहकर आता था?
Question 5.
लेखक को क्या बुरा लगता था?
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteNice paper mam
ReplyDeleteSanchit jain
Ma'am your paper was very very long.
ReplyDeleteI use a lot of time to solve this paper.
But of is a nice paper