नैना लड़ाने जी चाहता है।


१.होठ हैं तुम्हारे या  , पंखुड़ीं पलाश की,

लाली चुराने को, जी चाहता है।

बन जाऊं तेरे मुख की मुरलिया,

जी भर के गाने को, जी चाहता है।


२. नैनों में मेरे, बसा  तू सवरियां 

नैनों में बसने को जी चाहता है।

जादूई नैनों वाले , बांके बिहारी,

काजल बनजाने को जी चाहता है।


३.तिरछी चितवन वाले ,चितचोर छलिया,

नैना लड़ाने को जी चाहता है,

तेरे भरोसे, पै पी जाऊं प्याले,

मीरा बनजाने को जी चाहता है।


४.दिल में धड़कने वाले,चितचोर मोहन,

उर  से लिपटने को जी चाहता है।

गुंजा बनूं या बैजन्तीमाला,

 गलमाल बनने को जी चाहता है।


५.कमल से ये चरण तेरे, लिपट जाऊं इनसे,

बृज रज बन  जाने को जी चाहता है।

होने ना पाऊं ,दूर कभी इनसे,

पायल बन जाने को ,जी चाहता है।


६.बहता है तू ही, मेरी रगों में,

 बह जाऊं तुझमें  ही,जी चाहता है।

 खुद को मिटा के पा लूंगी तुझको,

मक्खन बन जाने को जी चाहता है।


७.जीवन का राग तूही, मेरे सांवरिया,

 रागिनी बन जाने को, जी चाहता है।

सरला का मन , मोहने वाले मोहन,

मोहिनी बन जाने को जी चाहता है।

****************************************************

 सरला भारद्वाज (मौलिक  एव  सर्वाधिक सुरक्षित )

3/3/21 समय १० :२० सुबह


 




Comments

  1. बहुत सुंदर हृदय को स्पर्श करती प्रस्तुति

    ReplyDelete
  2. और आपकी स्वलिखित रचना

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

कैदी और कोकिला

class 7th 8th and 9thसमास अर्थ परिभाषा प्रकार और उदाहरण ,पहचान