मुबारक हो सब को होली का त्यौहार

   


गुजिया की बहार लिए,

रंगों की फुहार लिए,

और अपनो का प्यार लिए 

गिले शिकवे भूलकर,खोलो दिल के द्वार।

मुबारक हो सब को होली का त्यौहार।


१.रसिकों की भीड़ में, गलियां हुई तंग,

सांवरे की नगरी मे घुटने लगी भंग,

तन भिगोय मन भिगोय सावरें के रंग,

दूर हुआ मन मुटाव प्यार अपरम्पार।

मुबारक हो सब को होली का त्यौहार।


२.ढप बजाते झूमते गायें चलो धमार,

 हंसगुल्लों का ले हुर्राटा पिचकारी की मार

मुबारक हो सब को होली का त्यौहार।

३..होली के रंग में ,चढती हुई भंग में, भूल नहीं जाना।
भारत की रंगत को और भी बढाना,
फूले फले अपना देश,छाये ऐसी बहार ।
मुबारक हो सब को होली का त्यौहार।

सरला भारद्वाज
6- 2-21

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