कैदी और कोकिला

  कैदी और कोकिला (माखनलाल चतुर्वेदी)






 


 
  

 
 
  
  
 
 
 
  
 

 


 


 
 
 
  
 

  
 

  

 


 

 



 
 
  


वीर सावरकर जरूर पढ़ें। ऊपर उन्हीं का कैदी नंबर बिल्ला या वेज है कितनी यातनाएं सही है, देश के शहीदों ने, जाने पढ़कर और वीडियो देखकर
काले पानी की सजा भोग रहे स्वतंत्रता सेनानियों की एक जी न्यूज़ की रिपोर्ट देखें किस तरह बलिया रानियों ने यातनाएं झेली थी ।तब जाकर यह देश स्वतंत्र हुआ लिंक को ओपन करके देखें
https://youtu.be/adJeHbHieyk

 वीर सावरकर पर
 फिल्माई गई इस फिल्म को  को भी देखें
https://youtu.be/DEpRT5KiIlA
विनायक_दामोदर_सावरकर जी का #अंडमान_निकोबार का कैदी बिल्ला। 
जिस पर लिखा है-
कैदी नंबर 32778, (अर्थात उससे पूर्व इतने लोग वहां सजा हेतु जा चुके थे) 

धाराएं- 121, 121A, 109,302।

सजा- 50 वर्ष
 24-12-1910 से 23-12-1960 तक

(यह सजा जब बताई गई तो सावरकर ने तन कर कहाँ था कि इतने वर्षों तक ब्रिटिश साम्राज्य भारत में नहीं रहेगा, भारत वासी उसको उखाड़ फेकेंगे)।

अब सेलुलर जेल की कुछ यातनाओं को बिंदुवार देखिए-

1- कुल तीन कटोरा समुद्री खारा पानी नहाने के लिए।

2- कोल्हू के बैल की तरह तेल निकालना, चाहे कैदी कितना ही बीमार क्यो न हो।

3- नारियल को छीलकर रस्सी बनाना जिससे हाथों से खून रिसने लगता था।

4- एक बार से अधिक शौच जाने के लिए जेल के वार्डर से विनती कर कागज मागना फिर जेल के डॉक्टर को अर्जी लिखना उसके अप्रूवल के बाद जेलर और जेल सुपरिडेंट से अनुमति लेना। तबतक कैदी को उसकी कोठरी में ही शौच हो जाता था। जिसकी सफाई कैदी को स्वयं ही करनी होती थी वह भी एक दिन बाद। अनुमान लगाइए की जिस कैदी को पेचिस हो जाता होगा उसपर क्या बीतती होगी।

5- कुछ कैदी तो पागल हो जाते थे।

6- क्रांतिकारियों को बेड़ियों में रखा जाना। जिसमें दीवाल में कील गाड़कर जंजीरे उसी में फसा दी जाती थीं ताकि आदमी बैठ न सके, फिर लोहे के एंगेल से पावों को ऐसा बाधा जाता था कि कैदी घुटना तक न मोड़ सके। लैट्रिन पेशाब भी उसी अवस्था में अपने वस्त्रों में ही करता था।

7- छोटी- छोटी त्रुटि होने पर बेतों से पिटाई होती थी, पीठ की चमड़ी उधड़ जाती थी।

8- वर्ष में केवल दो पत्र भेजने और प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी। यदि कोई गलती कैदी से हो जाती तो वो भी अवसर चला जाता था। फिर एक साल बाद यह अवसर मिलता था कि अपने परिजनों का पत्र प्राप्त कर सके तथा भेज सके।

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