जय हो भारत के सपूत

    ""भारत के शूरवीर , अभिनंदन ""

अपनी कायराना हरकत को , कर ले याद तू  पाक ,
मरा हुआ  जमीर है तेरा , करतूतें   नापाक।
याद दिलाना चाहूं तुझको,अपने वीरों गाथा,
जिनके बल पर ऊंचा होता ,भारत मां का माथा।

घाव कभी भर सकते नहीं।
वीर कभी मर सकते नहीं।
हां शहादत पै भारत मां पलकें भिगोती है,
हर क्षण  भारत की मिट्टी  में वीरों को  ही ,बोती है।

गंगा यमुना की धरती का हर कण- कण है चंदन।
जिसकी मांटी में जन्मा है, वर्धमान अभिनंदन।

  वीर प्रसूता भारत मां के रण बांके   अभिनंदन,
सकल विश्व में चर्चित परचित ,तेरे शौर्य को वंदन।

घुसकर दुश्मन की लंका में, तूने बिगुल बजाया,
आतंकवाद के अब्बाओं का, फिर सीना थर्राया।

बदली गिरगिट चाल भेड़िया ने, तू ना घबराया,
56 इंची सीना पर केसरिया ध्वज गर्वाया।

गाये गीत तिरंगा तेरे ,गंगा जमुन जलधारा,
वर्तमान का सूरज तू, शोभा की आंखों का तारा।

महक उठी भारत की मांटी, जिसका कण कण चंदन ,
वीर शिवा से ,परम वीर को, शत शत है अभिनंदन।

 सरला भारद्वाज।



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