अवध में आइ गये रघुवीर
अवध में आइ गए रघुवीर ।
जाइ के कानन, जीत दशानन ,
हरि लयी संतन पीर ।।
अवध में आइ गए रघुवीर।।
बैठ विमान ,पुष्पक पर प्रभु जी,
संग अनुज रणधीर ।
मांत जानकी वाम विराजत,
उतरे सरयू तीर ।।
अवध में आइ गए रघुवीर ।।
दुल्हन सी अब सजी अयोध्या,
भागी मन की पीर।
घर-घर दीपक की माला ज्यों,
जगमग -जगमग हीर।।
अवध में आइ गए रघुवीर ।।
आज अमावस बनी पूर्णिमा,
पुलकित हुए शरीर,
सरला हरी दर्शन की प्यासी।
पुनि पुनि होय अधीर।।
सरला भारद्वाज
11- 8-20
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