छा गया अंधेरा
डूब गया सूरज छा गया अंधेरा,
तमन्नाओं के मरघटों में गमों का बसेरा।
गहन काली लम्बी रात ,दूर है सवेरा।
डूब गया सूरज छा गया अंधेरा,
तमन्नाओं के मरघटों में गमों का बसेरा।
गमों से जूझने को, आशादीप जलाये,
सन्नाटे दूर करने को ,नगमे गुनगुनाये।
आह !दीप की परिधियों में भी आंधियों का डेरा।
डूब गया सूरज छा गया अंधेरा,
तमन्नाओं के मरघटों में गमों का बसेरा।
आंधियों से ,दीप भभका, आग फैली चारों ओर,
स्वाह सब कुछ कर डाला, बचा न जीवन का कोई छोर,
शेष रह गया याद में,राख- ख़ाक ढेरा।।
डूब गया सूरज छा गया अंधेरा,
तमन्नाओं के मरघटों में गमों का बसेरा।
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