चिड़िया की बच्ची

 

https://youtu.be/333u0qfr58A

प्रश्न नंबर 1

 किन बातों से ज्ञात होता है कि माधव दास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?

उत्तर

माधव दास के पास गाड़ी थी। घोड़ा था बंगला था। बड़ी हवेली थी ।सोना चांदी था। दौलत थी ।सब कुछ था ।इससे पता चलता है कि वह संपन्न था ,परंतु उसके पास संतोष नाम का धन नहीं था। वह अधिक संग्रह में लगा रहता था ।इसी कारण वह चिड़िया की बच्ची को कैद करना चाहता है ।इस प्रकार पता चलता है कि वह सुखी नहीं था । क्योंकि उसके पास संतोष न था।

प्रश्न 2.

 माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि हरी चिड़िया सब कुछ तुम्हारा ही है। क्या माधवदास निस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था स्पष्ट कीजिए?

उत्तर

माधव दास एक चालबाज आदमी है। जो अपनी बातों में उलझा कर चिड़िया के बच्चे को कैद करना चाहता था। वह निस्वार्थ नहीं है बल्कि वह स्वार्थी है ।जो चिड़िया की आजादी छीनना चाहता है।

प्रश्न 3

माधव दास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख सुविधाओं को कोई महत्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ माधव दास की नजर में स्वतंत्रता की कोई कीमत न थी ।उसके लिए सोना चांदी ही सब कुछ था ।माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या थे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर

चिड़िया के लिए धूप पानी हवा मां की गोद ही सब कुछ थी ।उसके लिए स्वतंत्रता ही सब कुछ थी जबकि माधवदास के लिए रुपया और पैसा और धन दौलत ही सब कुछ था वह आजादी का महत्व नहीं जानता था, और चिड़िया धन और दौलत का महत्व नहीं जानती थी। क्योंकि धन और दौलत आजादी के सामने कुछ भी मायने नहीं रखती।

प्रश्न 4

कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर आपको कैसा लगता है 40 50 से कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर

माधव दास एक पढ़ा-लिखा संपन्न व्यक्ति है ।परंतु वह निस्वार्थ व्यक्ति नहीं है ।वह कुटिल व्यक्ति है जो अपनी बातों में उलझा कर चिड़िया की बच्ची को पकड़ लेना चाहता है ।उसकी आजादी को छीन लेना चाहता है ।लेकिन चिड़िया की बच्ची समझदार और विवेकी की थी ।वह  चौकन्नी नहीं रहती ।अपने चौकन्नेपन के कारण ही आने वाले खतरे को समझ पाई ,और नौकर के पंजे में आने से पहले ही उसने आसमान में उड़ान भर दी ।यदि 1 मिनट की देरी करती तो पकड़ी जाती। और उसका जीवन बर्बाद हो जाता ।उसकी आजादी छिन जाती। वह कभी अपनी मां से नहीं मिल पाती।

प्रश्न 5

मां मेरी बाट देखती होगी -मां मेरी बाट देखती होगी -नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कह रही है आप अपने अनुभव के आधार पर बताए कि हमारी जिंदगी में मां का क्या महत्व है?

उत्तर

मां है तो हम हैं ।मां नहीं तो हमारा क्या अस्तित्व ?मां संसार में पहले आई जिसने हमें जीवन दिया। मां का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है वह हमारी ईश्वर है ।जन्मदाता है ।पालन पोषण करतीहै। हमारे सुख-दुख का ध्यान रखती है ।स्वयं गीले में सोकर हमें सूखे में सुलाती है ।स्वयं भूखी रहकर हमारा पेट भरती है ।उसके लिए हम ही उसकी पूरी दुनिया है। यदि मां न हो तो सारा संसार भी ना होगा। क्योंकि ईश्वर हर घर नहीं जा सकता। इसलिए उसने हर घर में एक मां रखी है ।जो ईश्वर का ही रूप है।

प्रश्न 6

इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या शीर्षक देना चाहेंगे ?और क्यों?

उत्तर

इस कहानी का यदि हम और कोई शीर्षक दें तो उसका उचित शीर्षक होगा ।आजादी क्योंकि आजादी सर्वोपरि है ।या कुटिल व्यक्ति माधवदस। भोली चिड़िया की बच्ची। आज शीर्षक हो सकते हैं।


**भाषा की बात

 पर और पर में अंतर

एक पर का अर्थ होता है पंख, और दूसरे पर का अर्थ होता है ,अधिकरण कारक का चिन्ह।

 जैसे 

*डाल पर चिड़िया बैठी  है।

 *चिड़िया ने अपने पर हिलाए

 *और तीसरे पर का अर्थ होता है परंतु,

 जैसे_ पर बच्ची कांप रही थी।


**पर का वाक्य में प्रयोग**"


तीनों वाक्यों का प्रयोग इस प्रकार किया जा सकता है

*मेज पर सुंदर गुलदस्ता है।

 *तितली और चिड़ियों के पर सुंदर होते हैं ।

*मैं जाना तो चाहता था ,पर जा नहीं पाया।



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