शाम एक किसान "सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
शब्दार्थ
साफा मोडासा या पगड़ी धड़क जलना सिमटा हुआ इकट्ठा पलाश एक पेड़ अंधा अंधी उल्टी
प्रश्नन नंब 1 कविता से एकरूपता वालेेेे रूपक छठ कर लिखें।
शब्दार्थ
साफा- सिर की पगड़ी
दहक -जल रही
सिमटा -सिकुड़ा हुआ
ओंधी -उल्टी
प्रश्न उत्तर अभ्यास
कविता में निम्नलिखित रूपक दिए गए हैं, जो एकरूपताा को प्रस्तुत करते है-
1 .बादल और मुंडासे और साफ में एकरूपता।
2. नदीऔर चादर में एकरूपता
3.चिलम और सूरज में एकरूपता
4.भेड़ और अंधेरे में एकरूपता
5.पलाश के जंगल और अंगीठी में एकरूपता
प्रश्न
नंबर दो शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देख कर बताएं
शाम कब शुरू हुई? तब से लेकर सूरज उगने में कितना समय लगा ?इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर
शाम लगभग छह 6:30 बजे से शुरू हो जाती है ।सूरज डूबने में लगभग आधा घंटा लगता है। जब सूरज डूबता है तो आसमान सुनहरा नारंगी लाल सतरंगी सा दिखाई देता है ।सूरज जब डूबता है तो ऐसे लगता है, कोई लाल बड़ा थाल जमीन में धसता चला जा रहा है।
प्रश्न 3 मोर के बोलने पर कवि को लगा, जैसे किसी ने कहा हो-" सुनते हो "नीचे लिखे गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक दो शब्दों में लिखें-
उत्तर
कबूतर । गुटर गू कहां है तू कहां है तू।
कौवा कांव-कांव कहां हो मैं बोलूं गांव गांव गांव
मैंना । पीयू पीयू पीयू पीयू मीठी बोली मैं जीऊं।
तोता टें टें टें मैं मैं मैं
चील चिं चिं चिं छी छीछी
हंस टिकटों टिरटों पढ़ लो पढ़ लो
भाषा की बात
जिन पंक्तियों के साथ शादी के सामान के जैसा की तरह आज शब्दों का प्रयोग होता है वे रूपक अलंकार और उपमा अलंकार के होते हैं
वाक्य प्रयोग तेज दौड़ने के कारण वह औंधे मुंह गिरा उसकी बाल्टी आधी हो गई
सर्दी के मौसम में दहकती अंगीठी बड़ा आराम पहुंचाती है बुखार के मारे उसका शरीर देख रहा था डर के मारे वह सिमटा बैठा था अंधेरा जैसे सिमट गया था।
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