Posts

सबसे ख़तरनाक बंदर

Image
सबसे ख़तरनाक बंदर   जो बुद्धिमान हैं समझदार हैं साहसी हैं वहीं प्रतिक्रिया करेंगे और जिनमें यह तुक्ष मानसिकता का बंदर बैठा है वह इग्नोर करके आगे बढ़ जाएगा। होंगे गांधी जी के लिए ये तीनों बंदर आदर्श!जो चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस के साथ होते होते जापान के रास्ते से गांधी के साथ भारत में आ गये। दार्शनिक का नाम तो देखें,जिससे कन्फ्यूजन की फीलिंग आती है। वास्तव में ये बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत कहो के प्रतीक नहीं बल्कि आज के समाज में ये प्रतीक हैं- बुरा देख कर सुनकर आंखे और दिमाग बंद कर लो ,विचार मत करो ,प्रतिकार मत करो।जो हो रहा है वह होने दो मौन रहो ,समस्या के समाधान के समय पर मौन होकर पीठ दिखाकर भाग जाओ।पता है मित्रों !इन तीनों में सबसे ख़तरनाक बंदर कौन सा है? जो मुंह पर हाथ रखे हैं।इसके मुंह में पहले से ही दाख चना और मेवा ठुंसी हुईं हैं ,जिन्हें वह छुपाने की कोशिश में अत्यधिक विनम्रशीलता का स्वांग कर रहा है।ये बंदर बहुत बड़ा खतरा होता है किसी भी व्यक्ति देश और समाज के लिए। क्यों कि अत्यधिक विनम्रता दो संकेत करती है -लोलुपता युक्त चाटुकारिता या फिर कायरता। दोनों ही स्थिति ...

कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

Image
  कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने बाहर भीतर इस घर, उस घर कविता के पंख लगा उड़ने के माने चिड़िया क्या जाने? कविता एक खिलना है फूलों के बहाने कविता का खिलना भला फूल क्या जाने! बाहर भीतर इस घर, उस घर बिना मुरझाए महकने के माने फूल क्या जाने? कविता एक खेल है बच्चों के बहाने बाहर भीतर यह घर, वह घर सब घर एक कर देने के माने बच्चा ही जाने। कविता का मूल भाव: चिड़िया के बहाने: कविता चिड़िया की उड़ान के माध्यम से कविता की असीम उड़ान को दर्शाती है। चिड़िया एक सीमा तक ही उड़ सकती है, लेकिन कविता की उड़ान की कोई सीमा नहीं है, as per Hindwi. फूल के बहाने: कविता फूल के खिलने और मुरझाने के माध्यम से कविता के शाश्वत होने का वर्णन करती है। फूल एक निश्चित समय तक ही खिलता है, लेकिन कविता हमेशा महकती रहती है,. बच्चे के बहाने: कविता बच्चे के खेल के माध्यम से कविता की रचनात्मकता और असीम संभावनाओं को दर्शाती है। बच्चे बिना किसी सीमा के कल्पना करते हैं, कविता के बहाने, बात सीधी थी पर अति लघु उत्तरीय प्रश्न ...

जन संचार माध्यम और विधाएं

Image
जनसंचार के प्रमुख माध्यम-और विधाएं - अवलोकन एक दृष्टि में - जीवन में उपयोग - जन संचार के प्रमुख सोपान - संदेश: संचार का मुख्य तत्व, जो प्रेषक द्वारा प्राप्तकर्ता को भेजा जाता है। प्रेषक: वह व्यक्ति या समूह जो संदेश भेजता है। प्राप्तकर्ता: वह व्यक्ति या समूह जो संदेश प्राप्त करता है। माध्यम: वह साधन जिसके द्वारा संदेश प्रेषित किया जाता है। सन्दर्भ: वह परिस्थिति जिसमें संचार होता है। प्रतिक्रिया: प्राप्तकर्ता द्वारा प्रेषक को दी गई प्रतिक्रिया। शोर: संचार प्रक्रिया में बाधा डालने वाली कोई भी चीज।   संचार माध्यमों के प्रकार: मुद्रित माध्यम:   समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, पुस्तकें, आदि। श्रव्य माध्यम:   रेडियो, टेप रिकॉर्डर, आदि। दृश्य-श्रव्य माध्यम:   टेलीविजन, फिल्म, इंटरनेट, आदि। अन्य माध्यम:   फ़ोन, मोबाइल फोन, ईमेल, आदि। आइए विस्तार से समझें -   जन संचार के प्रमुख माध्यम- प्रिंट, मुद्रित,श्रव्य ,दृश्य  1. प्रिंट ( मुद्रित ) माध्यम प्रिंट यानी मुद्रित माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना है। असल में आधुनिक युग की शुरुआत ही मुद्रण यानी छपाई के आ...