सबसे ख़तरनाक बंदर

सबसे ख़तरनाक बंदर जो बुद्धिमान हैं समझदार हैं साहसी हैं वहीं प्रतिक्रिया करेंगे और जिनमें यह तुक्ष मानसिकता का बंदर बैठा है वह इग्नोर करके आगे बढ़ जाएगा। होंगे गांधी जी के लिए ये तीनों बंदर आदर्श!जो चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस के साथ होते होते जापान के रास्ते से गांधी के साथ भारत में आ गये। दार्शनिक का नाम तो देखें,जिससे कन्फ्यूजन की फीलिंग आती है। वास्तव में ये बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत कहो के प्रतीक नहीं बल्कि आज के समाज में ये प्रतीक हैं- बुरा देख कर सुनकर आंखे और दिमाग बंद कर लो ,विचार मत करो ,प्रतिकार मत करो।जो हो रहा है वह होने दो मौन रहो ,समस्या के समाधान के समय पर मौन होकर पीठ दिखाकर भाग जाओ।पता है मित्रों !इन तीनों में सबसे ख़तरनाक बंदर कौन सा है? जो मुंह पर हाथ रखे हैं।इसके मुंह में पहले से ही दाख चना और मेवा ठुंसी हुईं हैं ,जिन्हें वह छुपाने की कोशिश में अत्यधिक विनम्रशीलता का स्वांग कर रहा है।ये बंदर बहुत बड़ा खतरा होता है किसी भी व्यक्ति देश और समाज के लिए। क्यों कि अत्यधिक विनम्रता दो संकेत करती है -लोलुपता युक्त चाटुकारिता या फिर कायरता। दोनों ही स्थिति ...