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Showing posts from June, 2025

जन संचार माध्यम और विधाएं

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  प्रमुख जनसंचार माध्यम (प्रिंट, टी०वी०, रेडियो और इंटरनेट) जनसंचार के विभिन्न माध्यमों की खूबियाँ और कमियाँ। प्रिंट (मुद्रित ) माध्यम प्रिंट (मुद्रित) माध्यम में लेखन के लिए ध्यान रखने योग्य बातें। रेडियो रेडियो समाचार की संरचना। रेडियो के लिए समाचार-लेखन संबंधी बुनियादी बातें। टेलीविजन टीoवीo खबरों के विभिन्न चरण। रेडियो और टेलीविजन समाचार की भाषा और शैली इंटरनेट इंटरनेट पत्रकारिता। इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास। भारत में इंटरनेट पत्रकारिता। हिंदी नेट संसार अलग-अलग जनसंचार माध्यम और उनके लेखन के अलग-अलग तरीके विभिन्न जनसंचार माध्यमों के लिए लेखन के अलग-अलग तरीके हैं। अखबार और पत्र-पत्रिकाओं में लिखने की अलग शैली है, जबकि रेडियो और टेलीविजन के लिए लिखना एक अलग कला है। चूँकि माध्यम अलग-अलग हैं, इसलिए उनकी जरूरतें भी अलग-अलग हैं। विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन के अलग-अलग तरीकों को समझना बहुत जरूरी है। इन माध्यमों के लेखन के लिए बोलने, लिखने के अतिरिक्त पाठकों- श्रोताओं और दर्शकों की जरूरत को भी ध्यान में रखा जाता है। प्रमुख जनसंचार प्रमुख माध्यम- प्रिंट, मुद्रित,श्रव्य ,दृश्य  जनस...

अवकाश के सुखद व्यवस्थित दिन

अवकाश दैनिंदिनी 2023 * 30मई व्याख्यान विषय लेखन   *1 जून -आगरा, व्यवस्थित करण एवं घर गमन हेतु पैकिंग। *2जून-मुराधाम गृह गमन। *3जून- मथुरा गृह स्वच्छता साज सज्जा एवं आयोजन की व्यवस्था। *4जून -समय 7:15 रामचरितमानस अखंड पाठ कलश एवं दीप स्थापना। 5*जून- समय 11:,15 पर अखंड पाठ सम्पूर्ण एवं प्रसाद वितरण। *6जून- अतिथि सत्कार विश्राम एवं आध्यात्मिक विचार विमर्श कुटुम्ब प्रबोध वार्ता गोष्ठी। *7जून - कुटुम्ब बृज भ्रमण। *8 जून-  आथित्य, एवं विदा।शाम को 10कमजोर छात्रों से वार्ता  *9 जून- खैर अलीगढ़ जन्म दिवस परिवार बाल सभा आयोजन एवं खेल आयोजन। *11-12-13जून-गोकुला जाट उपन्यास अध्ययन। *14जून आगरा आगमन। 8 मेधावी छात्रो से वार्ता। *15*जून बीएड परीक्षा अभ्यर्थी के साथ ,एवं आगरा किला भ्रमण। *16-जून-अलीगढ प्रवास। *17जून- दार्शनिक गुरु मां प्रोफेसर गंगा मिश्रा के साथ -भाग्य कर्म समाज-निर्माण नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों पर मीमांसा गोष्ठी । *18-जून दिल्ली प्रवास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परीक्षा। *19-जून इगलास प्रवास। *20जून- आगरा वापसी *21जून-गृह व्यवस्था स्वच्छता *22- आचार्य दैनिंदिनी ...

चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

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पाठ का प्रतिपादय एवं सारांश प्रतिपादय-हास्य फिल्मों के महान अभिनेता व निर्देशक चार्ली चैप्लिन पर लिखे इस पाठ में उनकी कुछ विशेषताओं को लेखक ने बताया है। चार्ली की सबसे बड़ी विशेषता करुणा और हास्य के तत्वों का सामंजस्य है। भारत जैसे देश में सिद्धांत व रचना-दोनों स्तरों पर हास्य और करुणा के मेल की कोई परंपरा नहीं है, इसके बावजूद चार्ली चैप्लिन की लोकप्रियता यह बताती है कि कला स्वतंत्र होती है, बँधती नहीं। दुनिया में एक-से-एक हास्य कलाकार हुए, पर वे चैप्लिन की तरह हर देश, हर उम्र और हर स्तर के दर्शकों की पसंद नहीं बन पाए। इसका कारण शायद यह है कि चार्ली ही वह शख्सियत हो सकता है जिसमें सबको अपनी छवि दिखती है, वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते। सारांश-महान अभिनेता और निर्देशक चार्ली चैप्लिन की जन्मशती मनाई गई। इस वर्ष उनकी फ़िल्म ‘मेकिंग ए लिविंग’ के भी 75 वर्ष पूरे होते हैं। इतने लंबे समय से चार्ली दुनिया को मुग्ध कर रहा है। आज इसका प्रसार विकासशील देशों में भी हो रहा है। चार्ली की अनेक फ़िल्में या इस्तेमाल न की गई रीलें भी मिली हैं जो अभी तक दर्शकों तक नहीं पहुँचीं। इस तरह से चार्ली ...

पहलवान की ढोलक

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  पहलवान की ढोलक” कहानी के लेखक ‘फणीश्वर नाथ रेणु जी’ हैं। । फणीश्वर नाथ रेणु जी की कलम में अपने गाँव, अंचल एवं संस्कृति को सजीव करने की अद्भुत क्षमता है। ऐसा लगता है मानो उनकी रचना का हर एक पात्र वास्तविक जीवन ही जी रहा हो।  पात्रों एवं उसके आसपास के वातावरण का इतना सच्चा चित्रण बहुत कम देखने को मिलता है। रेणु वैसे गिने-चुने कथाकारों में से हैं जिन्होंने गद्य में भी संगीत पैदा कर दिया है, नहीं तो ढोलक की उठती-गिरती आवाज़  और पहलवान के क्रियाकलापों का ऐसा सामंजस्य दुर्लभ है। कहानी की शुरुआत में लेखक बताते हैं कि जाड़ों के मौसम में गाँव में महामारी फैली हुई थी। गांव के अधिकतर लोग मलेरिया और हैजे से ग्रस्त थे। जाडे के दिन थे और रातें एकदम काली अंधेरी व डरावनी लग रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे रात उस गाँव के दुःख में दुःखी होकर चुपचाप आँसू बहा रही हो। टूटते तारे का उदाहरण देते हुए लेखक बताता है कि उस गाँव के दुःख को देख कर यदि कोई बाहरी व्यक्ति उस गाँव के लोगों की कुछ मदद करना भी चाहता था तो  चाह कर भी नहीं कर सकता था क्योंकि उस गाँव में फैली महामारी के कारण कोई भी अपने जीवन ...