हिन्दी -कक्षा- नवम                 पूर्णांक-40

द्वितीय मासिक परीक्षा- सितम्बर 2023

नोट -प्रश्न पत्र में दिए गए प्रश्नों को ध्यान से पढ़ कर सुस्पष्ट उत्तर लिखिए-

प्रश्न 1.अपठित गद्यांश .5अंक                            

अपठित गद्यांश 

यों तो मानव के इतिहास के आरंभ से ही इस कला का सूत्रपात हो गया था। लोग अपने कार्यों या विचारों के समर्थन के लिए गोष्ठियों या सभाओं का आयोजन किया करते थे। प्रचार के लिए भजन-कीर्तन मंडलियाँ भी बनाई जाती थीं। परंतु उनका क्षेत्र अधिकतर धार्मिक, दार्शनिक या भक्ति संबंधी होता था।

वर्तमान विज्ञापन कला विशुद्ध व्यावसायिक कला है और आधुनिक व्यवसाय का एक अनिवार्य अंग है। विज्ञापन के लिए कई साधनों का उपयोग किया जाता है; जैसे-हैंडबिल, रेडियो और दीवार-पोस्टर, समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, बड़े-बड़े साइनबोर्ड और दूरदर्शन।

जब से छपाई का प्रचार-प्रसार बढ़ा तब से इश्तिहार या हैंडबिल का विज्ञापन के लिए प्रयोग आरंभ हुआ। कागज और मुद्रण सुविधा के सुलभ होने से विज्ञापन के इस माध्यम का उपयोग बहुत अधिक लोकप्रिय हुआ। मान लीजिए, साड़ियों की दो समान दुकानें एक ही बाजार में हैं। इनमें से ‘क’ तो इश्तिहार (हैंडबिल) गली-मोहल्ले में बँटवाता है और ‘ख’ हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है, तो परिणाम यह होगा कि ‘क’ का नाम लोगों के मुँह पर चढ़ जाएगा। वह अधिक लोकप्रिय हो जाएगा और उसके माल की बिक्री बहुत बढ़ जाएगी।

बहुत से व्यापारी बहुत बड़े-बड़े विज्ञापन छपवाकर नगर की दीवारों पर चिपकवा देते हैं। बहुत से तो दीवारों पर ही विज्ञापन लिखवा देते हैं। इससे आते-जाते लोगों की नजर उनपर पड़ती है और वह विज्ञापनकर्ता की सेवाओं या वस्तुओं से परिचित हो जाता है। फिर जब उसे आवश्यकता पड़ती है तो विज्ञापनकर्ता का नाम ही उसकी स्मृति में उभरता है।

1. सही विकल्प चुनिए -

क) इतिहास के आरंभ में विज्ञापन कला का  स्वरूप 

1.धार्मिक दार्शनिक और भक्ति संबंधित 

2.धार्मिक 

3.भक्ति

4.भौतिक 

(ख) वर्तमान में विज्ञापन कला का का स्वरूप है-

1.धार्मिक 

2.भौतिक 

3.दार्शनिक

4.व्यावसायिक 

(ग) इश्तहार या हैंडबिल के प्रयोग से विक्रेता को  लाभ होता है-

 1.पहचान बनती है 

2.बिक्री बढ़ती है

3. लोगों की जुबान पर नाम चढ़ जाता है

4.उपरोक्त तीनों 

(घ) दीवारों पर छपे या लिखे हुए विज्ञापनों से  फायदा होता है

1.- पेंटर को

2.कंपनी को

3.  आते जाते लोगों की नजर पड़ती है बिक्री बढ़ती है।

4.नाम होता है

(ङ) “विज्ञापन’ शब्द का वर्ण-विच्छेद कीजिए।

1.वि+ज्ञा+पा+न

2विज्ञान + पन

3.व्+इ+ज्ञ्+आ+प+अ+न+अ

4.विज्ञा+पन।

 प्रश्न,2-निम्नलिखित अपठित पद्यांश पढ़कर उचित उत्तर लिखिए- 5अंक

 ् देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं। 

रह भरोसे भाग के, दुःख भोग पछताते नहीं। 

काम कितना ही कठिन हो, किन्तु उकताते नहीं। 

भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं। 

हो गए इक आन में, उनके बुरे दिन भी भले। 

सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले-फले 

पर्वतों को काटकर सड़कें बना देते हैं वे। 

सैकड़ों मरुभूमि में नदियाँ बहा देते हैं वे। 

गर्भ में जलराशि के बेड़ा चला देते हैं वे। 

जंगलों में भी महा मंगल रचा देते हैं वे। 

भेद नभ-तल का उन्होंने है बहुत बतला दिया। 

है उन्होंने ही निकाली तार की सारी क्रिया। 

व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर। 

वे घने जंगल जहाँ रहता है तम आठों प्रहर। 

गर्जती जलराशि की उठती हुई ऊँची लहर।

आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लहर। 

ये कँपा सकते कभी, जिनके कलेजे को नहीं। 

भूलकर भी वे कभी, नाकाम रहते हैं नहीं। 

प्रश्न .  सही विकल्प चुनिए -

(क) जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं से न घबराने वाले होते है

1.वीर 

.2.कर्म निष्ठ

3.धीर

4.धीर वीर 

ख) भाग्य के भरोसे रहने वालों को  दुष्परिणाम भोगना पड़ता है? 

1.सुख भोगते हैं

2.कार्य पूरे होते हैं

3.दुख भोगते हैं

4. दुख भोग कर पछताते हैं

(ग)मरुभूमि का अर्थ लिखिए

1.हरी भरी भूमि

2.मरुस्थलीय भूमि

3. बंजर भूमि

4.पर्वतीय भूमि

(घ)दुर्गम शब्द में कौन  उपसर्ग है-

1.दु

2.दुर

3.गम

4.म.

(ड.) भाग्य के भरोसे कौन नहीं बैठते?

 1.कर्म वीर

2.संत

3.किसान

4.सैनिक

प्रश्न 3.किन्हीं चार पंक्तियों में अलंकार पहचानकर अलंकार का नाम लिखें -4

क). तीन बेर खाती थी मैं तीन बेर खाती है।

 ख.) पीपर पात सरिस मन डोला

ग.) मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लैहो 

घ.) मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे |

ड.)जो खग हैं तो बसेरों क्यों मिलि,कालिंदी कूल कदंब की डारन

प्रश्न4..निम्नलिखित में से प्रत्यय एवं उपसर्ग पृथक करें-4.

(क)इंसानियत ,मानवता, (मूल शब्द और प्रत्यय पृथक करें)

(ख)पर एवं अति उपसर्ग जोड़कर दो - दो  शब्दों का निर्माण कीजिए 

 प्रश्न 5.निम्नलिखित शब्दों में से कोई चार समस्त पदों को पहचान कर विग्रह सहित समास का नाम लिखें -4.

पंचवटी ,रसगुल्ला, दशानन, पाप पुण्य, नीलकमल,

प्रश्न -6. .निम्नलिखित वाक्यों को पहचान कर किन्हीं चार वाक्य का प्रकार बताइए!4.

 क.)ओह! आप राम के पिताजी हैं !

ख.)यदि छुट्टी रही रही तो मैं कल आऊंगा ।

ग.)विद्यालय में पान मसाला खाना वर्जित है ।

घ).कल महाशिवरात्रि का पर्व है।

ड़ ).-आप कितने दिन बाद मथुरा से लौटे हैं?

प्रश्न 7. निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर उचित विकल्प का चयन करें -5

रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव। 

जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार। 

पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।

जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे।।

खा-खाकर कुछ पाएंगा नहीं,

न खाकर बनेगा अहंकारी।

सम खा तभी होगा समभावी,

खुलेगी साँकल बंद द्वार की

1कवित्री के अनुसार कच्ची रस्सी की तुलना की गई है -

क)धागे से 

ख)शरीर से 

ग)सांसों से

घ) जीवन से 

2-कवित्री ने भव सागर को माना है-

 क)स्वर्ग 

ख)नरक

ग) पति का घर

घ) संसार

3. 'रस्सी कच्चे धागे की' से कवयित्री का अभिप्राय है -

क). धागा कच्चा है

 ख). धागा कप का है

 ग) सांसों का भरोसा नहीं 

  घ)कमजोर साथी

4. 'नाव' किसे कहा गया है?

क). दुनिया को

 ख) घर-बार को

 ग) वर्गीकरण को

 घ). जीवन व शरीर को

 5.. कवयित्री घर जाना चाहती है-

 क). पति के

 ख) भगवान के

 ग). मां के

 घ). प्रेमी के 

अथवा 

चंद्रयान 3 पर एक अनुच्छेद लिखिए।

प्रश्न 8-(1.) उचित उत्तर लिखिए-

"जेब टटोली कौड़ी न पाई मांझी को दूं क्या उतराई।"

में मांझी और उतराई का क्या अर्थ है? 1.

(2)"कोटिक ए कलधऔत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौ।" का भावार्थ स्पष्ट कीजिए - 1.

प्रश्न 9.-निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उचित उत्तर लिखिए-5+2

.1. एक नयी जीवन-शैली अपना वर्चस्व स्थापित कर रही है। उसके साथ आ रहा है एक नया जीवन-दर्शन-उपभोक्तावाद का दर्शन। उत्पादन बढ़ाने पर जोर है चारों ओर। यह उत्पादन आपके लिए है; आपके भोग के लिए है, आपके सुख के लिए है। ‘सुख' की व्याख्या बदल गई है। उपभोग-भोग ही सुख है। एक सूक्ष्म बदलाव आया है नई स्थिति में उत्पाद तो आपके लिए हैं, पर। आप यह भूल जाते हैं कि जाने-अनजाने आज के माहौल में आपका चरित्र भी बदल रहा है और आप उत्पाद को समर्पित होते जा रहे हैं।संभ्रांत महिलाओं की ड्रेसिंग टेबल पर तीस-तीस हजार की सौंदर्य सामग्री होना तो मामूली बात है। पेरिस से परफ्यूम मॅगाइए, इतना ही और खर्च हो जाएगा। ये प्रतिष्ठा-चिह्न हैं, समाज में आपकी हैसियत जताते हैं। पुरुष भी इस दौड़ में पीछे नहीं है। पहले उनका काम साबुन और तेल से चल जाता था। आफ्टर शेव और कोलोन बाद में आए। अब तो इस सूची में दर्जन-दो दर्जन चीजें और जुड़ गई हैं।

प्रश्न -सही विकल्प चयन कीजिए -

( अ)

(1) लेखक के अनुसार,आज एक नयी जीवन शैली स्थापित कश्ती जा रही है अपना-

क)वर्चस्व

ख)दबदबा

ग)पहचान

घ)स्तंभ 

(2.) उपभोक्तावाद के दर्शन के कारण आज आने अनजाने बदल रहा है हमारा -

क)व्यवहार

ख)चरित्र

ग)सभ्यता

घ)जीवन

(3) उपभोक्तावादी के अनुसार आज सच्चा सुख है

    क )भोग उपभोग में

   ख) अध्यात्म में

   ग ) त्याग में

   घ) संतोष में

(4.) संभ्रांत महिलाओं से आशय है-

 क)आधुनिक

ख)समझदार

,ग )सम्पन्न

घ)पढ़ी लिखी सम्पन्न समझदार 

(5..) सम्भ्रांत महिलाओं की टेबल भरी रहती हैं -

1)भोजन से

2)रुपयों से

3)सौन्दर्य प्रसाधनों से

4)पुस्तकों से

(.आ)

(1) आधुनिक युग में पुरूष किस दौड़ में शामिल हो गए हैं?

1.दिखावा की

2.फैशन की

 3.साधना जुटाने की

4.सौन्दर्य प्रसाधनों जुटाकर खुद को आकर्षक दिखाने की

2.) उपभोक्तावादी दर्शन की सभ्यता से ऐसा प्रतीत होता है- 1.जैसे कि साधन हमारे लिए नहीं बने हम साधनों के लिए बने हैं .

2.जैसे कि हम साधनों के लिए समर्पित होते चले जा रहे हैं 

3.जैसे कि साधना के बिना हमारा काम नहीं चलेगा

4.जैसे कि यही जीवन है।


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