स्ववृत लेखन
ये svmके कुछ आदर्श विद्यार्थियों के लिखे स्ववृत स्ववृत्त लेखन से अभिप्राय अपने विवरण से है। यह एक बना बनाया प्रारूप होता है जिसे विज्ञापन के प्रत्युत्तर में आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है। नौकरी के संदर्भ में स्ववृत्त की तुलना एक उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से की जाती है। अभिप्राय है कि स्ववृत्त का प्रारूप उसे प्रभावशाली बनाता है। एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है। नौकरी में सफलता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है। स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएं संकलित की जाती है। स्ववृत्त में दो पक्ष होते हैं:- पहला पक्ष वह व्यक्ति है जिसको केंद्र में रखकर सूचनाएं संकलित की जाती है। दूसरा पक्ष नियोजन का है। स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए। अपने व्यक्तित्व , ज्ञान और अनुभव के सबल पहलुओं पर जोर देना चाहिए। स्ववृत्त का आकार अति संक्षिप्त अथवा जरूरत से ज्यादा लंबा नहीं होन...