हर बीमारी इलाज ।यानी घर का वैद्य

 इस पुस्तक में लिखे अनेक नुस्खों को मैंने अनेक लोगों पर अपने घर परिवार में प्रयोग किया  और रोग को भगाया। इसलिए इस किताब के घरेलू उपायों को शेयर कर रही हूं।

  आप  भी लाभ उठा सकते हैं।

 



जल जाने पर I



 अगर जिस्म का कोई हिस्सा जल जाए तो गोले का तेल 50 ग्राम गर्म करके 12 ग्राम कपूर पीसकर मिला लें। यह तल ठंडा करके दिन में 4-5 बार जली हुई जगह पर लगायें। जले हुए अंग को फोरम सरसों के तेल में डुबो दें तो छाला नही पड़ने देता।

सीप-गंधक आमलासारगूगल बराबर वजन करके मिला लें।जरूरत के मुताबिक बकरी का दूध मिलाकर रात को जलने वाली जगह पर लेप करें।

सरसों का तेल 50 ग्राम, 12 ग्राम खाने का सोडा और 3 ग्राम कपूर मिलाकर 4-5 दिन रात को मालिश करें। खारिश दूर होगी।

शरीर के किसी भी जले अंग पर सिरस के पत्ते मलने से लाभ

अमलतास के पत्तों को पानी में पीसकर लगाने से जले हुए अंग पर आराम होता है।

आग या गर्म पानी से जले हुए अंग पर तिलों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।

जले हुए अंग पर अरण्ड के पले लगाने से आराम मिलता है।

बड़ की झोपलों को गाय के दूध की दही में पीसकर आग से जले हुए स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।

अनार के पत्ते पीसकर जल स्थान पर लगाने से जलने की पीड़ा मिट जाती है।

कालो मसूर की दाल को तवे पर जलाकर कोयला कर लें तथा कपड़छन करके शीशी में भरकर रख लें। आवश्यकता पड़ने पर गोले के तेल में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगायेंइससे  तो छाले पड़ेंगे और  ही जले का निशान रहेगा। यह एक आजमाया हुआ नुस्खा है।

जले हुए स्थान पर गाय का गोबर लगाने से फौरन आराम  जाता है तथा निशान भी नहीं रहता।

कच्चा आलू पीसकर लगाने से लाभ होगा।

जले हुए भाग को 15-20 मिनट के लिए गेहूं के आटे में दबा लें लाभ होगा। जलने पर उस भाग को पानी में डूबा दें जलन में कमी होगी।

    I जोड़ों का दर्द दूर करने की दवा I



कनेर की पत्ती उबालकर पीस लें और मीठे तेल में मिलाकर लेप करें। इससे दर्द जाता रहता है।

कड़वे तेल में अजवायन और लहसुन जलाकर उस तेल की मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।

दमाश्वास खांसी I

पके हुए केलेके छिलकों को सुखाएंआग पर अच्छी तरह जलाकर भस्म करें। बारीक पीसकर शीशी में भरकर रखें। रात को सोते समय 5 ग्राम भस्म में शहद मिलाकर च्यवनप्राश की तरह सेवन करें। धूम्रपान एवम् चिकनाहट (वनस्पति तेलोंका सख्ती से परहेज करें। निश्चित ही लाभ होगा।

 खांसी।


 * लाल फ़िटकरी एक चना बराबर मात्रा में तवे पर भून कर फूला बनाएं, फूला बन जाने के बाद चूर्ण बनाकर तीन पुड़िया बनाएं और शहद से लें, अधिक खांसी होने पर एक दिन की खुराक और बढाएं। अधिकतम छ पुड़िया तीन दिन।
 
*दालचीनी के चूर्ण को शहद में मिलाकर, एक चम्मच शहद एक चुटकी दालचीनी दिन में तीन बार ।

*एक चम्मच शहद मैं एक पीपल भून कर चूर्ण बनाकर भी लेने से फायदा होता है।

 *सूखी खांसी का तूफान आ रहा है तो छोटे से अदरक के टुकड़े को सेंधा नमक में लपेटकर दाढ़ के नीचे दबा लें और चूसते रहें तुरंत खांसी शांत हो जाती है

*मुलहठीकत्था और गोंद बबल प्रत्येक दस ग्राम लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान लें। अदरक के रस में दो-तीन घंटे घोटकर चने के बराकर की गोलियां बना लें और एक-एक गोली चूमते रहें। खांसी में अत्यनत लाभदायक है।

दस-पन्द्रह तुलसी के पत्ते और आठ-दस काली मिर्च की चाय बनाकर पीने से खांसीजुकाम  बुखार ठीक हो जाता है।

*आंवले के छिलके को सुखाकर चूर्ण बनाकर और बराबर मिश्री मिला लें। 6 ग्राम सुबह ताजे पानी से खायें। पुरानी से पुरानी खांस भी ठीक हो जाएगी।

*मुलहठीकाली मिर्च 10-10 ग्राम भूनकर पीस लें और 30 ग्राम पुराने गुड़ में मिला लें। मटर के दाने बराबर जैसी गोलियां बना लें। सुबह शाम साजे पानी के साथ सेवन करें। खांसी जड़ से ही ठीक जाती है।

अदरक का रस  शहद 10-10 ग्राम बराबर मिलाकर गर्म करके चाटने से खांसी ठीक हो जाती है।

दमा I

सूखा आंवला और मुलहठी को अलग-अलग पीसकर बारीक चूर्ण सा बना ले और फिर उन्हें मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण दिन में दो बार खाली पेट लेने से दमे में लाभ होता है।

25 ग्राम अलसी को कुचलकर 375 ग्राम पानी में औटाए। जब एक तिहाई रह जाये लो 125 ग्राम मिश्री मिलाकर रख लें। इसमें एक-एक चम्मच भर काढा एक-एक घंटे के अन्तर से दिन में कई बार पिलायेंलाभ अवश्य होगा। उल्टी हो तो  लें।

रोगी को केवल गर्म पानी अथवा गर्म दूध पिलाने से कफ पतला हो जाता है और श्वांस दमा के दौरे में आराम मिलता है।

5-7 बादामों की गिरीको पानी में पीसकर आग पर कछ देर तक उबालें। थोड़ा-थोड़ा रोगी को पिलाते रहने से दमे का दौरा श्रम जाता है।

30-40 ग्राम अंगूर का रस गर्म करके रोगी को पिलाने से श्वास का वेग घट जाता है।

काली खासी |

फिटकरी भूनकर बारीक करें। वजन खुराक एक रत्ती में थोड़ी-सी चीनी मिलाकर दिन में दो बार खायें। 5 दिन में खांसी ठीक हो जाती है। बड़े आदमी को 2 रत्ती दें। कोरेक्स जो मेडिकल स्टोर पर मिलता हैखांसी के लिए बहुत अच्छी दवा हैइसके इस्तेमाल करने से बहुत लाभ होगा। ग्राम अदरक के बारीक टुकड़े करें  2 ग्राम काली मिर्च को कूट लेंफिर बीस ग्राम पुराना गुड़ मिलाकर सबको ढाई सौ ग्राम पानी में मिलाए। चौथाई पानी रह जाने पर उतार कर छान लें और पी जाएं। दो तीन दिन सेवन करने से जुकामं दूर हो जाएगा।

नजलाजुकाम 

भुने चने का छिलका उतरा हुआ आटा 20 ग्राममलाई या रबड़ 20 ग्रामथोड़े शहद में मिलाकर 4 बूंद अमृतधारा असली मिलाकर कुछ दिन रात को खाने से नये  पुराने नजले में बहुत लाभ करता है। गुलबिनवशा 4 ग्राममुलहठी 4 ग्रामउन्नाव 5 दानेमुनक्का 4 दानेउस्तखड्स 2 ग्राम। सबको एक गिलास पानी में पकाओजब पानी 200 ग्राम रह जाए तो थोड़ी खांड मिलाकर रात को पियें। खटाई का परहेज करें।

नकसीर की दवा I

ताजा नींबू का रस निकालकर नाक में कुछ बूंद टपकायेंरक्त फौरन बन्द हो जायगा।

रात को कुछ किशमिश भिगो दें तथा सुबह चबाकर खा लें। कुछ दिन नियमित लेने से बार-बार नकसीर आने का रोग बन्द हो जाता है।

चन्दन पत्थर पर घिसकर माथे पर लेप करें। नाक से खून आना बंद हो जाएगा।

यदि खून किसी प्रकार बन्द  होता हो तो हाथ पैर को ठंडे पानी से खूब धोयें और सिर पर ठंडा पानी डालें। इससे खून आना तुरन्त बन्द हो जाएगा।

गले का बैठ जाना I

सर्दी-जुकाम के कारण यदि गला बैठ गया होतो रात में सोते समय 4-5 काली मिर्च बताशे के साथ चबाकर सो जाएं। इससे स्वर भंगसर्दी-जुकाम ठीक हो जाएगा इससे गला भी तत्काल खुल जाता है।

गर्म वस्तु के सेवन के पश्चात् ठण्डा खा लेने पर अक्सर गला बैठ जाता है। ऐसे में 1 ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुंह में रखकर कुछ देर चबाते रहें फिर वैसे ही मुंह में रखकर सो जाएं। प्रात:काल उठने पर गला एकदम साफ मिलेगा।

मुलहठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर दांतों से चबाकर चसते रहेंइससे गला खलने के साथ साथ गले का दर्द आदि भी जाता रहता है।

 बुखार 

15 तुलसी के पत्ते, 5 दाने काली मिर्च, 5 ग्राम नीम। इन सबको पीसकर आधा कप पानी में गर्म करें। 3 दिन तक सेवन करें। बुखार शर्तिया ठीक हो जाएगा।

पेचिश का इलाज 

एक तोला ईसबगोल पानी के साथ खीर की तरह मिश्री डालकर पकाकर खाएं। पेचिश ठी हो जाएगी।

 गठिया I


  

असगन्ध बूटी की जड़ और खांड बराबर लें तथा कूट-पीसकर चूर्ण कर लें। प्रतिदिन दोनों समय ांच ग्राम से दस ग्राम तक गर्म दूध के साथ सेवन करें। यह गठिया का अचूक इलाज है।

अजवायनमुगलमाल कांवनीकाला दानाचारों औषधियां बराबर मात्रा मे लेकर कूट-पीस लें तथा जल मिलाकर चने के बराबर गोली बना लें। 4 गोलियों दः से लें। कुछ ही दिनों में गठिया रोग से छुटकारा मिल जायेगा।

दर्द गठिया बाय पुरानी 

केसर बढ़िया 3 ग्रामसरनजान 10 ग्रामखांड 12 ग्राम सबको बारीक पीसकर 32 पुड़िया बनाइए।। पुड़िया सुबह 1 पुड़िया शाम को गाय के दूध के साथ लें। बाय गठिया के दर्द के लिए बहुत अच्छी दवा है।

तारपीन का तेल और स्प्रिट  बाबूना का तेल बराबर-बराबर मिलाकर रात को मालिश करें। मालिश के बाद गर्म कपड़ा बांधकर सो जाएं। कुछ ही दिनों में बाय का दर्द ठीक हो सकता है। दवा लगाने के बाद दो दिन तक  लहाए।

घुटनों का दर्द I

 


प्रातःकाल मेथी दाना के बारीक चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ फंकी लगाने से घुटनों का दर्द खत्म हो जाता है। बुढ़ापे के कारण होने वाले घुटनों के दर्द में यह विशेष उपयोगी है। दर्द के अलावा यह स्नायु रोगबहुमूत्रसूखा रोग  खून आदि की कमी में बहुत उपयोगी है।

प्रातः खाली पेट तीन-चार अखरोट की गिरी खाने से भी घुटनों का दर्द जाता रहता है।

नारियल की गिरी खाते रहना घुटनों के दर्द से छुटकारा दिला देता है।

अरण्ड के पत्ते और मेंहदी पीसकर लेप करने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।

ग्राम कोंच के बीजों को दूध के साथ चौदह दिन तक खाने से घुटनों का दर्द मिट जाता है।

सूखे आंवलों को कूट-पीसकर दोगुनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बड़े मटर के आकार में गोलियां बनाकर रोजाना 3 गोलियां पानी के साथ लेने से घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है।

हाथ पैरों की ऐठन I

अडूसा के फूल और फलों को तेल में जलाकर छान लें। इस तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।

अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐठन समाप्त हो जाती है।

अगों की शून्यता।

शरीर में यदि कहीं खून की मांठे जम गई होंतो उस जगह पर कुसुम्बे के बीजों को पानी में पीसकर लेप करने से खून का दौरा चालू हो जाता है।

दांतों के दर्द के लिए।

 


 

लौंग 5 ग्रामकपूर ग्राम दोनों बारीक पीसकर दांतों पर मलने से दांतों के सब रोग दूर हो जाते हैं।

सेंधा नमक और सरसों का तेल दोनों मिलाकर मंजन करने से पायरियादांतों का हिलना आदि सब रोग दूर हो जाते हैं।

यदि किसी सज्जन के दातों से चबाने पर देंर्द होता है तो रात को सोते समय थोड़ी-सी पिसी हल्दी  सरसों का तेल दांगो पर लेप कर लें तथा सुबह कुल्ला कर लें। ध्यान रहे यह लेप करने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। आजमाया हुआ नुस्खा है।

प्याज के पानी को दांतों पर मलने से बहुत से दंत रोग ठीक हो जाते हैं और कीड़ा नहीं लगता।

दन्त मजन 

दाल चीनीभुना हुआ धनियासेंधा नमककाली मिर्चचोब चीनी, ‘मस्तगी और कपूर कचरीप्रत्येक दस ग्रामा पपड़िया कत्था बीस ग्राममाजूफल पांच नग। इन सबको कूट-पीसकर मंजन बना लें। इस मंजन का प्रयोग करने से दंत रोग दूर होंगे।

अजवायन खुरासानीवायविडंगअकरकरा तीनों की बराबर मात्रा लेकर कूट-पीसकर मंजन बना लें। इस मजन के प्रयोग से  दांत  स्वच्छ और दृढ़ होते हैं।

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