बसंत भाग 2 पाठ 4 कठपुतली कविता पाठ एवं प्रश्न उत्तर अभ्यास
कविता
कठपुतली गुस्से से उबली।
बोली ये धागे
क्यों हैं ,मेरे पीछे आगे?
इन्हें तोड़ दो
मुझे मेरे पावों पर छोड़ दो ।
सुन कर बोलीं पर और और
कठपुतलियां
कि हां,
बहुत दिन हुए
हमें अपने मन के छंद छुए।
मगर....
पहली कठपुतली सोचने लगी,
ये कैसी इच्छा
मेरे मन में जगी?
शब्दार्थ
गुस्से से उबली- गुस्सा में भर कर बोली
मुझे मेरे पांवपर छोड़ दो -मुझे स्वतंत्र कर दो
मन के छंद छुए-अपने मन की इच्छाएं पूरी किए हुए
क्रिया कलाप- कठपुतली निर्माण,और कहानी निर्माण तमाशा प्रदर्शन
प्रश्न .1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आ रहा था?
उत्तर . कठपुतली को गुस्सा इसलिए आ रहा था क्योंकि लोगों ने उस उसे धागों में बांध रखा वह स्वतंत्र नहीं थी वह कोई भी अपना काम अपनी मर्जी से नहीं कर पा रही थी लोग उसे अपने इशारों पर नचा रहे थे इसलिए उसे गुस्सा आ रहा था।
प्रश्न 2.कठपुतली अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी परंतु फिर भी वह अपने पैरों पर खड़ी क्यों नहीं हो पा रही थी?
उत्तर .कठपुतली अपने पैरों पर इसलिए नहीं खड़ी हो पा रही थी क्योंकि वह स्वतंत्र नहीं थी वह बंधनों में बंधी हुई थी लोग उसे धागों में बांधकर अपने इशारों पर नचा रहे थे।
प्रश्न 3.एक कठपुतली को दूसरी कठपुतली की बात क्यों अच्छी लगी?
उत्तर.आजादी सभी को पसंद होती है बाकी कठपुतलियां भी बंधनों में बंधी हुई थी वह भी आजादी चाहती थी इसलिए पहली कठपुतली की बात अन्य सभी कठपुतलियों को अच्छी लगी।
प्रश्न 4. कविता में पहली कठपुतली ने कहा है यह कैसी इच्छा मेरे मन में जरी इस पंक्ति का भाव क्या है?
उत्तर इस पंक्ति का भाव है की पहली कठपुतली के मन में स्वतंत्र होने की जो इच्छा आई जो गुस्सा उसे आ रहा था वह गुस्सा और इच्छा अन्य कठपुतलियों को अच्छी लगी जिसके कारण उस कोटपुतली के मन में उन सब लोगों को स्वतंत्र करने की भी इच्छा जगी वे उनको अधिकार दिलाने के लिए अत्याचारों का विरोध करना चाहती थी साहस के साथ सामना करना चाहती थी और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहती थी।
सहायक सामग्री -कठ पुतली ,पिजरा ,धागे,
Mam acha hai mam samagh me aa gaya
ReplyDeleteWow mam accha hai samagh aa gay
ReplyDeleteYes very good samag aa gaya
ReplyDeleteWow mam samag aa gaya
DeleteMam bahut AcchI lagi
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