कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने बाहर भीतर इस घर, उस घर कविता के पंख लगा उड़ने के माने चिड़िया क्या जाने? कविता एक खिलना है फूलों के बहाने कविता का खिलना भला फूल क्या जाने! बाहर भीतर इस घर, उस घर बिना मुरझाए महकने के माने फूल क्या जाने? कविता एक खेल है बच्चों के बहाने बाहर भीतर यह घर, वह घर सब घर एक कर देने के माने बच्चा ही जाने। कविता का मूल भाव: चिड़िया के बहाने: कविता चिड़िया की उड़ान के माध्यम से कविता की असीम उड़ान को दर्शाती है। चिड़िया एक सीमा तक ही उड़ सकती है, लेकिन कविता की उड़ान की कोई सीमा नहीं है, as per Hindwi. फूल के बहाने: कविता फूल के खिलने और मुरझाने के माध्यम से कविता के शाश्वत होने का वर्णन करती है। फूल एक निश्चित समय तक ही खिलता है, लेकिन कविता हमेशा महकती रहती है,. बच्चे के बहाने: कविता बच्चे के खेल के माध्यम से कविता की रचनात्मकता और असीम संभावनाओं को दर्शाती है। बच्चे बिना किसी सीमा के कल्पना करते हैं, कविता के बहाने, बात सीधी थी पर अति लघु उत्तरीय प्रश्न ...