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संचालन सूर सदन

  क्रम ............नाम..............समय S -..1. गणगीत-   ............….    3मिनट(12:00) सभागार में उपस्थित सभी बंधु और भगिनियों को सरला भारद्वाज का नमस्कार आज हम सभी यहां तरुणी समन्वय सम्मेलन में उपस्थित हुए हैं । आईए कार्यक्रम की प्रथम कड़ी गणजीत से हम कार्यक्रम का शुभारंभ करें।  मैं गण गीत के लिए मैं आमंत्रित करना चाहूंगी...... 2.प्रश्नोतरी.   .पारुल जी।      ( 12:05-12:20)  P -..बहुत अच्छा ........जी " तालिया से भरपूर उत्साह वर्धन करें और साथ ही डॉक्टर प्रतिभा शर्मा का नमस्कार स्वीकार करें । कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में अब मैं आमंत्रित करतीहूं पारुल जी को जो प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कार्यक्रम को रोचक बना देंगी। S...सामान्य परिचय एवं जलपान  सूचनाएं।(12:20-12:25/30) P...4.दीप प्रज्वलन (अतिथि आगमन पर)  (दीप मंत्र s) S....5-स्वागत एवं परिचय......... P.....6.गणेश वंदना........ S.......7-प्रस्तावना.... साधुवाद ,अत्यंत सुंदर प्रस्तुति- सूरज उदय को रोक दें। ऐसी थी नारियां ऐसी थी नारियां मेरे भारत की नारियां। अनुसूइया, अरुंधती,सीता व शांडिली। अनगिनत हैं सावित्रियां न जायेंगी गिनी। हम

बाल महाभारत पाठ21-28

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   प्रश्न / उत्तर  पाठ 21-प्रतिज्ञा पूर्ति प्रश्न-1 शंख की ध्वनि को सुनकर द्रोण ने क्या शंका व्यक्त की? उत्तर- द्रोण ने कहा-“मालूम होता है, यह तो अर्जुन ही आया है।" प्रश्न-2 दुर्योधन ने पितामह भीष्म को संधि के संबंध में क्या कहा? उत्तर- दुर्योधन ने कहा-"पूज्य पितामह! मैं संधि नहीं चाहता हूँ। राज्य तो दूर रहा, मैं तो एक गाँव तक पांडवों को देने के लिए तैयार नहीं हूँ ।" प्रश्न-3 किसने किससे कहा? “कर्ण! मूर्खता की बातें न करो। हम सबको एक साथ मिलकर अर्जुन का मुकाबला करना होगा।” कृपाचार्य ने कर्ण से कहा । प्रश्न-4 कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म ने क्या कहा? उत्तर – कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म बोले "यह आपस में बैर-विरोध या झगड़े का समय नहीं है। अभी तो सबको एक साथ मिलकर शत्रु का मुकाबला करना है।" प्रश्न-5 रण भूमि में अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की कैसे वंदना की? उत्तर – अर्जुन ने गांडीव पर चढ़ाकर दो-दो बाण आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की ओर इस तरह से छोड़े जो उनके चरणों में जाकर गिरे। इस प्रकार अ

बाल राम कथा -सोने का हिरन से राज्याभिषेक

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  पाठ -सोने का हिरन_ प्रश्न / उत्तर प्रश्न-1 सोने का हिरण कौन बना था? उत्तर- सोने का हिरण मारीच बना था । प्रश्न-2 राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण ने क्या किया? उत्तर- राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा । प्रश्न-3 हिरण किस प्रकार चालाक था? उत्तर - हिरण चालाक था क्योंकि वह इतनी दूर कभी नहीं जाता था कि वह राम के पहुँच से बाहर हो जाए । प्रश्न-4 राम के सारे प्रयास क्यों विफल हो गए और अंत में उन्होंने क्या किया? उत्तर - राम के सारे प्रयास विफल हो गए क्योंकि वो हिरण को नहीं पकड़ पाए । अंत में उन्होंने अपना धनुष उठाया और एक बाण उस पर छोड़ दिया । बाण लगते ही हिरण गिर पड़ा । प्रश्न-5 बाण से धरती पर गिरते ही मारीच ने क्या किया? उत्तर - मारीच राम जैसी आवाज़ में ज़ोर से चिल्लाया, “हा सीते! हा लक्ष्मण!” ध्वनि ऐसी थी जैसे बाण राम को लगा हो और वो सहायता के लिए पुकार रहे हों । प्रश्न-6 मारीच की मृत्यु कैसे हुई? उत्तर - मारीच ने हिरण का रूप धारण किया था । जब राम ने हिरण पर बाण चलाया, हिरण बाण लगने से गिर गया । मारीच अपने असली रूप में आ गया पर जल्दी ही उसके

हिंदी 10th कोर्स" ए" सैम्पल पेपर 2023/24

हिंदी 10th कोर्स" ए" वार्षिक  सैम्पल पेपर 2023/24 15मिनट पढ़ने के लिए, गहन अध्ययन के पश्चात हल करना प्रारंभ करें। समय 3घंटे पू र्णांक- 80 सामान्य निर्देश: इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं- खंड ‘क’ और ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पी और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं। प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए। खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए। खंड – अ (बहुविकल्पी/ वस्तुपरक प्रश्न) निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5=5) हमारे देश में हिंदी फ़िल्मों के गीत अपने आरंभ से ही आम दर्शक के सुख-दुख के साथी रहे हैं। वर्तमान समय में हिंदी फ़िल्मों के गीतों ने आम जन के हृदय में लो

लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त, विधि विधान

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दीपावली पर लक्ष्मी गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त  दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का मुहूर्त- 12 नवंबर 2023 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।  अवधि: 01 घंटा 54 मिनट  प्रदोष काल- 05:29 से 08:07 तक वृषभ काल- 05:40 से 07 :36 तक दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त- 11:39 से 12:31 तक अवधि- 52 मिनट महानिशीथ काल- 11:39 से 12:31 तक सिंह काल- 12:12 से 02:30 तक दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)- 01:26 से 02:47 तक सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)- 05:29 से 10:26 तक रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक Diwali 2023: पांच राजयोग के साथ इस शुभ मुहूर्त में होगी दिवाली पर लक्ष्मी पूजा, वर्षों बाद बना ऐसा संयोग वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी, क्योंकि कई दशकों के बाद दिवाली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हुआ है।   इस साल 12 नवंबर को दीपावली है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देशभर में दिवाली का पर्व बहुत ही